voter हो न हो वेतन सहित छुट्टी मिलेगी सभी को मतदान के दिन 5 अक्टूबर को
इसी बीच पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार जो प्रदेश में अंबाला शहर विधानसभा हलके के एक रजिस्टर्ड मतदाता भी हैं, ने भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई), मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ), हरियाणा के साथ-साथ प्रदेश सरकार के मानव संसाधन विभाग को लिखा है कि सर्वप्रथम वर्तमान कैलेंडर वर्ष 2024 में हरियाणा सरकार के अंतर्गत पड़ने वाले सभी सार्वजनिक कार्यालयों में प्रत्येक शनिवार को पहले से ही राज्य सरकार द्वारा सरकारी अवकाश घोषित किया गया है एवं इस सम्बन्ध में उन्होंने 22 दिसम्बर 2023 को राज्य सरकार द्वारा जारी एक नोटिफिकेशन का भी हवाला दिया है. इसलिए, जहां तक हरियाणा सरकार के अधीन आने वाले सभी सार्वजनिक कार्यालयों का विषय है, शनिवार 5 अक्टूबर 2024 को अवकाश घोषित करने की कोई विशेष आवश्यकता नहीं है.
इसके अलावा, हेमंत ने महत्वपूर्ण पॉइंट उठाते हुए लिखा है कि मतदान के दिन कानूनी तौर पर उस प्रदेश में, जहाँ वोट डाले जा रहे हो, सार्वजनिक (पब्लिक) क्षेत्र और निजी (प्राइवेट) क्षेत्र के हर संगठन में काम करने वाले प्रत्येक कर्मचारी या श्रमिक के लिए पब्लिक हॉलिडे ( सवैतनिक अवकाश) के रूप में घोषित किया जाना चाहिए, भले ही वह कर्मचारी या श्रमिक उस राज्य में रजिस्टर्ड मतदाता है या नहीं।
इस प्रकार, वे सभी कर्मचारी या श्रमिक, जो हालांकि हरियाणा राज्य में स्थित किसी भी सार्वजनिक या निजी क्षेत्र के संगठन में कार्यरत हैं, परन्तु जो हरियाणा राज्य में रजिस्टर्ड मतदाता नहीं हैं बल्कि देश के अन्य राज्यों जैसे पडोसी राज्यों जैसे दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश या देश के किसी अन्य प्रदेश में रजिस्टर्ड मतदाता हैं, को भी हरियाणा विधानसभा के आम चुनाव के लिए निर्धारित मतदान के दिन शनिवार, 5 अक्टूबर 2024 को वेतन के साथ अवकाश (छुट्टी) का लाभ प्रदान किया जाना बनता है अर्थात वह उसके हकदार हैं.
हालाँकि हेमंत का कहना है कि हरियाणा सरकार के मानव संसाधन विभाग द्वारा 20 सितंबर 2024 को जारी अवकाश (छुट्टी) घोषित करने संबंधी नोटिफिकेशन को पढ़ने से ऐसा प्रतीक होता है कि सवैतनिक अवकाश/विशेष आकस्मिक अवकाश (भुगतान) का लाभ केवल उन कर्मचारियों या श्रमिकों को ही मिलेगा जो हरियाणा राज्य में रजिस्टर्ड मतदाता हैं जो की कानूनन उचित अर्थात सही नहीं है और इस प्रकार इसमें तत्काल संशोधन कर इसे ठीक किया जाना चाहिए जिसके लिए हेमंत ने चुनाव आयोग और हरियाणा सरकार के साथ उपरोक्त मामला उठाया है.