भिवानी, 21 दिसम्बर। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के चेयरमैन तथा जिला एवं सत्र न्यायाधीश डीआर चालिया के निर्देशानुसार प्राधिकरण के सीजेएम-कम-सचिव पवन कुमार की अध्यक्षता में सब डिवीजन तोशाम, लोहारू और सिवानी के साथ डीएलएसए, भिवानी के पैरा लीगल वालंटियर्स (“अधिकार मित्र”) के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम एडीआर सेंटर में आयोजित हुआ। सीजेएम पवन कुमार ने अधिकार मित्रों से संबंधित समस्याओं व समाधानों पर विचार विमर्श किया और आगामी डीएलएसए के कार्यक्रमों की जानकारी दी।
इस कार्यक्रम में लीगल एड डिफेंस काउंसलर के डिप्टी चीफ एडवोकेट नरेंद्र कांटीवाल और एडवोकेट बबली पवांर ने पैरा लीगल वालंटियर्स (“अधिकार मित्र”) को प्रशिक्षण दिया। एडवोकेट नरेंद्र कांटीवाल, डिप्टी चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसलर (एलएडीसी) ने मोटर वाहन अधिनियम, 1988, मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम, 1987 और नालसा योजना के अंतर्गत कानूनी सहायता, मानसिक रूप से बीमार व्यक्तियों और मानसिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए कानूनी सेवाएं, योजना, 2010, सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005, माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम, 2007, पर्यावरण संबंधी मुद्दे, यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, 2012 के बारे विस्तार से बताया।
इस प्रकार एडवोकेट बबली पवांर, डिप्टी चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसलर (एलएडीसी) ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009, वैकल्पिक विवाद समाधान (धारा 89 सी.पी.सी.) मध्यस्थता और परामर्श में बुनियादी कौशल, लोक अदालत, जिसमें मुकदमे से पहले की कार्यवाही और इसके लाभ शामिल हैं। दलील सौदेबाजी, एचआईवी/एड्स से पीड़ित, विकलांग, ट्रांसजेंडर आदि जैसे हाशिए पर पड़े समूहों के अधिकार, अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम, 1956 और यौनकर्मियों से संबंधित मुद्दे, आपदा प्रबंधन और नालसा योजना के तहत आपदा पीड़ितों को कानूनी सहायता – विधिक सेवा प्राधिकरणों के माध्यम से आपदा पीड़ितों को कानूनी सेवाएं ने भी विस्तार से जानकारी दी।