लोकल ऑडिट की परीक्षाएं लटका कर अभ्यर्थियों का भविष्य अंधकारमय कर रही सरकार
कोर्ट के आदेश की अवहेलना कर निर्धारित तिथि 18 जनवरी तक नहीं कराई गई परीक्षा, अब तक सिर्फ आवेदन मांगे गए
Ο जंगशेर राणा चंडीगढ़
हरियाणा में सरकार और प्रशासन की लापरवाही के कारण विभिन्न सरकारी नौकरियों के लिए परीक्षाएं आयोजित कराने, रिजल्ट घोषित करने और चयनित अभ्यर्थियों को ज्वाइनिंग करने में घोर लापरवाही सामने आ रही है। इसी तरह की बड़ी लापरवाही प्रदेश में लोकल ऑडिट डिपार्मेंट की परीक्षाएं लंबित रखने के सामने आई है। लोकल ऑडिट की परीक्षाएं लटका कर अभ्यर्थियों का भविष्य अंधकारमय किया जा रहा है।
बता दें कि हरियाणा राज्य लेखा सेवा (एचएसएएस) परीक्षाएं पहले एक साथ होती थीं। बाद में लोकल ऑडिट डिपार्मेंट की परीक्षा अलग कर दी गई। सरकार ने लोकल ऑडिट की परीक्षाएं अलग करवाने के निर्देश जारी किए। इसके बाद काउंसलिंग में पार्ट वन में 120 में से 43 कैंडिडेट क्लियर हो गए। शेष कैंडिडेट्स में से कुछ कोर्ट चले गए। आरोप है कि बचे हुए उम्मीदवारों के बारे में चाहे कोर्ट जो भी निर्णय दे, कम से कम परीक्षा के लिए क्लियर कर चुके 43 उम्मीदवारों के एग्जाम सरकार को समय से कराने चाहिए थे। लेकिन परीक्षा को लटकाए रखा गया। काफी इंतजार से निराश और नाराज 43 उम्मीदवारों ने कोर्ट की शरण ली।
कोर्ट ने उम्मीदवारों की अपील को स्वीकार करते हुए 3 माह के अंदर 18 जनवरी 2024 तक सभी 43 अभ्यर्थियों की परीक्षा करने का आदेश जारी किया। लेकिन परीक्षा की अंतिम तिथि निकालने के करीब एक पखवाड़े बाद भी सिर्फ अभ्यर्थियों से आवेदन मांगें गए हैं। इसको लेकर सभी अभ्यर्थियों में काफी निराशा है उनका कहना है कि अभी आवेदनों की काउंसलिंग आदि होने में भी काफी समय लगेगा।
आवेदकों को चिंता सता रही है कि अगर इसी तरह से और विलंब होता रहा तो लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो जाएगी और जून तक सभी अभ्यर्थियों को परीक्षा के लिए लंबे इंतजार का सामना करना पड़ेगा। अभ्यर्थी अपने भविष्य को लेकर काफी चिंतित हैं। उनकी मांग है कि सरकार लोकसभा चुनाव से पूर्व परीक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रक्रिया में तेजी लाए। उधर निदेशक स्थानीय लेखा परीक्षा हरियाणा की तरफ से इस संबंध में कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिल पा रहा है। विभाग का कहना है कि परीक्षा के लिए आवेदन की प्रक्रिया जारी है।