राजनीति

बिजली टॉवर के विरोध में गांव निमड़ीवाली में किसानों का आमरण अनशन चौथे दिन भी रहा जारी

टेलीग्राफ एक्ट की आड मे बिना मुआवजा दिए कब्जाई जा रही है अन्नदाताओं की जमीन :  राकेश आर्य

भिवानी: एक तरफ तो सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की बात कहती है, वही दूसरी तरफ अन्नतादाताओं की जमीन पर बिजली टॉवर लगवाकर उनकी उपजाऊ जमीन को ही बंजर बनाकर उन्हे भूखा मारने की साजिश रच रही है। जिसकी ऐवज में किसानों को मुआवजा तक नहीं दिया जा रहा। किसान सरकार की ये जबरदस्ती व तानशाही को कतई बर्दाश्त नहीं करेगा तथा डटकर इस तानाशाही का विरोध करेगा। यह बात किसान नेता राकेश आर्य ने जिला के गांव निमड़ीवाली, कितलाना, अजीतपुर, रूपगढ़ व धिराणा के खेतों में बिजली टॉवर लगाए जाने के विरोध में गांव निमड़ीवाली में जारी धरने को संबोधित करते हुए कही।

गांव निमड़ीवाली में शनिवार को किसानों का आमरण अनशन चौथे दिन भी जारी रहा। इस दौरान किसान नेता राकेश आर्य ने किसानों से आह्वान किया कि 23 अक्तूबर को निमड़ीवाली में किसान महापंचायत का आयोजन किया जाएगा, जिसमें भाकियु राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चंढूनी पहुंचेगे। इस दौरान अधिक से अधिक किसान पहुंचे तथा अपने हक की आवाज को बुलंद करने का काम करें।

धरनारत्त किसानों को संबोधित करते हुए किसान नेता राकेश आर्य ने कहा कि भाजपा सरकार पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए किसानों को पूरी तरह से बर्बाद करना चाहती है।उन्होंने कहा कि जब से भाजपा सत्ता में आई है, तभी से किसान विरोधी फैसले लेकरर किसानों को प्रताडि़त करने का काम कर रही है।

आर्य ने कहा कि अब 1884 मे बने टेलीग्राफ एक्ट की आड मे किसानों की जमीन को बिना मुआवजा राशि के बिजली कंपनियां हथियाना चाहती है, जिसमें सरकार की बराबर की भागीदारी है। उन्होंने कहा कि सरकार व प्रशासन की सहायता से किसानों जमीन पर जबरदस्ती हाईटेंशन टावर खड़े कर दिए गए हैं, जिसके चलते किसानों की उपजाऊ जमीन बंजर होने के साथ-साथ खेत में रहने वाले किसान के सिर पर हमेशा मौत का खतरा मंडराता रहेगा।

आर्य ने कहा कि किसान जिसका डटकर विरोध करेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि अबकी बार किसान झूठे आश्वासनों से नहीं मानेंगे तथा जब तक इस समस्या का स्थायी समाधान नहीं हो जाता, वे किसी भी बड़े संघर्ष से भी पीछे नहीं हटेंगे। इस अवसर पर वीरभान गिल, मांगेराम, दीपक बोहरा, हंसराज, महेन्द्र, वेद सिंहमार, रघुवीर खरबास, सचिन, बल्ला खरबास, राजेश मंदेरणा सहित अनेक किसान मौजूद रहे।

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