Crime
फंदे पर लटका मिला कृषि विकास अधिकारी विशाल भादू का शव
विशाल भादू मूलत:पीली बंगा का रहने वाला था
गांव पाना में गिरादवरी रिपोर्ट के अनुसार 40 हेक्टेयर में ही धान की फसल बोई गई थी, जबकि किसानों द्वारा कृषि विभाग के इन अधिकारियों से मिलकर 104.71 हेक्टेयर भूमि में धान की फसल दिखाकर 37 लाख से ज्यादा का बीमा क्लेम ले लिया।
सिरसा के सदर थाना डबवाली में विशाल भादू , एक सुपरवाइजर, एक पटवारी व 14 किसानों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी, 409, 420, 467, 468, 471 के तहत मामला दर्ज किया था।
राजेंद्र कुमार
सिरसा। भट्टू क्षेत्र के कृषि विकास अधिकारी विशाल भादू का शव संदिग्ध परिस्थितियों में उसके कमरे में फ ांसी के फ ंदे पर लटका हुआ मिला है। सूचना पाकर थाना प्रभारी देवेंद्र नैण मौके पर पहुंचे तो कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। पुलिस ने परिजनों को सूचित कर बुलाया,इसके बाद भट्टू थाना पुलिस ने शव को फ ंदे से उतारकर फ तेहाबाद के नागरिक अस्पताल पोस्टमार्टम के लिए पहुंचाया। समाचार लिखे जाने तक शव का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया था। विशाल भादू मूलत: राजस्थान के हनुमानगढ़ जिला के कस्बा पीलीबंगा का रहने वाला था। आखिर विशाल भादू ने अपनी इहलीला क्यूं समाप्त की इसकी जांच पुलिस करेगी।
भट्टू थाना प्रभारी देवेंद्र नैण के मुताबिक विशाल भादू की भट्टू में ड्यूटी होने के चलते यहां पर मॉडल टाऊन में मकान किराये पर लेकर रह रहा था। आज उसने अपने एक कारिंदे को बुलाया, जब वह मौके पर पहुंचा तो देखा कि कमरे का गेट बंद था, काफ ी आवाज लगाने पर भी गेट नहीं खुला तो उसने पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और कमरे में लगे ऐसी की खिड़की से देखा तो उसका शव फ ांसी के फं दे पर लटका था।
बता दें कि बीते दिनों सिरसा के सदर थाना डबवाली में विशाल भादू , एक सुपरवाइजर, एक पटवारी व 14 किसानों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी, 409, 420, 467, 468, 471 के तहत मामला दर्ज किया था। इन पर गलत रिर्पोट बनाकर फ सल मुआवजा की लाखों रूपयों के गबन का आरोप है। मिली शिकायत के बाद मुख्यमंत्री दसते के सब इंस्पैक्टर राजेश कुमार की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया गया था।
मुख्यमंत्री के विशेष दस्ते ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि उन्होंने वर्ष 2021 खरीफ की प्रति हेक्टेयर रिपोर्ट, पटवारी द्वारा तैयार गिरदावरी रिपोर्ट, मुआवजा राशि की रिपोर्ट और किसानों द्वारा डाले गए क्लेम की रिपोर्ट का अवलोकन किया। इस दौरान यह सामने आया कि गांव पाना में गिरादवरी रिपोर्ट के अनुसार 40 हेक्टेयर में ही धान की फ सल बोई गई थी,जबकि किसानों द्वारा कृषि विभाग के इन अधिकारियों से मिलकर 104.71 हेक्टेयर भूमि में धान की फसल दिखाकर 37 लाख से ज्यादा का बीमा क्लेम ले लिया। पटवारी की खराबा रिपोर्ट में 2021 में पाना गांव में 550 हेक्टेयर में नरमा बुआई हुई थी, जिसमें 34 से 50 प्रतिशत नुकसान था, जिसके लाखों रुपये सरकार ने बांटे।
मुख्यमंत्री के विशेष दस्ते के सब इंस्पैक्टर राजेश के अनुसार कुछ किसानों ने कपास का मुआवजा सरकार से व धान का मुआवजा बीमा कंपनी से गलत तरीके से लिया गया और किसानों ने कृषि विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों से मिलीभगत कर झूठे दस्तावेज तैयार किए। जिस पर पुलिस ने 17 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। पिछले माह मुख्यमंत्री के गांव डबवाली में जन संवाद कार्यक्रम में भी यह मामला फि र उठा तो मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस मामले में अतिशीघ्र व सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए थे। सुसाइड की घटना को इस मुकदमें से जोड़कर भी देखा जा रहा है।