साधक ऑर्गेनिक फार्म: एक नई क्रांति की शुरुआत, जहां खेती है सेहत की गारंटी

जंगशेर राणा चंडीगढ़
काज़मपुर, रायपुर रानी में स्थित रासायनिक उत्पादों की बढ़ती मार और बीमारियों की भरमार के बीच, एक नाम है जो उम्मीद की किरण बनकर उभरा है—साधक ऑर्गेनिक। इस फार्म की नींव रखी है डॉ. परमिंदर कौर ने, जो न केवल एक सफल जैविक उद्यमी हैं, बल्कि समाज को रासायनिक मुक्त जीवनशैली की ओर प्रेरित करने वाली एक सशक्त आवाज़ भी हैं।
100% जैविक उत्पादों का निर्माण
यह फार्म टॉयलेट क्लीनर, फ्लोर क्लीनर, डिश वॉश लिक्विड और ग्लास क्लीनर जैसे दैनिक उपयोग में आने वाले उत्पादों को पूरी तरह जैविक विधि से तैयार करता है। ऐसे समय में जब बीपी, शुगर, और कैंसर जैसी बीमारियां हर तीसरे घर का सच बन चुकी हैं, साधक ऑर्गेनिक एक स्वस्थ विकल्प बनकर उभर रहा है।
स्वास्थ्य से प्रेरणा, समाज की सेवा में समर्पण
डॉ. कौर ने स्वयं ऑर्गेनिक उत्पादों का उपयोग कर गंभीर बीमारियों से निजात पाई और यही अनुभव उनका मिशन बन गया। उन्होंने निश्चय किया कि समाज को भी इस स्वस्थ जीवनशैली की ओर मोड़ना है।
कृषकों के लिए मिसाल बना साधक ऑर्गेनिक
सिर्फ उत्पादों तक सीमित नहीं, डॉ. कौर ने 4 एकड़ जमीन लीज़ पर लेकर मछली पालन, मुर्गी पालन व डेयरी जैसे क्षेत्रों में भी पारंपरिक तरीकों के साथ आधुनिक तकनीक का संतुलन साधते हुए कम लागत में ज्यादा आमदनी का उदाहरण पेश किया है।
जल्द ही फार्म पर एक जागरूकता अभियान शुरू किया जाएगा जिससे छोटे किसान भी अपनी एक एकड़ जमीन से बेहतर आमदनी कर सकें।
परिवार व टीम का मजबूत साथ
इस प्रेरणादायक यात्रा में डॉ. कौर के पति, डॉ. कपूर सिंह (सहायक प्रोफेसर, इतिहास, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, महिला, पंचकूला) का योगदान सराहनीय रहा। फार्म के संचालन में प्रदीप कुमार (फार्म प्रबंधक), सुनील अहलावत (उत्पादन प्रबंधक), संदीप सैनी (विपणन प्रमुख) और सुमन (सहायक) जैसे समर्पित सदस्यों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है।
नवीन पीढ़ी के लिए जागरूकता अभियान
शनिवार को अर्थशास्त्र सहायक प्रोफेसर डॉ. शिवानी कौशिक अपने कॉलेज की छात्राओं—लक्ष्मी, अंजू, सिमरन, अंजली, पायल और सलोनी के साथ फार्म भ्रमण पर आईं, ताकि नई पीढ़ी को जैविक उत्पादों और कम लागत में टिकाऊ आमदनी के साधनों की जानकारी दी जा सके।
सरकार और किसानों के लिए खुला संदेश
डॉ. कौर ने सरकार से अपील की है कि जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए विशेष सहायता योजनाएं और प्रशिक्षण कार्यक्रम आरंभ किए जाएं, ताकि छोटे किसान भी इस दिशा में आत्मनिर्भर बन सकें।
साधक ऑर्गेनिक की यह पहल न केवल खेती की दिशा को बदलने जा रही है, बल्कि यह भारत को एक स्वस्थ, समृद्ध और रासायन मुक्त भविष्य की ओर ले जाने वाला एक बड़ा कदम है।