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बेमानी है काला पानी में सम्मान: सीएम का आश्वासन बट्टे-खाते

प्रदेश के एकमात्र परमवीर चक्कर विजेता के स्मृति स्थल की दुर्दशा सुधारने के लिए 10 दिन में कार्रवाई का मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दिया था आश्वासन

 

सन1971 के भारत पाक युद्ध के हीरो व हरियाणा के एकमात्र परमवीर चक्र विजेता कर्नल होशियार सिंह दहिया, जिसके नाम से अंडमान निकोबार में एक द्वीप का नामकरण भी केंद्र सरकार ने किया है, के पैतृक गाँव में उनकी वीरता को लोगों के दिलों में बनाये रखने के लिए गांव के प्राइमरी स्कूल में उनकी प्रतिमा रथापित्त कर स्मृति स्थल बनाया गया था । यह स्मृति स्थल की पिछले 3 सालों से बहुत ही दयनीय हालत में है।

ऐसा नहीं है की सरकार को इसकी जानकारी नहीं हो, खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल के संज्ञान में यह मामला है l क्षेत्र के मौजिज लोगों ने दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में मुख्यमंत्री जी से मिलकर ज्ञापन दिया था । मुख्यमंत्री के10 दिन में समाधान होने के आश्वासन पर भी धूल की गहरी परतें जम गई, लेकिन स्मृति स्थल की दुर्दशा ज्यूँ की त्यूं है l

पूर्व सैनिकों ने सीएम के आदेशों के 3 महीने बाद गाँव के सरपंच जगबीर सिंह, कर्नल होशियार सिंह दहिया के चचेरे भाई रामफल सहित कई प्रतिनिधि सीएम साहब के आदेशों का हवाला देकर एसडीएम खरखोदा, सीटीएम सोनीपत और डीडीपीओ सोनीपत से मिलकर इस स्मृति स्थल के जीर्णोद्वार का अनुरोध भी किया । लेकिन स्थिति ज्यों की त्यों है।

खरखोदा महिला कॉलेज में कर्नल होशियार सिंह दहिया की नई प्रतिमा का अनावरण मुख्यमंत्री जी हाल में करके चले गए, लेकिन उनके पैतृक गांव के स्मृति स्थल की किसी ने आज तक कोई खबर ली है ।

प्रशासन से अनुरोध है कि प्रशासन , ग्रामवासी व ग्राम पंचायत इस पर ध्यान दें और उनकी स्मृति स्थल का यथाशीघ्र जीर्णोद्धार कराएं ,ताकि एक वीर सैनिक को सही सम्मान आने वाली पढियों को प्रेरणा का काम करे। बतादें कि कर्नल होशियार सिंह दहिया के नाम पर अंडमान निकोबार में एक द्वीप का नाम भी उनके सम्मान में रखा गया है लेकिन गांव में वह कहानी है “घर का जोगी जोगड़ा बाहर का जोगी सिद्ध” अर्थात जिसने देश के लिए सर्वस्व न्योछावर कर दिया उस परमवीर के स्थल की दुर्गति की किसी ने कोई खबर नहीं ली।
हरियाणा सरकार, प्रशासन और ग्राम वासियों से पूर्व सैनिकों का अनुरोध है कि ग्राम सिसाना में इस महँ वीर के स्मृति स्थल का जीर्णोद्धार करवा कर देश-प्रदेश को गौरान्वित कर यस के भागी बनें।

कर्नल होशियार सिंह जिन्हें सर्वप्रथम जीते जी परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया
परम वीर चक्र विजेता कर्नल होशियार सिंह का जन्म 5 मई 1937 को सोनीपत जिले के सिसाना गांव में हुआ था प्रारंभिक शिक्षा गांव में ग्रहण कर उच्च शिक्षा के के लिए जाट कॉलेज रोहतक पहुंचे और यहीं से सेना में भर्ती हुए 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में 3 ग्रेडियस बटालियन में एक कंपनी की कमांड करते हुए इन्होंने अदम्य साहस और बहादुरी दिखाई। गंभीर रूप से घायल होते हुए हौसला नहीं छोड़ा और दुश्मन के छक्के छुड़ा दिए । उनकी इस वीरता पर उन्हें परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था l ये पहले ऐसे जीवित सैनिक थे जिन्हें सर्वप्रथम जीते जी परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था रिटायरमेंट के बाद ये जयपुर में निवास करने लगे और वहीं पर 1998 में उनका स्वर्गवास हो गया था।

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