सम्भावना: शत्रुजीत होंगे हरियाणा के नए पुलिस महानिदेशक !
हरियाणा के पुलिस महानिदेशक पीके अग्रवाल 15 अगस्त को सेवानिवृत्त हो रहे हैं l सेवनिवर्ती से पूर्व नए DGP की चयन प्रक्रिया शुरू हो अंतिम चरण में है l हरियाणा के नए डीजीपी के चयन के लिए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने प्रदेश के नौ आईपीएस की सूची में से तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को शॉर्ट लिस्ट कर लिया है। इन तीन आईपीएस अधिकारियों में मोहम्मद अकील, डॉ. आरसी मिश्रा और शत्रुजीत कपूर के नाम शामिल हैं। अब इन तीन नामों में से ही हरियाणा सरकार नए डीजीपी का चयन करेगी। हालांकि, बताया जा रहा है कि आईपीएस शत्रुजीत कपूर का डीजीपी बनना लगभग तय है। आगामी एक सप्ताह में हरियाणा सरकार नियुक्ति का आदेश जारी कर सकती है।
मोहम्मद अकील : 1988 बैच के आईपीएस मनोज यादव और पीके अग्रवाल के बाद सबसे वरिष्ठ 1989 बैच के मोहम्मद अकील हैं। इनके पास फिलहाल डीजी जेल का चार्ज है। वह 31 दिसंबर, 2025 को सेवानिवृत्त होंगे।
Dr. आरसी मिश्रा : दूसरे नंबर पर 1990 बैच के आईपीएस आरसी मिश्रा हैं। मौजूदा समय में उनके पुलिस हाउसिंग काॅरपोरेशन की कमान है। मिश्रा जून 2024 में रिटायर होंगे। सेवानिवृत्ति में दो साल से कम समय होने के चलते उनका डीजीपी बनना मुश्किल है।
शत्रुजीत कपूर : तीसरे नंबर पर वरिष्ठ 1990 बैच के आईपीएस शत्रुजीत कपूर हैं, जो एसीबी के डीजी हैं। वह 31 अक्टूबर 2026 को सेवानिवृत्त होंगे। ईमानदार और सख्त छवि होने के साथ साथ वह मुख्यमंत्री मनोहर लाल के विश्वसनीय हैं। दूसरा, प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज से भी उनका बेहतर सामंजस्य है। |
गुरुवार को दिल्ली में हुई यूपीएससी की बैठक में हरियाणा की तरफ से मुख्य सचिव संजीव कौशल और डीजीपी पीके अग्रवाल शामिल हुए। देर शाम को हुई बैठक में 9 आईपीएस अधिकारियों का रिकॉर्ड और सर्विस को देखते हुए यूपीएससी की ओर से तीन सबसे वरिष्ठ आईपीएस 1989 बैच के मोहम्मद अकील, 1990 बैच के डॉ. आरसी मिश्रा और 1990 बैच के ही शत्रुजीत कपूर के नाम तय किए हैं।
राजनैतिक गलियारों में चर्चा है कि आईपीएस शत्रुजीत कपूर हरियाणा के नए डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) हो सकते हैं। इसके लिए हरियाणा सरकार की ओर से तमाम तैयारियां की जा रही हैं। खास बात ये है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के विश्वसनीय अधिकारियों में गिने जाने वाले शत्रुजीत कपूर को डीजीपी के अलावा एंटी करप्शन ब्यूरो का भी अतिरिक्त कार्यभार भी दियाजा सकता है। सीएमओ के अधिकारी इसके पीछे तर्क दे रहे हैं कि हरियाणा में इससे पहले भी डीजीपी एसएन वशिष्ठ के साथ साथ अन्य डीजीपी के पास विजिलेंस का अतिरिक्त चार्ज रह चुका है।
बतादें कि हरियाणा सरकार द्वारा 11 जुलाई को 9 आईपीएस अधिकारियों की सूची यूपीएससी को भेजी थी। हालांकि, यूपीएससी ने इस पर आपत्ति जताते हुए इसमें आईपीएस अधिकारी मनोज यादव का नाम शामिल करने के साथ-साथ उनका रिकॉर्ड भेजने को कहा था। मनोज यादव द्वारा यहां न आने पर अनिच्छा जताने का पत्र सरकार ने यूपीएससी को भेजा है।
यह भी बतादें कि प्रदेश में सबसे वरिष्ठ 1988 बैच के मनोज यादव हैं, वह पहले दो साल तक डीजीपी रह चुके हैं और वापस हरियाणा आने के लिए मना कर चुके हैं, वह 2025 में सेवानिवृत्त होंगे। इनके बाद पीके अग्रवाल हैं, जो 15 अगस्त को सेवानिवृत्त होंगे।