ग्रामीण विकास को लेकर न की जाए राजनीति :- विकास एवं पंचायत मंत्री

विकास कार्यों की गति को बढ़ाएं अधिकारी
विकास कार्यों की धन राशि खर्च करने में न करें अनावश्यक देरी
जिला परिषद के विकास कार्यों में देरी पर जांच के निर्देश
ग्रामीण विकास को लेकर राज्य सरकार वचनबद्ध
सरकार के पास ग्रामीण विकास के लिए पर्याप्त धन राशि
चंडीगढ़ : प्रदेश के विकास एवं पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली ने कहा कि प्रदेश सरकार ग्रामीण विकास के प्रति वचनबद्ध है। सरकार द्वारा गांवों में शहर जैसी सुविधाएं उपलब्ध करवाने की दिशा में पहल की है। अधिकारी सरकार के आदेशों की पालना सुनिश्चित करें तथा आपसी तालमेल बढ़ाते हुए निर्धारित अवधि में गुणवत्ता के साथ विकास कार्यों को धरातल पर उतारे। विकास कार्यों के पूरा होने पर उनका भुगतान भी यथाशीघ्र निपटाये।
देवेंद्र सिंह बबली रोहतक के जिला विकास भवन के सभागार में विकास एवं पंचायत विभाग के अधिकारियों के साथ सरकार की योजनाओं एवं ग्रामीण विकास के कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अधिकारी अपनी कार्यशैली में बदलाव लाये तथा विकास कार्यों की गति को बढ़ाये। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जनता के धन के सदुपयोग के लिए व्यवस्था बनाई है तथा पुरानी व्यवस्था को बदला है। सरकार द्वारा रेजोल्यूशन मैनेजमेंट सिस्टम के तहत विकास कार्यों की प्रक्रिया की समय अवधि तथा अधिकारियों की जिम्मेदारियां तय की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि विकास कार्यों में बाधा उत्पन्न करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जायेगी।
उन्होंने जिला परिषद के कार्यों के क्रियान्वयन में हुई देरी के जांच के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि अधिकारी विकास कार्यों की गति को बढ़ाये। उन्होंने निंदाना गांव में व्यायामशाला इत्यादि विकास कार्यों की जांच करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने खंड अनुसार उपलब्ध धनराशि की समीक्षा की तथा अधिकारियों को शेष फंड से विकास कार्य शीघ्र शुरू करवाने के दिशा-निर्देश दिये। अधिकारी सरपंचों के साथ बैठक आयोजित कर गांवों की मुख्य समस्याओं की जानकारी हासिल करें तथा गांवों का दौरा भी करें।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जनप्रतिनिधियों के मानदेय में बढ़ोतरी करके उनका मान-सम्मान बढ़ाया है। अधिकारी जनप्रतिनिधियों के मानदेय का समय पर भुगतान भी स्पष्ट करवाये। सरकार द्वारा विकास कार्यों के लिए आवंटित फंड का पारदर्शिता से प्रयोग किया जाये। पंचायती राज अधिनियम के तहत जनप्रतिनिधियों के अधिकारों की व्याख्या की गई है। उन्होंने कहा कि मनरेगा के कार्य को गति देने के लिए मनरेगा सहायक लगाये जायेंगे। अधिकारी ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों को सरकार की योजनाओं की जानकारी दें तथा टेंडर की प्रक्रिया के बारे में जनप्रतिनिधियों को गुमराह न करें।
इस अवसर पर जिला परिषद की चेयरपर्सन मंजू हुड्डा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी महेश कुमार, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी जितेंद्र शर्मा, अधीक्षक अभियंता राकेश गोयल, मुख्यालय के अधिकारीगण तथा पंचायत समितियों के चेयरमैन, सदस्यगण व विभिन्न गांवों के सरपंच तथा जिला के पांचों खंडों के विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।