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मेरी फसल_मेरा ब्यौरा फसल और मेरा फर्जीवाड़ा !
“मेरी फसल_मेरा ब्यौरा ” पोर्टल में पंजीकरण को लेकर फर्जीवाड़ा। रेवाड़ी में करनावास, बैरियावास, निमोठ आदि गांव के किसानों की जमीन का फर्जी रजिस्ट्रेशन करवाया। पीड़ित किसानों ने सरपंच के नेतृत्व में जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा।
हरियाणा में फसलाे के पंजीकरण के लिए सरकार की ओर से बनाए गए “मेरी फसल मेरा ब्योरा” पोर्टल पर फर्जीवाड़ा कर गलत लोगों द्वारा पंजीकरण कराने का मामला सामने आया है। कुछ शातिर व्यक्तियों ने बैरियावास गांव के दर्जनों किसानों की करीब 20 एकड़ जमीन पर खुद को फर्जी काश्तकार दिखाकर रजिस्ट्रेशन करा लिया है। किसानों को इसकी जानकारी तब लगी जब वह सीएससी सेंटर पर बाजरा फसल के लिए अपनी जमीन का रजिस्ट्रेशन कराने पहुंचे। किसानों का कहना है कि सीएससी पर बताया गया कि उनकी फसल का तो पहले से ही पंजीकरण हो चुका है।
पीड़ित किसानों ने सरपंच चंद्रकांत के नेतृत्व में लघु सचिवालय पहुंचकर जिला उपायुक्त से मुलाकात की और इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई की मांग की गई। पीड़ित किसानों ने बताया कि और भी कई गांव से इस तरह के मामले सामने आए हैं जहां फर्जी तरीके से दूसरे व्यक्तियों द्वारा जमीन का रजिस्ट्रेशन करवा लिया गया है। किसानों का कहना है कि जमीन की मुआवजा राशि और भावांतर भरपाई का पैसा हड़पने के लिए इस तरह के फर्जी काम किए जा रहे हैं। पिछले साल भी इस तरह उनके साथ धोखाधड़ी हुई थी।
आपको बता दें कि फसल पंजीकरण के नाम पर ऐसे फर्जीवाड़े पहले भी सामने आ चुके हैं जिसमें किसानों की जमीन का किसी दूसरे व्यक्तियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है उसमें अकाउंट नंबर भी उनका ही होता है यहां तक कि मोबाइल नंबर भी दिया हुआ होता है इसलिए की मुआवजा राशि जो मिलती है उसे हड़पा जा सके। पिछले दिनों निमोठ गांव से भी ऐसा ही मामला सामने आ चुका है और करनावास में भी दर्जनों किसानों की 30 एकड़ जमीन पर खुद को काश्तकार दिखाकर रजिस्ट्रेशन करवाया जा चुका है। फिलहाल किसानों की ओर से जिला प्रशासन को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया है अब देखना होगा कि इस मामले में किसानों के साथ हो रही धोखाधड़ी को सरकार और प्रशासन द्वारा कैसे रोका जाएगा। बाइट : चंद्रशेखर, रामकिशन, दलवीर आदि किसान। बाइट : चंद्रकांत : सरपंच गांव बैरियावास।