कुमाऊं की खूबसूरत वादियों के बीच शुभ दिन आगमन का संदेश देता है, दीपा जोशी की एलबम Rangilo Muluk का संगीत

Rangilo Muluk: पिछले कुछ समय से उत्तराखंड के सुमधुर लोकगीतों में थोड़ा बदलाव देखने को मिला। आधुनिक साउंड तकनीक और नए आयामों के इस अनूठे प्रयोग ने कुमाऊंनी और गढ़वाली गीतों को पहाड़ ही नहीं बल्कि गैर पहाड़ी इलाकों मसलन दिल्ली, यूपी से लेकर हरियाणा आदि राज्यों में भी अलग पहचान दिलाई है।
इन बदलावों के पीछे मशहूर म्यूजिक कंपनी ने अहम भूमिका निभाई है।जी हां, आज हम बात करने जा रहे हैं कुमांऊ की लोकप्रिय गायिका दीपा जोशी की।उनका दूसरा कुमाऊंनी एलबम टी सीरीज ने लॉन्च किया है।
इसकी रिलीजिंग के साथ ही दीपा जोशी की कर्णप्रिय आवाज में ये गाना हजारों लोगों को दीवाना बना रहा है।गीत को स्वरबद्ध किया है सुनील नाथ गोस्वामी ने और निर्देशन किया हैं सेंडी गुसाईं ने। आइए जानते हैं मशहूर एलबम रंगीलो मुलुक के बारे में यहां।
Rangilo Muluk:एलबम रंगीलो मुलुक में गाए गीत को अपने मधुर संगीत से सजाया है म्यूजिक डायरेक्टर रंजीत सिंह ने।जिसके साथ दीपा जोशी ने पूरा न्याय किया है। बात अगर इस एलबम के वीडियो की करें तो इसे बेहद ही खूबसूरती के साथ फिल्माया गया है।
मालूम हो कि कुमाऊंनी अंचल से संबंध रखने वालीं दीपा जोशी कुमाऊंनी ही नहीं बल्कि हिंदी संगीत के क्षेत्र में कुछ अलग मुकाम हासिल करना चाहती हैं।ऐसे में एक बार इस गीत को जरूर सुनें।
इस गीत का वीडियो बेहद खूबसूरत बन पड़ा है।जिसमें उत्तराखंड की सुंदर वादियों में कलाकार पिछोड़, परंपरागत परिधान और गहनों में सजकर नृत्य कर रहे हैं। वहीं कुमाऊंनी वाद्य यंत्र हुड़क का भी बड़ी ही शालीनता के साथ प्रदर्शन किया गया है।
Rangilo Muluk: दीपा जोशी की सुरीली आवाज में बनी एलबत रंगीलो मुलुक के बोले बेहद सुंदर हैं। जिसमें नायिका ये बताने का प्रयास करती है कि कैसे पहाड़ में उजियारा होने के बाद गाय, बछिया के साथ ही महिलाएं घास लेने के लिए जंगल चलीं गईं हैं। शुभ दिन और शुभ घड़ी के साथ ही सभी के मंगलमय दिन होने की कामना इस गीत के माध्यम से करने की कोशिश की गई है।