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भगवान राम ने तोड़ा शिव धनुष, सीता ने पहनाई वरमाला- वास्तविक जीवन में भी पति पत्नी है चारों जोड़े

राजेंद्र कुमार
सिरसा,19 अक्तूबर। श्री रामा क्लब चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा आयोजित 74वें रामलीला महोत्सव में बीती राम सीता स्वयंवर का मनोहारी दृश्य मंचित किया गया। इस दृश्य को देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में लोग आए। मध्यरात्रि तक भगवान राम की लीला का आनंद लिया। रामा क्लब के इतिहास में लीला में पहली बार भगवान राम की बारात निकाली गई। इस अवसर पर भगवान राम के साथ साथ उनके भाइयों भरत, लक्ष्मण व शत्रुघ्न का विवाह भी दिखाया। गया। इस अद्भूत दृश्य को देखकर दर्शक भक्ति भाव से भर गए। इस दृश्य की सबसे विशेष बात यह रही कि इसमें भगवान राम व उनके तीनों भाइयों तथा उनकी पत्नियों की भूमिका निभाने वाले सभी किरदार वास्तविक जीवन में भी पत्नी पत्नी है। महाराज जनक व उनकी पत्नी का किरदार निभाने वाले भी वास्तविक जीवन में पति पत्नी है। इस अद्भूत दृश्य को क्लब के निर्देशक गुलशन वधवा तथा विजय ऐलावादी ने बड़े ही सुंदर तरीके से तैयार किया।

क्लब के प्रधान अश्वनी बठला ने बताया कि भगवान राम के रोल में ऋषभ गाबा, सीता का रोल सिया गाबा ने निभाया। इन दोनों की शादी भी वर्ष 2017 में रामा क्लब की स्टेज पर ही हुई थी। इसके अलावा लक्ष्मण के रोल में गौरव मेहता, उर्मिला के रोल में उनकी पत्नी पल्लवी मेहता, भरत के रोल में शिवम वधवा जबकि मांडवी का रोल उनकी पत्नी भाविका वधवा ने निभाया। शत्रुघ्न का रोल सौरभ मेहता व सुकीर्ति का किरदार उनकी पत्नी भव्य मेहता ने निभाया। लक्ष्मण व शत्रुघ्न का रोल निभाने वाले गौरव व सौरभ मेहता दोनों वास्तविक जीवन में भी भाई है। गौरव मेहता के पिता प्रेम मेहता क्लब में पहले लक्ष्मण बनते थे। उनके बड़े भाई हाकम राय मेहता वषोज़्ं तक राम बने जबकि छोटे भाई हरीश मेहता भरत बनते रहे हैं। सीता स्वयंवर के दृश्य में सीता के पिता जनक की भूमिका अदा कर रहे औम प्रकाश शहीदांवाली तथा उनकी पत्नी सुनैना बनी हरजीत कौर भी वास्तविक जीवन में पति पत्नी है।  1950 में शुरू हुए इस क्लब से जुड़े अधिकतर परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी राम लीला मंचन के माध्यम से भगवान राम की सेवा में लगे हुए हैं।

रामा क्लब के मंच पर आयोजित रामलीला में सवज़्प्रथम डाकिये के द्वारा महाराज जनक द्वारा विश्वामित्र को सीता के स्वयंवर में आने का निमंत्रण देना, भगवान राम का मिथला नगरी में भ्रमण करने जाना मंचित किया गया। इसके पश्चात बगीचे में अपने गुरु विश्वामित्र के लिए पुष्प लेने जाना, जहां उनकी सीता से भेंट होती है। सीता यहां अपनी सखियों के साथ मां गौरी की पूजा के लिए आई है। वे भगवान राम को देखकर उन्हें मन ही मन अपना पति मान लेती है और गौरी मां से प्राथज़्ना करती है कि शिव धनुष राम ही उठाए। स्वयंवर में किसी भी राजा से शिव धनुष नहीं उठता। दरबार में लंकापति रावण भी आता है लेकिन अचानक आकाशवाणी होने पर वह वहां से चला जाता है।

सिरसामें श्री रामा कल्ब के मंच पर मंचित श्री रामलीला का दृश्य।

किसी राजा के द्वारा धनुष न उठाए जाने पर जनक कहते हैं कि लगता है यह धरती वीरों से रहित हो गई है। इस पर लक्ष्मण कुपित हो जाते हैं और कहते हैं कि अगर राम आज्ञा दें तो वे पूरी पृथ्वी को उठाकर फैंक सकते हैं। इसके पश्वात गुरु विश्वामित्र की आज्ञा से राम शिव धनुष को भंजित करते हैं। सीता राम जी के वर माला डालने के लिए आती है। यहां राम क्षत्रिय होने के कारण उनके आगे नहीं झुकते हो सीता लक्ष्मण से मदद मांगती है जिस पर लक्ष्मण राम के चरणों में झुक जाते हैं जब राम अपने भाई को उठाते हैं तो सीता उनके गले में वर माला डाल देती है।

शिव धनुष टूटने की जानकारी मिलने पर भगवान परशुराम गुस्से में दरबार में आते हैं। जहां लक्ष्मण उन्हें पुराना धनुष होने की बात कहकर चिढ़ाते हैं और गुस्सा दिलाते हैं। इस पर राम उन्हें शांत करते हैं और कहते हैं कि वे भी उन्हीं के रूप है। राम विष्णु के धनुष पर बाण का संघान कर परशुराम के क्रोध को शांत करते हैं। उधर राम व सीता के विवाह का संदेश मिलने पर राजा दशरथ अपने दोनों पुत्रों भरत व शत्रुघ्न के साथ बारात लेकर आते हैं।

इस दृश्य में क्लब के सभी पदाधिकारी व सदस्य नाचने लगे। इसके पश्चात राम के साथ साथ उनके तीनों भाइयों का सीता की तीन बहनों के साथ विवाह हुआ। इस दृश्य को कथा व्यास ने रामचरित मानस के श्लोकों तथा भजनों के माध्यम से जीवंत बना दिया वहीं म्यूजिशियन ने भी शानदार संगीत से सभी को भक्ति भाव से सराबोर कर दिया। रामलीला मंचन के दौरान मुख्यातिथ के रूप में भाजपा नेता भूपेश मेहता पहुंचे।

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