राजनीति

कुमारी सैलजा ने एक लाख शहरी गरीबों मकान देने के मुख्यमंत्री मनोहरलाल के वायदे को बताया एक और जुमला

Ο शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को बांटकर सरकार कर रही है भेदभाव
Ο सरकार मकान बनाने के लिए आई 95 करोड़ की राशि से वापस कर चुकी है केंद्र को
चंडीगढ़। जैसे-जैसे लोकसभा और विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे है प्रदेश की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार जनता को गुमराह करने में लगी हुई है। ये सरकार घोषणाओं की सरकार बनकर रह गई है और उसकी हर घोषणा एक जुमला ही साबित हुई है पर इस बार जनता इस सरकार के झांसे में आने वाली नहीं है, प्रदेश की जनता इस  जुमलेबाज सरकार को बाहर का रास्ता दिखाने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
यह बात अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने मीडिया को जारी एक बयान में कही। उन्होंने कहा कि बुधवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने घोषणा की है कि अब सरकार एक लाख उन शहरी ग्रामीणों को फ्लैट या प्लॉट देगी जिनकी सालाना आय एक लाख 80 हजार रुपये से कम है। साथ सरकार ने कहा है कि  यह योजना फिलहाल पंचकूला, गुरुग्राम, सोनीपत, फरीदाबाद में शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि एक ओर सरकार दावा करती है कि वह बिना किसी भेदभाव के काम करती है तो इन चार जिलों को छोड़कर अन्य के साथ क्यों भेदभाव किया गया। ये चार जिले वे है जो दिल्ली से लगे हुए है। साथ ही सरकार अगर गरीबों की इतनी ही हितेषी है तो उसने ग्रामीण गरीबों की अनदेखी क्यों की है।
उन्होंने कहा कि सरकार की यह घोषणा भी चुनाव को लेकर की गई है जो मात्र एक जुमला ही साबित होगी। सैलजा ने कहा कि ईडब्ल्यूएस परिवारों के लिए हिसाब व करनाल में तथा बीपीएल परिवारों के लिए धारूहेड़ा, सोनीपत, पानीपत व फरीदाबाद में फ्लैट बनाए जाने थे। लेकिन, इन सभी 07 स्कीमों को रद्द कर दिया गया। इसके विपरीत भाजपा की केंद्र सरकार का दावा था कि 2022 तक देश के हर व्यक्ति को घर मुहैया कराया जाएगा, लेकिन हरियाणा में रुपये लेने के बावजूद गरीबों को छत नसीब नहीं हो पाई है। डिफेंस के जेसीओ रैंक तक के सैनिकों व अर्धसैनिक बल के जवानों के लिए झज्जर, गुड़गांव, फरीदाबाद, महेंद्रगढ़, पिंजौर, रेवाड़ी, रोहतक, पलवल, सांपला आदि जगहों पर फ्लैट बनाए जाने थे। लेकिन, इनमें से कहीं पर भी कोई ईंट तक नहीं लगी।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 में जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी तब सिरसा में आवासीय योजना के तहत ऑटो मार्केट क्षेत्र में चार एकड़ भूमि में करीब 1500 मकानों के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया था, जिसके लिए केंद्र सरकार ने 95 करोड़ रुपये की राशि जारी की थी पर बाद में सरकार बदल गई और नई सरकार ने इस ओर कोई ध्यान ही नहीं दिया और केंद्र सरकार से आई 95 करोड़ की राशि वापस लौट गई। अगर सरकार ने इस ओर गंभीरता से ध्यान दिया होता तो कम से कम 1500 लोगों को छत मिल गई होती। ऐसी अनेक योजनाएं जिनकी ओर भाजपा सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया और योजनाएं फाइलों में बंद होकर रह गई।

Related Articles

Back to top button