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चंडीगढ़ – प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के गरीब व्यक्ति के जीवन में सुधार लाने के विजन व पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय दर्शन से प्रेरित होकर हरियाणा सरकार ने प्रदेश में समाज कल्याण के एक नए युग का सूत्रपात किया है। प्रदेश की कमान संभालने के बाद मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने भारतीय संस्कृति के मूल सिद्धांत “अंत्योदय” के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को स्पष्ट किया, जिसमें आखिरी व्यक्ति के उत्थान को महत्वपूर्ण माना जाता है। इसी नीति पर काम करते हुए हरियाणा सरकार पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति के विकास के लिए योजनाएं बना रही है।
मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव एवं सूचना जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डॉ. अमित अग्रवाल ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि योजनाओं का हक पहले गरीब को मिले ताकि अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति का जीवन खुशहाल और समृद्ध हो सके। इसी सोच के तहत हरियाणा सरकार द्वारा 2 नवंबर को करनाल में अंत्योदय सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा जिसमें केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे। सम्मेलन में आयुष्मान भारत, पेंशन स्कीम व अन्य योजनाओं का लाभ उठाने वाले लाभार्थियों को बुलाया जाएगा।
डॉ. अमित अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार असमर्थ और वंचित वर्गों के व्यक्तियों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने और समाज में सामाजिक व आर्थिक समरसता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। सरकार का प्रयास है कि अंत्योदय परिवार के सदस्यों का कौशल विकास हो ताकि वे अपना स्वयं का काम शुरू करने में सक्षम बनें। इसके लिए गरीब परिवारों को ऋण स्कीमों, कौशल विकास स्कीमों और निजी या विभिन्न विभागों में रोजगार और दूसरी सुविधाओं के साथ जोड़ा गया है। समाज का एक बड़ा तबका पिछली सरकार के दौरान उपेक्षित था। उसे वर्तमान सरकार ने विकास की धारा से जोड़ा है और सरकारी खजाने के दरवाजे उसके लिए खोल दिए हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने गरीब परिवारों के उत्थान के लिए प्रदेश में मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के माध्यम से 1 लाख रुपये सालाना आय वाले परिवारों की वार्षिक आय कम से कम 1 लाख 80 हजार रुपये करने का बीड़ा उठाया है। अब तक प्रदेश में लगभग 50 हजार लोगों को मुख्यमंत्री परिवार उत्थान योजना के तहत लगाए गए अंत्योदय मेलों में मदद मिली है। मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना में 18 विभागों की 56 योजनाओं का चयन किया गया है। इनके अलावा, हरियाणा कौशल रोजगार निगम को भी इस योजना के साथ जोड़ा गया है। इन सभी विभागों और उनकी योजनाओं को https://parivarutthan.haryana.gov.in पोर्टल पर अपलोड किया गया है ताकि कोई भी व्यक्ति कभी भी और कहीं पर भी इनकी जानकारी हासिल कर सके।
डॉ. अमित अग्रवाल ने कहा कि सरकार द्वारा बीपीएल परिवार को मुफ्त चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए आयुष्मान-चिरायु योजना शुरू की गई है। हाल ही में इस योजना का विस्तार किया गया है और अब प्रदेश में 1.80 लाख से 3 लाख रुपए तक की वार्षिक आय वाले परिवारों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा। योजना के तहत आने वाले परिवार सरकारी अथवा पैनल के निजी अस्पताल में पांच लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज करवा सकते हैं। अब तक कुल 87 लाख आयुष्मान-चिरायु कार्ड बनाए जा चुके हैं। इस योजना में प्रदेश में 8 लाख 50 हजार मरीजों के इलाज के लिए 1088 करोड़ रुपए के क्लेम दिए जा चुके हैं।
इसके अलावा प्रदेश सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं को परिवार पहचान पत्र से जोड़कर घर बैठे पेंशन लगाने का काम किया गया है। अब तक लगभग 1 लाख 40 हजार वृद्धों, 14 हजार दिव्यांगों को घर बैठे पेंशन दी जा चुकी है। वद्धावस्था पेंशन की पात्रता के लिए वार्षिक आय की सीमा 2 लाख रुपए से बढ़ाकर 3 लाख रुपए की गई है। सामाजिक सुरक्षा पेंशन भी 1000 रुपए से बढ़ाकर 2750 रुपए मासिक की है।