जनता से आंकड़े छिपाने के लिए सरकार नही करवा रही जाति आधारित जनगणना : राजकुमार सैनी
राजनीति, शिक्षा, स्वास्थय, नौकरी में भागीदारी के लिए पिछड़ा वर्ग को होना होगा एकजुट : प्रो. खरात
भिवानी में एससी-बीसी महापंचायत का आयोजन
पूर्व सांसद ने कहा : अपने हक पाने के लिए एससी-बीसी वर्ग के लोगों को स्वयं होना होगा जागरूक
अधिकार ना देने के लिए लोगों को जाति व धर्म के नाम पर बांट रहे है भाजपा व आरएसएस : सैनी
भिवानी: जनसंख्या के हिसाब से बड़ा तबका होने के बावजूद भी विभिन्न राजनीतिक दलों ने पिछड़ा वर्ग के हितों के साथ कुठाराघात कर उनका सामाजिक एवं राजीनीतिक शोषण करने का काम किया है। जिसके कारण पिछड़ा वर्ग के लोगों को हमेशा ही अनदेखी का मार झेलनी पड़ती है, लेकिन अब पिछड़ा वर्ग के लोगों को अपने हितों के लिए स्वयं आवाज उठानी होगी तथा संघर्ष करना होगा। तभी उनकी आने वाली पीढिय़ां इस शोषण से मुक्त हो पाएंगी। यह बात पूर्व सांसद राजकुमार सैनी ने रविवार को स्थानीय दादरी गेट स्थित डा. भीमराव अंबेडकर छात्रावास में आयोजित एससी-बीसी महापंचायत को बतौर मुख्यअतिथि संबोधित करते हुए कही। कार्यक्रम की अध्यक्षता वामसेफ के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. विलास खरात ने की तथा कार्यक्रम के उद्घाटक राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश प्रजापति ने की।
बता दे कि ओबीसी की जाति आधारित जनगणना करवाने, ईवीएम की बजाए बैलेट पेपर से चुनाव करवाने, एससी-ओबीसी की वंचित जातियों की संख्या के अनुपात में हिस्सेदारी देने, एससी-एसीटी-ओबीसी का बैकलॉग पूरा करने, ओबीसी की क्रीमीलेयर समाप्त करने, पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने, नीट में बांड पॉलिसी समाप्त करने, छात्र संघ चुनाव बहाल करवाने, पिछड़ी जातियों को संख्या के अनुपात में राजनीतिक आरक्षण देने, एमएसपी का गारंटी कानून पास करने आदि मांगों को लेकर भिवानी में एससी-एसटी महापंचायत का आयोजन किया गया। इस दौरान पिछड़ा वर्ग के लोगों को अपने हितों के आगे आते हुए संघर्ष करने की बात कही।
महापंचायत को संबोधित करते हुए पूर्व सांसद राजकुमार सैनी ने कहा कि 1931 की जनगणना के अनुसार देश में ओबीसी की जनसंख्या 52 प्रतिशत थी। उसके बाद जातीय जनगणना को लटका दिया गया। उन्होंने कहा कि सरकार जान-बूझकर आंकड़े छिपा रही है। सरकार नहीं चाहती है कि पिछड़ा वर्ग को उसकी संख्या बताकर उसकी असली से परिचित नहीं करवाना चाहती है। सैनी ने कहा कि आज सत्ता चंद लोगों की मु_ी में है। जातिगत संख्या के आधार पर लोगों को उनके हक नहीं मिल रहे। सैनी ने कहा कि आरएसएस व भाजपा लोगों को धर्म व जाति के नाम पर बांट रहे है, क्योंकि वो लोगों को उनके हक नहीं देना चाहती। उन्होंने कहा कि भाजपा शासनकाल में किसान, मजदूर, खिलाड़ी, युवा सभी सडक़ों पर है। यहां तक कि जब लोग अपने हक मांगने के लिए सडक़ों पर उतरते है तो उन लाठियां बरसाई जा रही है, जिसकी मार किसान, कर्मचारी, जनप्रतिनिधि, खिलाड़ी सभी ने झेली है। पूर्व सांसद ने कहा कि लोगों को अपने हक पाने के लिए स्वयं जागरूक होना होगा।
इस मौके पर वामसेफ के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. विलास खरात ने कहा कि राजनीति, शिक्षा, स्वास्थय, उद्योग और नौकरी आदि में भागीदारी के लिए पिछड़ा वर्ग को एकजुट होना पड़ेगा तथा क्रीमीलेयर हटाने के लिए लडऩा होगा। हरियाणा में तो ओबीसी को आरक्षण बिल्कुल भी नहीं दिया जा रहा। यहां ना तो पंचायतों में ओबीसी को आरक्षण है तथा ना ही नगर निकाय चुनाव में आरक्षण का प्रावधान है। क्लास-वन की नौकरियों में भी ओबीसी को आरक्षण नहीं मिल रहा। उन्होंने कहा कि महापंचायत में सैंकड़ों लोगों की उपस्थिति से प्रतीत हो रहा है कि एससी-बीसी वर्ग के लोग भी एकता की ताकत समझ चुके है तथा अब अपने हकों व अधिकारों के प्रति जागरूक हो रहे है।
इस अवसर पर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश प्रजापति, इंडियन मैडिकल प्रोफेशनल एसोसिएशन के प्रदेश प्रभारी विनोद सांगा, कुकु बॉडी बिल्डिर, प्रशांत राणा, रमेश दहिया, सोनू पिलाना, सुरेंद्र पांचाल, मनीराम सरोहा, राजेंद्र जांगड़ा, रामचंद्र जांगड़ा, रविना दलाल, उपासना बहादुरगढ़, मनीषा बिड़ला, सुरेश सैनी, शेखर प्रजापति, शीशमराम चावला, शमशेर सिंह, गणेशीलाल वर्मा, अंकुर सिंह, सतीश मेहरा, सतीश गौतम, थानेदार कृष्ण सांगा,