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एक हजार वर्ष पुराने जगन्नाथ मंदिर के नवनिर्माण कार्य का हुआ शिलान्यास

महिलाओं ने गांव में निकाली  क्लशयात्रा, मंत्रोच्चारण के बाद मंदिर की नींव में हुआ शीला पूजन कार्यक्रम

 

भिवानी। गांव लोहारी जाटू में करीब 12 सौ ई. में स्थापित किए बाबा जगन्नाथ मंदिर के नवनिर्माण कार्य शुरू करवाया गया। मंदिर मंत्रोच्चारण के साथ नीवं में शीला पूजन का कार्यक्रम हुआ। इससे पूर्व महिलाओं ने बाबा जगन्नाथ की प्रतिमा को पालकी लेकर गांव में क्लशयात्रा निकाली। मंदिर की नीवं रखने के वक्त हवन व यज्ञ का भी आयोजन हुआ।  इस मौके पर महंत प्रदीप गिरी ने कहा कि  इस तरह से मंदिरों के नव निर्माण कार्य कई सदियों के बाद बिरले लोगों के हाथ होते है। चूंकि इतने बड़े सिद्ध महात्मा के मंदिर का नव निर्माण कार्य का मौका कभी कभार मिलता है। वे ग्रामीणों की बाबा जगन्नाथ के प्रति दिखाई गई आस्था से गदगद नजर आए और कहा कि ग्रामीणों व श्रद्धालुओं के सहयोग से मंदिर का नवनिर्माण कार्य शुरू करवाने में सफल हुए । लोगों का अपेक्षित सहयोग हमेशा याद रहेगा।

12 वीं सदी में मंदिर का निर्माण हुआ
बताते है कि गांव जाटू लोहारी विक्रमी सम्वत 1264 में लवा नाम व्यक्ति ने बसाया था। जिस वक्त गांव बसा। उससे पहले का यहीं पर मंदिर बताया जाता है। उस वक्त मंदिर जमीन में निकलने वाले पक्के सफेद रंग के पत्थरों से बना था। बाद में समय बीतता गया तो मंदिर को छोटी र्इंटों से बनाया गया। जो कि अब दिवारें हटाने पर निकली है। जागा (गांवों का रिकार्ड रखने) के रिकार्ड में मंदिर की स्थापना का जिक्र 12 वीं सदी का ही दर्ज है। तभी से मंदिर में पूजा अर्चना की जाती है। ग्रामीणों का मानना है कि बाबा में बहुत चमत्कारी शक्ति है। बिगड़े काम बन जाते है। ग्रामीणों के अनुसार उनके गांव में आज तक कोई शहीद नहीं हुआ,जबकि कारगिल युद्ध के वक्त गांव के करीब 20 जवान कारगिल में तैनात थे। फिलहाल बाबा के आशीर्वाद से करीब दो हजार के आसपास युवा सेना में रहकर देश की सेवा कर रहे है।

मंदिर से शुरू की क्लशयात्रा
जगन्नाथ मंदिर के नवनिर्माण शीला पूजन कार्यक्रम  को लेकर महिलाओं ने मंदिर से क्लशयात्रा शुरू की। क्लशयात्रा गांव के मुख्य चौक व चौराहों से होकर निकाली गई।  इस दौरान मंदिर के नवनिर्माण की खुशी में महिलाओं ने आपस एक दूसरी महिला को गुलाल अब्बीर लगाकर खुशी मनाई। वहीं पुरुषों ने भी एक दूसरे को गुलाल अब्बीर लगाकर उक्त खुशी का इजहार किया। पूरे गांव में ढोल नगाड़ों के साथ क्लशयात्रा निकाली गई। बाद में मंदिर में पहुंचकर सभी महिलाओं में प्रसाद वितरित किया गया।

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