राजनीति
किसान मुआवजा आंदोलन : किसानों ने हाईवे जाम को अंतिम रूप दिया , प्रशासन सतर्क हुआ
हाईवे जाम में हरियाणा,राजस्थान व पंजाब के किसान संगठन करेंगे शिरकत
किसान पानी की टंकी पर 125 फ ीट ऊंचा फ हराएंगे राष्ट्रीय ध्वज
राजेंद्र कुमार
सिरसा। हरियाणा में सिरसा के गांव नारायाण खेड़ा के जलघर में टंकी पर चढ़कर जिला के 272 गावों के 641 करोड़ रूपए बकाया बीमा क्लेम की अदायगी को लेकर भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के बैनर तले आदोंलन पर उतारू किसान ग्यारहवें दिन भी डटे रहे। किसानों के समर्थन में आदोंलनरत रूपावास के सरपचं उदयपाल,माखोसरानी के सरपंच सुभाष चंद्र,सरपंच प्रतिनिधि विनोद बागड़वा,वेद प्रकाश कासनियां सहित अन्य लोग भी सेहत मेें कमजोरी के बावजूद डटे हुए हैं। अपनी पूर्व घोषणा के अनुरूप 16 अगस्त को सिरसा-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 9 को गांव बहावदीन के पास टोल प्लाजा पर अनिश्चितकालीन धरना देकर जाम लगाने की योजना को आदोंलनकारी किसानों की कमेटी ने बैठक कर अंतिम रूप दिया। इसी के साथ आदोंलन स्थल पर स्वतंत्रता दिवस पर पानी की टंकी पर 125 फ ीट ऊंचा राष्ट्रीय फ हराने का निर्णय लिया,जो संभवत: जिला में सर्वाधिक ऊंचा ध्वज होगा। इस स्वतंत्रता दिवस आयोजन में पास पड़ोस के गावों के हजारों किसान भाग लेंगे।
सिरसा। हरियाणा में सिरसा के गांव नारायाण खेड़ा के जलघर में टंकी पर चढ़कर जिला के 272 गावों के 641 करोड़ रूपए बकाया बीमा क्लेम की अदायगी को लेकर भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के बैनर तले आदोंलन पर उतारू किसान ग्यारहवें दिन भी डटे रहे। किसानों के समर्थन में आदोंलनरत रूपावास के सरपचं उदयपाल,माखोसरानी के सरपंच सुभाष चंद्र,सरपंच प्रतिनिधि विनोद बागड़वा,वेद प्रकाश कासनियां सहित अन्य लोग भी सेहत मेें कमजोरी के बावजूद डटे हुए हैं। अपनी पूर्व घोषणा के अनुरूप 16 अगस्त को सिरसा-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 9 को गांव बहावदीन के पास टोल प्लाजा पर अनिश्चितकालीन धरना देकर जाम लगाने की योजना को आदोंलनकारी किसानों की कमेटी ने बैठक कर अंतिम रूप दिया। इसी के साथ आदोंलन स्थल पर स्वतंत्रता दिवस पर पानी की टंकी पर 125 फ ीट ऊंचा राष्ट्रीय फ हराने का निर्णय लिया,जो संभवत: जिला में सर्वाधिक ऊंचा ध्वज होगा। इस स्वतंत्रता दिवस आयोजन में पास पड़ोस के गावों के हजारों किसान भाग लेंगे।
भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) युवा इकाई के प्रदेशाध्यक्ष रवि आजाद ने हमारे संवाददाता को बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम करने में हरियाणा,पंजाब व राजस्थान के विभिन्न खाप पंचायतों व सयुंक्त किसान मार्चा से जुड़ी किसान जत्थेबदियों के पदाधिकारी व कार्यकर्ता हिस्सा लेेंगे। जाम के लिए डिंग मोड़,शेरपुरा मोड़,बाजेकां अड्डा,सिंकदरपुर व डबवाली बायपास रोड़ सहित कुल छह बिंदु निर्धारित किए हैं जहां से किसान टोल प्लाजा पहुंचेगे। वहीं नाथूसरी चोपटा क्षेत्र के किसान नारायाण खेड़ा में भी एकत्रित होगें जहां से ट्रेक्टर-ट्रालियों,जेसीबी,कम्बाईन मशीन,जीप,कार मोटरसाइकिल आदि वाहनों से टोल प्लाजा पहुंचेगे। अगर किसानों को शासन व प्रशासन ने रोकने की कोशिश की तो किसान हर मुकाबला करने को तैयार हैं। किसानों के रास्ता रोको आदोंलन के दृष्टिगत जिला प्रशासन ने भी कमर कस ली है।
गांव नारायाण खेड़ा में तहसीलदार सुश्री वीनती को ड्यूटि मजिस्टे्रट लगा दिया गया है। राज्य सरकार की खुफि या एजेंसियां किसानों की हर गतिविधि पर नजर रखे हुए है। तहसीलदार विनती ने आदोंलनरत्त किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल जिसमें रवि आजाद,सुरेश ढाका,संदीप सिंवर,रविंद्र कासनियां,उदयपाल रूपावास,रीटा कासनियंा सरपंच,नंद लाल ढिल्लों आदि शामिल थे के साथ एक बैठक की। जिसमें तहसीलदार ने बताया कि प्रदेश मुख्यालय पर बीमा राशि को स्वीकृति मिल गई है शीघ्र ही किसानों के खातों में राशि पहुंच जाएगी इसलिए एक मर्तबा रास्ता रोकने के आदोंलन को टाल दिया जाए।
तहसीलदार सुश्री विनती ने बताया कि जिले के 35 गावों के किसानों के खातों में आज मुआवजा राशि आनी शुरू हो गई है। किसान इस बात पर अड़े रहे कि जब तक सभी 272 गावों के किसानों को मुआवजा राशि नहीं मिल जाती वे अपने कदम पीछे नहीं खिंचेंगे। उधर जिला के उच्च प्रशानिक अधिकारी देर शाम तक किसानों से संपर्क कर संभावित आपसी टकराव टालने का प्रयास करते नजर आए।
युवा समाजसेवी गोकुल सेतिया सोमवार को गांव नारायण खेड़ा पहुंचे ओर किसानों को हर संभव सहायता का भरोसा दिया। इस मौके पर गोकुल सेतिया ने कहा कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार की नियत में किसानों को मुआवजा प्रदान करने को लेकर खोट है जिससे सरकार टरकाऊ निति अपनाए हुए है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 का खरीफ फ सल खराबे का मुआवजा की इतने दिनों तक अदायगी ना करना सरकार की मंशा को साफ जाहिर करती है।
वहीं दूसरी ओर पिछले ग्यारह रोज से टंकी पर चढ़े किसान नरेंद्र सहारण की धर्मपत्नि शर्मिला देवी धरनास्थल पर पहुंची ओर अपने पति से मोबाइल पर बात कर कुशलक्षेम जानी वहीं पति के लिए धुले हुए कपड़े लेकर आई जिन्हें रस्सी से बंधी बाल्टी के सहारे अपने पति के पास टंकी पर पहुंचाया। जब शर्मिला से आदोंलन बारे पूछा गया तो बताया कि उसका पति किसान की लड़ाई लड़ रहें जिसका गर्व है। श्रीमति शर्मिला ने बताया कि देखरेख के अभाव में उनकी धान की फ सल खराब हो रही है। वह हर रोज खेत में जाकर मवेशियों के लिए हरा चारा ला रही हूं।