राजनीति

सिरसा में फसल मुआवजा की मांग को लेकर पानी की टंकी पर चढ़े किसान

राजेंद्र कुमार
सिरसा। हरियाणा में सिरसा जिले के गांव नारायण खेड़ा में फसल बीमा का क्लेम न मिलने से खिन्न होकर चार किसान बुद्धवार को अलसुबह जलघर में बनी 150 फिट ऊंची टंकी पर चढ़कर बैठ गए। किसानों के टंकी पर चढऩे की सोशल मीडिया पर फोटो वायरल होने के बाद पास पड़ोस के गावों से भी सैंकड़ों किसान जलघर में एकत्रित हो गए। जिला प्रशासन को सूचना मिलने के बाद किसानों को जलघर की टंकी से नीचे उतारने के लिए सिरसा के एसडीएम राजेंद्र सिंह व डीएसपी जगत सिंह सहित कई अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। मगर किसानों ने मांग पूरी नहीं होने तक टंकी से नीचे नहीं उतरने का कहा।
गांव नारायाण खेड़ा के जलघर परिसर में धरना लगाकर बैठे किसान।
टंकी पर चढऩे वाले किसानों मेंं गांव नारायण खेड़ा निवासी भरत सिंह झाझड़ा, शक्करमंदोरी निवासी दिवान सहारण ,नरेंद्र सिंह व जयप्रकाश गांव नाथूसरी कलां शामिल है। जलघर की टंकी पर चढ़े किसानों के लिए आवश्यक सामान बाल्टी को रस्सी के सहारे ऊपर तक पहुंचाया जा रहा है। किसानों का कहना है कि जब तक बीमा क्लेम उनके खातों में नहीं आएगा तब तक टंकी पर चढ़े रहेंगे । किसानों के समर्थन में सैंकड़ों की संख्या में किसान, क्षेत्र की महिलाएं व कई संगठन धरना स्थल पर पहुंचे हुए हैं। शाम के समय अन्य किसानों ने जलघर परिसर में टेंट लगाना भी शुरू कर दिया है। वहीं जिला प्रशासन ने एंबुलेंस व फ ॉयर ब्रिगेड की गाड़ी मंगवा ली है।
      आपको बता दें कि तहसील कार्यालय नाथूसरी चौपटा में बीमा क्लेम व फसल खराबा मुआवजे की मांग को लेकर भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसानों का 90 दिन से अनिश्चितकालीन धरना चल रहा है। किसानों के अनुसार किसानों की मांग है कि खरीफ 2022 फसल का बीमा क्लैम व मुआवजा जारी किया जाए, सीएससी सेंटर के द्वारा रद्द हुए बीमे को बहाल करें,.हर साल बीमा व मुआवजा देने की निश्चित तिथि तय की जाए।
   टंकी पर चढ़े किसान भरत सिंह ने एक वायरल वीडियो वायरल कर कहा है कि सरकार और अधिकारियों की लगातार वादा खिलाफ ी कर रहे हैं। कुछ दिन पहले धरना को आमरण अनशन में बदलने पर जिला प्रशासन ने 31 जुलाई तक बीमा क्लेम आने का लिखित भरोसा दिया था, एक अगस्त को कृषि विभाग के डीडीए बाबू लाल कहते हैं पांच दिन में आ जाएगा दस दिन में आ जाएगा। मगर पुख्ता समय नहीं बता सकते। पूर्व में लिए गए फैसले को लेकर हम नारायण खेड़ा में पानी टंकी पर चार किसान चढ़े हैं। जो सरकार को कहा था चौपटा कि धरती पर धरना लगाया है। यहां से जीतकर जाएंगे। हमारा बीमा क्लेम नहीं दे सकी? हम बीमा क्लेम लेकर रहेंगे। हम जीतकर जाएंगे। जब तक किसानों की मांगों का समाधान नहीं होगा तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उधर जिला प्रशासन व कृषि विभाग के अधिकारी बीमा क्लेम की राशि किसानों तक पहुंचाने के लिए प्रदेश मुखालय से संपर्क कर लगे हुए हैं।
     किसानों ने कहा कि खरीफ  फसल 2022 का बीमा 31 मार्च 2023 तक उनके खातों में आना चाहिए था। लेकिन सरकार व बीमा कंपनियों की मिलीभगत के चलते बीमा क्लेम की राशि जारी नहीं की गई। इसी के तहत किसानों ने 2 माह तक इंतजार करने के बाद 5 मई 2023 को तहसील कार्यालय नाथूसरी चौपटा में धरना प्रदर्शन शुरू किया। लेकिन 3 महीने के बाद भी समस्या का कोई समाधान नहीं होने के कारण किसानों को बड़ा कदम उठाना पड़ा।
     बता दें कि इसी तर्ज पर साल 2018 में भी बीमा क्लेम की मांग को लेकर भी किसानों ने काफ ी संघर्ष किया था। नाथूसरी चोपटा क्षेत्र के 5 किसान गांव रुपावास के जलकर की टंकी पर चढ़ गए थे। इसके बाद किसानों के खातों में बीमा राशि आ गई थी।
फोटो विवरण:02एस.आर.एस.01:-सिरसा के गांव नारायाण खेड़ा में फसल बीमा क्लेम को लेकर पानी की टंकी पर चढ़े किसान।

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