राजनीति

वकीलों पर हमले से भड़के नवाब सतपाल तंवर ने किया पूरे देश में हड़ताल का आहवान

पुलिस की लाठी वकीलों पर नहीं बल्कि न्यायपालिका पर चली है
सुप्रीम कोर्ट और उत्तर प्रदेश की सभी अदालतों में दिख रहा है तंवर के बयान का असर
मुख्यमंत्री योगी के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल, “यूपी में ढाबा है…

गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के हापुड़ में पुलिस द्वारा वकीलों पर किए गए बेरहमी से लाठीचार्ज मामले ने तूल पकड़ लिया है। भीम सेना चीफ, अधिवक्ता, संविधान विशेषज्ञ और कानून विशेषज्ञ नवाब सतपाल तंवर पुलिस की इस गुंडागर्दी पर भड़क गए हैं। उन्होंने यूपी पुलिस और योगी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था चरमरा चुकी है। यूपी की पुलिस रक्षक नहीं बल्कि भक्षक की भूमिका निभा रही है। हापुड में वकीलों पर हुए लाठीचार्ज की गूंज यूपी विधानसभा और संसद तक सुनाई दे रही है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी योगी सरकार और पुलिस पर जमकर निशाना साध रहे हैं। भीम सेना के मुखिया सतपाल तंवर ने कहा कि उत्तर प्रदेश की पुलिस पहले आम नागरिकों के साथ क्रूरता करती थी। लेकिन अब योगी आदित्यनाथ सरकार और यूपी पुलिस के खून से सने हाथ वकीलों के गिरेबान तक भी जा पहुंचे हैं।
प्रेस बयान जारी करने के साथ-साथ तंवर ने फेसबुक पर लाइव देकर भी अपनी भड़ास निकाली है और योगी को आपत्तिजनक भाषा में ढाबा कहकर संबोधित करते हुए बोला है कि, “यूपी में ढाबा है… लेकिन उसकी वेशभूषा को देखकर लगता है कि वह भिखारी है।” तंवर के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। कुछ लोग तंवर का समर्थन कर रहे हैं तो कुछ लोग तंवर का विरोध कर रहे हैं। भीम सेना के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष नवाब सतपाल तंवर ने कहा कि हापुड में जो कुछ हुआ है वह सत्ता के सनकी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर हुआ है, सरकार इससे पल्ला नहीं झाड़ सकती। वकीलों पर बेरहमी से लाठीचार्ज उत्तर प्रदेश की चरमराती कानून व्यवस्था की गवाही देता है। तंवर ने वकीलों को संबोधित करते हुए कहा कि सिर्फ कार्रवाई की मांग करने और घायलों की सलामती की दुआ करने से काम नहीं चलेगा। यह सत्ता की सनकी तानाशाही और पुलिस की गुंडागर्दी का शिकार हुए वकीलों की सुरक्षा का मामला है।
सतपाल तंवर ने दोषी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को तत्काल सस्पेंड करने और वकीलों पर दर्ज किए गए फर्जी मुकदमों को रद्द करने की मांग की है और वकीलों पर दर्ज फर्जी एफआईआर को रद्द करने की मांग की है। तंवर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में कहा है कि वे खुद को प्रधान सेवक कहते हैं लेकिन यहां वकील खतरे में है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और कानून मंत्री तत्काल प्रभाव से अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम को संसद में पास कराकर पूरे भारत में लागू करें। तंवर ने वकीलों पर हमले को न्यायपालिका पर सुनियोजित हमला बताया है। उन्होंने कहा है कि यूपी पुलिस की यह लाठी वकीलों पर नहीं बल्कि न्यायपालिका पर चली है। सतपाल तंवर ने पूरे देश भर के जिला न्यायालयों, सभी हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की बार एसोसिएशन से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा करने की मांग की है। तंवर ने कहा है कि जब तक सम्पूर्ण भारत में केंद्र सरकार अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम लागू नहीं करती तक तक हड़ताल जारी रखी जाए। तंवर के इस आहवान के बाद सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने अपना एक डेलीगेशन जांच के लिए हापुड भेजा है। साथ ही घटना की निंदा करते हुए प्रस्ताव भी पास किया है।
वहीं इलाहबाद हाईकोर्ट में भी वकीलों की हड़ताल की घोषणा हो चुकी है। तंवर के आहवान के बाद उत्तर प्रदेश की सभी जिला अदालतों में काम ठप्प कर दिया गया है। सभी वकील हड़ताल पर चले गए हैं। सतपाल तंवर दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, झारखंड, पंजाब, गुजरात, उड़ीसा आदि कई राज्यों की हाईकोर्ट बार एसोसिएशन से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए बातचीत करके सहमति बना रहे हैं। उधर गाजियाबाद जिला न्यायालय में दिनदहाड़े चैंबर में घुसकर एक वकील की हत्या कर दी गई। दो हमलावर बाइक पर सवार होकर आए थे। उन्होंने अचानक चैंबर में घुसकर उस वक्त सिर में गोली मारी जब वे लंच समय में खाना खा रहे थे। आरोप है कि घटनास्थल में ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी भी मौजूद थे। उसके बावजूद बेखौफ बदमाश हत्या की घटना को अंजाम देकर फरार हो गए। ऐसे में पुलिस प्रशासन पर सवालिया निशान लगने लाजमी हैं। बदमाशों के मोटरसाइकिल पर आने और जाने की घटना सीसीटीवी कैमरों में रिकॉर्ड हो गई है। सतपाल तंवर इस घटना पर दुख व्यक्त किया है और कहा है कि यूपी के कानून व्यवस्था बदमाश चला रहे हैं। तंवर ने कहा कि यह एक वकील की हत्या नहीं बल्कि न्यायपालिका की हत्या है। उन्होंने घटना के दोषियों को जल्द गिरफ्तार करने और फांसी की सजा दिलाए जाने की मांग की है।
वहीं वाराणसी जिला न्यायालय में दिनदहाड़े एक वकील को चैंबर में घुसकर थप्पड़ मारने की घटना ने भी तूल पकड़ लिया है। सतपाल तंवर ने कहा है कि वकील खतरे में है संविधान खतरे में है। ये घटनाएं बहुत संवेदनशील हैं। इन घटनाओं को हम हल्के में नहीं ले सकते और ना ही चुपचाप तमाशा देख सकते हैं। अब हमें अपना अधिवक्ता धर्म निभाने के लिए आगे आना ही होगा। सतपाल तंवर ने केंद्र सरकार से सम्पूर्ण भारत में अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम लागू करने की मांग की है और देश भर के सभी अधिवक्ताओं का आहवान करते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को कहा है। तंवर के बयान के बाद देश की लगभग सभी अदालतों और इलाहबाद हाईकोर्ट सहित उत्तर प्रदेश की सभी अदालतों में वकील हड़ताल पर उतर आए हैं। वहीं सुप्रीम कोर्ट की बार एसोसिएशन ने भी वकीलों की सुरक्षा को लेकर सख्त रवैया अपना लिया है। सतपाल तंवर ने आम जनता से ही अपील की है कि वे हम वकीलों का साथ देने के लिए आगे आएं।

Related Articles

Back to top button