दीनबंधु सर छोटू राम ने जीवनभर विभिन्न वर्गों के कल्याण के लिए संघर्ष किया: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने रोहतक में चौ. छोटू राम की 144वीं जयंती समारोह में भाग लिया
मुख्यमंत्री ने जाट शिक्षण संस्थान को 31 लाख रुपये देने की घोषणा की
मुख्यमंत्री ने अभिभावकों से अपने बच्चों को नशे से दूर रखने का संकल्प लेने का आग्रह किया
चंडीगढ़, 31 जनवरी – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा सरकार दीनबंधु सर छोटू राम के सिद्धांतों पर चलते हुए राज्य को विकास और जन कल्याण के मामले में आदर्श बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। रहबर-ए-आजम चौधरी छोटू राम की विरासत को याद करते हुए उन्होंने कहा कि इस नेता ने अपना जीवन किसानों, मजदूरों और गरीबों के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया। उनका प्रयास किसानों, मजदूरों और छोटे दुकानदारों के हितों की वकालत करने पर केंद्रित था।
मुख्यमंत्री शुक्रवार को रोहतक में रहबर-ए-आजम चौधरी छोटू राम की 144वीं जयंती पर आयोजित समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने जाट शिक्षण संस्थान परिसर में स्थित चौधरी छोटू राम की समाधि पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। शिक्षा मंत्री श्री महिपाल ढांडा ने भी सर छोटू राम को श्रद्धांजलि दी। छोटू राम.
श्री नायब सिंह सैनी ने जाट शिक्षण संस्थान को 31 लाख रुपये का विवेकाधीन अनुदान देने की घोषणा की। शिक्षा मंत्री श्री महिपाल ढांडा ने भी संस्थान को 21 लाख रुपये का अनुदान देने की घोषणा की। संस्थान की मांगों के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसे ही संस्थान महारानी किशोरी महिला महाविद्यालय में छात्रावास के लिए नियमानुसार मैचिंग ग्रांट जमा करवा देगा, सरकार इस परियोजना के लिए 10 करोड़ रुपये आवंटित करेगी। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि संस्थान द्वारा उठाई गई अन्य मांगों की व्यवहार्यता की जांच की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि चौधरी छोटू राम का जीवन हमें यह संदेश देता है कि दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत से कोई भी चुनौती असंभव नहीं है। उन्होंने सर छोटू राम को एक बहुमुखी प्रतिभावान, विचारशील, बुद्धिमान और सिद्धांतवादी व्यक्ति बताया, जिन्होंने अपना जीवन गरीबों, अनुसूचित जातियों और अन्य हाशिए के समुदायों के उत्थान और सम्मान के लिए समर्पित कर दिया। वंचितों के प्रति उनके अटूट समर्थन के कारण उन्हें प्यार से दीनबंधु के नाम से जाना जाता था।
श्री नायब सिंह सैनी ने बताया कि चौधरी छोटू राम ने किसानों की चिंताओं को आवाज़ देने के लिए जाट गजट अख़बार शुरू किया था। उन्होंने फसलों के उचित मूल्य सुनिश्चित करने के लिए कृषि उपज बाज़ार अधिनियम भी पेश किया, जिससे किसानों को बेहतर आर्थिक परिणाम प्राप्त करने में मदद मिली। उनके नेतृत्व में, किसानों को कर्ज से मुक्ति मिली और उनकी गिरवी रखी गई ज़मीनें उन्हें वापस कर दी गईं। चौधरी छोटू राम ने कृषि विकास के लिए सिंचाई सुविधाओं के विस्तार पर ज़ोर दिया और उनके महत्व को पहचाना। उन्होंने भाखड़ा बांध परियोजना की मंज़ूरी में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और इसके साकार होने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
*सरकार कृषि विकास और किसानों के कल्याण के लिए समर्पित भाव से काम कर रही है*
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने किसान, गरीब, महिला और युवा को विकसित भारत के चार स्तंभों के रूप में चिन्हित किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार चौधरी छोटू राम की किसान-मजदूर हितैषी नीतियों पर चलते हुए कृषि विकास और किसानों के कल्याण को बढ़ावा देने के लिए तत्परता से काम कर रही है। हाल ही में राज्य सरकार ने कृषि भूमि पट्टा अधिनियम लागू करके काश्तकारों को मालिकाना हक देकर काश्तकारों और भूस्वामियों के बीच विश्वास बहाल करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार फसल की तैयारी से लेकर बाजार में बिक्री तक हर तरह की सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके अलावा, पराली प्रबंधन में सहायता के लिए किसानों को विभिन्न कृषि उपकरण खरीदने के लिए 122 करोड़ रुपये की सब्सिडी आवंटित की गई है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने राज्य में 100% फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर करने का फैसला किया है, जिससे किसानों को लेनदेन के 72 घंटों के भीतर भुगतान मिल सके। अब तक राज्य के करीब 12 लाख किसानों के खातों में करीब 1,25,000 करोड़ रुपये जमा हो चुके हैं। खरीफ सीजन में कम बारिश के जवाब में सरकार ने किसानों की लागत कम करने के लिए 2000 रुपये प्रति एकड़ की सहायता दी है, जिससे कुल सहायता 1345 करोड़ रुपये हो गई है।
उन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के माध्यम से किसानों को मिल रही वित्तीय सहायता पर प्रकाश डाला, जिसके तहत किसानों को कृषि इनपुट खरीदने में मदद के लिए सालाना 6000 रुपये दिए जाते हैं। अब तक राज्य में किसानों को 18 किस्तों में 342 करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं, जबकि देशभर में कुल 6203 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने किसानों को बागवानी फसलें अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया और कहा कि करनाल जिले के उचानी में 65 एकड़ में 700 करोड़ रुपये की लागत से महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने अभिभावकों से अपने बच्चों को नशे की लत से बचाने का संकल्प लेने का आह्वान किया और इस सामाजिक समस्या से निपटने में सामुदायिक भागीदारी की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि सरकार ने शिक्षा तक आसान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए हर 20 किलोमीटर पर एक कॉलेज की स्थापना की है। इसके अलावा, राज्य में 1.80 लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले परिवारों की बेटियों को मुफ्त शिक्षा देने का निर्णय लिया गया है। सरकार में युवाओं का विश्वास बहाल करने के लिए उन्होंने बताया कि योग्यता के आधार पर 1.71 लाख युवाओं को नौकरी दी गई है। संकल्प पत्र के अनुसार, सरकार की योजना युवाओं को बिना किसी खर्ची-पर्ची के दो लाख नौकरियां देने की है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जाट शिक्षण संस्था के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को सम्मानित भी किया। उन्होंने अर्जुन अवार्डी सरिता मोर, राष्ट्रमंडल खेलों की कांस्य पदक विजेता पूजा सिहाग, एनएसएस राज्य स्तरीय पुरस्कार विजेता जतिन मलिक और अंशु नांदल को उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया।
*प्रदेश में 2025 में लागू होगी नई शिक्षा नीति, विश्वविद्यालयों में शुरू होगा नया पाठ्यक्रम- महिपाल ढांडा*
शिक्षा मंत्री श्री महिपाल ढांडा ने शोषण मुक्त समाज बनाने के लिए चौधरी छोटू राम की अटूट प्रतिबद्धता और अन्याय के प्रति उनके मुखर विरोध की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि चौधरी छोटू राम ने अपना जीवन गरीबों, पिछड़े वर्गों, दलितों और शोषित समुदायों के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया। श्री ढांडा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि जनता ने एक मजबूत राजनीतिक दृष्टि को देश का नेतृत्व सौंपा है और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वैश्विक मंच पर भारत का गौरव बढ़ा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी एक गरीब परिवार में पैदा होने के बावजूद वंचितों के उत्थान के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का सपना यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी बच्चा आर्थिक तंगी के कारण शिक्षा से वंचित न रहे।
सरकार राज्य के शैक्षणिक संस्थानों के साथ साझेदारी करके गरीब बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही, उन्होंने कहा कि राज्य सरकार 2025 तक नई शिक्षा नीति को लागू करेगी और राज्य के विश्वविद्यालयों में नया पाठ्यक्रम शुरू करना शुरू कर दिया है।