गौसेवा से मिलती है मानसिक शांति व सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव : इंदु परमार
Cow service gives mental peace and positive energy: Indu Parmar
इंदु परमार ने गौसेवा कर मनाई पूर्व सीएम ओपी चौटाला की जयंती व नववर्ष
भिवानी, 01 जनवरी : सनातन संस्कृति में गाय को माता का दर्जा दिया गया है तथा गाय हमारे जीवन में पवित्रता, समृद्धि और संतुलन का प्रतीक है। ऐसे में किसी भी अवसर पर गौसेवा से दूसरा महत्व व धर्म नहीं है। गाय की सेवा करने से मन को शांति और संतोष प्राप्त होता है तथा सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव होता है।
यह बात इंडियन नेशनल लोकदल की महिला प्रदेश सचिव व रीति संगम जनकल्याण समिति की प्रदेशाध्यक्ष इंदु परमार ने गौसेवा कर पूर्व मुख्यमंत्री चौ. ओमप्रकाश चौटाला की जयंती एवं नववर्ष मनाते हुए कही। पूर्व उपप्रधानमंत्री स्व. चौ. ओमप्रकाश चौटाला व पूर्व मुख्यमंत्री चौ. ओमप्रकाश चौटाला ने लोगों को भी यही सीख दी थी कि वे अपना जीवन दूसरों की मदद के लिए जीए। उन्होंने सभी से आह्वान किया कि वे स्व. देवीलाल व स्व. ओमप्रकाश चौटाला के दिखाए मार्ग पर चलते हुए समाजहित में कार्य करें। इंदु परमार ने कहा कि गौसेवा केवल एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह मानवता, पर्यावरण और समाज के प्रति हमारी जिम्मेवारी का प्रतीक है। यह ना केवल हमारी संस्कृति का संरक्षण करती है, बल्कि एक स्वस्थ और समृद्ध जीवन के लिए आधार भी प्रदान करती है। इंदु परमार ने कहा कि गौसेवा से मन को शांति और संतोष प्राप्त होता है, जो नए साल या किसी विशेष दिन की शुरुआत के लिए आदर्श है। उन्होंने नागरिकों से आह्वान किया कि वे किसी भी अवसर पर आडंबरों में फंसने या दिखावा करने की बजाए गोसेवा करें, ताकि सनातन संस्कृति की नींव को मजबूत किया जा सकें।