कांग्रेस नहीं चाहती कि गरीबों को सुविधाएं मिलें: नायब सिंह सैनी

ऑनलाइन पोर्टल से नागरिकों को मिल रहा लाभ, सरकार पर बढ़ा भरोसा: सीएम
चंडीगढ़, 13 मार्च- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने आज विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस नहीं चाहती कि गरीबों को सुविधाएं मिलें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने हर पात्र व्यक्ति को लाभ पहुंचाया है। कांग्रेस के नेता दुष्प्रचार करते थे कि सत्ता में आने पर ऑनलाइन पोर्टल बंद कर देंगे, लेकिन आज ऑनलाइन सुविधा के कारण सभी नागरिकों को लाभ मिल रहा है और इससे उनका सरकार पर विश्वास बढ़ा है।
मुख्यमंत्री आज हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान विपक्ष द्वारा उठाए गए प्रश्नों का जवाब दे रहे थे।
नायब सिंह सैनी ने कहा कि परिवार पहचान पत्र में परिवार के मुखिया द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर अपात्र लोगों की पेंशन काटी गई। लेकिन विपक्ष के नेता पूछते हैं कि लोगों की पेंशन क्यों बंद की गई। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों को लाभ पहुंचाना है। अब हमने हर पात्र व्यक्ति को यह लाभ दे दिया है, फिर भी विपक्ष को परेशानी हो रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष के नेता अधिक बीपीएल कार्ड बनने की बात कर रहे हैं। अगर प्रदेश में कोई बीपीएल कार्ड गलत तरीके से बना है तो उसकी जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में सिफारिशें देने का धंधा चलता था और अमीरों के बीपीएल कार्ड बन जाते थे, लेकिन गरीब बीपीएल श्रेणी में शामिल नहीं हो पाते थे।
उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में राज्य सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों की संख्या का आकलन करने की पद्धति में बदलाव किया है। केंद्र सरकार का नियम था कि किसी भी राज्य की 21 प्रतिशत से अधिक आबादी गरीबी रेखा से नीचे नहीं हो सकती। राज्य सरकारों को 5 मानदंडों के आधार पर इस बेंचमार्क से नीचे के परिवारों को चिह्नित करने और उन्हें बीपीएल घोषित करने और उन्हें पीले राशन कार्ड देने का अधिकार था। इसमें एक और मानदंड यह था कि परिवार की वार्षिक आय 1.20 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। गरीबों को अब बीपीएल श्रेणी में 1.20 लाख रुपये की जनसंख्या सीमा मानदंड और आय सीमा मानदंड से मुक्ति मिल गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली बार सरकार ने 1.80 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले सभी परिवारों को बीपीएल श्रेणी में शामिल किया। इसके कारण 1.20 लाख से 1.80 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले लगभग 32 लाख परिवार बीपीएल सूची में शामिल हो गए। इन गरीब परिवारों को पहली बार सरकारी लाभ प्राप्त करने का मौका मिला।