राजनीति
जनता की सुरक्षा नहीं कर सकते तो मुख्यमंत्री त्यागपत्र दें : सैलजा
नौ साल के शासनकाल में सरकार ने नहीं की पुलिस की भर्ती
राजेंद्र कुमार
सिरसा। अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी की महासचिव एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री प्रदेश के हर व्यक्ति की सुरक्षा नहीं कर सकते तो फिर उन्हें सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। उन्हें तुरंत त्यागपत्र दे देना चाहिए। फिर जनता जिसके हाथों में खुद को सुरक्षित महसूस करती होगी, उसे चुन लेगी। प्रदेश की जनता ने इन्हें इस उम्मीद के साथ सत्ता सौंपी थी कि संकट के समय उनकी जान-माल की रक्षा करेंगे।
आज यहां मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि मुख्यमंत्री का यह बयान किसी भी हरियाणवी को स्वीकार नहीं है, कि हर व्यक्ति की सुरक्षा न पुलिस और न ही आर्मी कर सकती है। जबकि, हकीकत तो यह है कि पौने तीन करोड़ हरियाणवियों की सुरक्षा की जिम्मेदार प्रदेश सरकार है। यह प्रदेश सरकार को देखना है कि वह अपने नागरिकों को कैसे सुरक्षित रख पाती है और कानून व्यवस्था के प्रति उनमें कितना विश्वास पैदा कर पाती है।
पूर्वं केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगर 9 साल के साल के बाद अब मुख्यमंत्री यह कह रहे हैं कि वे प्रदेश के लोगों को सुरक्षा नहीं दे सकते तो उनके दिवालियापन की निशानी है। यहां रह रहे लोगों की सुरक्षा और भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने का इन्हें कोई अधिकार नहीं है। मुख्यमंत्री का बयान हरियाणा के भविष्य से खिलवाड़ करने जैसा है।
कुमारी सैलजा ने कहा कि यदि 9 साल के शासन के दौरान प्रदेश सरकार बिना किसी विवाद के पुलिस की एक भी भर्ती नहीं कर पाई है। जब भी इन्होंने पुलिस की भतीज़् की, तो इनकी गलतियों, लिस्टों में हेराफेरी, भतीज़् के दौरान प्रक्रिया व भतीज़् नियम बदलने की वजह से वह हाई कोटज़् में जाकर अटक गई। इस सरकार को श्वेत पत्र जारी करना चाहिए कि उसने प्रदेश के पुलिस बल की संख्या में कितना इजाफा किया। पूवज़् केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज पूरा प्रदेश बिगड़ी कानून-व्यवस्था लेकर भयभीत है, जबकि मुख्यमंत्री अपना पल्ला झाडऩे में लगे हुए हैं। ऐसे में जब उनसे प्रदेश नहीं संभल रहा तो फिर कुसीज़् से क्यों चिपके हुए हैं, उन्हें तुरंत प्रभाव से त्यागपत्र देना देना चाहिए। इसके बाद जनता खुद तय कर लेगी कि प्रदेश की कमान किन हाथों में सौंपनी है।