20 वर्ष पहले जवानी में बिछुड़े भाई अब बुढ़ापे में मिले-समाज सेवक सुभाष शर्मा की मेहनत रंग लाई
पुरानी फ़िल्मों में अक्सर देखा जाता था कैसे बिछुड़े परिवार बरसों बाद मिलते थे लेकिन मनी माजरा में नगला मोहल्ले में ये कहानी चरितार्थ होती तब नजर आई जब भाई दिलीप का 20 वर्षो बाद अपने परिवार से पुनर्मिलन हुआ I
भाई दिलीप जो कि मनीमाजरा नगला मोहल्ले में राम दासियो बस्ती निवासी है लगभग 20 वर्ष पहले दिमागी परेशानी के चलते अपने परिवार से बिछुड़ गए थे I उनके बड़े भाई काला और अमरजीत बताते है वो अक्सर अपने गुरु घर दिल्ली आते जाते रहते थे कई बार वो कई कई दिनों बाद घर लौटते थे इसी कड़ी में लगभग 20 वर्ष पहले 2004 में जब गुरु घर गए तो वापिस नहीं लौटे, परिवार वाले ढूंढने दिल्ली गए लेकिन कुछ पता नहीं चला, धीरे धीरे ज्यों ज्यों समय बीतता गया त्यों त्यों परिवार को उनके मिलने की उम्मीदें खत्म होती गई I कुछ दिन पहले जब अचानक दिलीप के बड़े भाई काला को मोबाइल पर सुभाष शर्मा की तरफ से संदेश प्राप्त हुआ कि उनका भाई दिलीप भरतपुर (राजस्थान) में एक आश्रम में है, दिलीप के बड़े भाई काला ने बताया जैसे ही ये संदेश प्राप्त हुआ तो सारे परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई, पहले परिवार को इस बात पर यकीन ही नहीं हो रहा था फिर सुभाष शर्मा ने वीडियो कॉल से भाई दिलीप से बात कारवाई तो घर में दिवाली सा माहौल बन गया I
सुभाष शर्मा ने हमारे संवाददाता को बताया कि दिलीप भाई अपना दिमागी संतुलन खो बैठे थे और पता नहीं कैसे तमिलनाडु पहुंच गए, वहां सड़क किनारे लावारिस अवस्था में मिले थे, वहां के प्रशासन ने दिलीप भाई को किसी आश्रम में भर्ती करवा दिया I तमिलनाडु में जिस आश्रम में दिलीप भाई को आसरा दिया गया वो आश्रम वाले अक्सर हिन्दी भाषी या उतर भारतीयों को अपना घर आश्रम, भरतपुर (राजस्थान)भेजते रहते है I अपना घर आश्रम भरतपुर पहुंचने पर दिलीप भाई की दिमागी बीमारी का इलाज किया गया तो इनकी कुछ यादाश्त आनी शुरू हो गई, पूछताछ में इन्होंने अपना पता मनीमाजरा हरिजन मोहल्ला बोला और अपने भाइयों के नाम बताए तो सुभाष शर्मा इनके परिवार को खोज निकाला I
भाई काला जब अपने भाई दिलीप को भरतपुर से घर वापिस लाए तो सारे परिवार की आँखों में खुशी के आंसू टपक पड़े और भाई काला भावुक हो कर बोले जवानी में बिछुड़े थे अब बुढ़ापे में मिले I यहां ये उल्लेखनीय है सुभाष शर्मा हरियाणा विधान सभा से सेवा निवृति उपरांत अपना घर आश्रम भरतपुर सहित कई अन्य आश्रमों से जुड़ कर इस तरह के परिवार मिलाने की सामाजिक सेवा कर रहे है I