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Bhiwani Crime-ऑनलाइन रुपए ट्रांसफर धोखाधड़ी: फ़र्ज़ी पुलिस अफसर गिरफ़्तार!
- एक मामले में पुलिस हवलदार के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर
- थाना साइबर क्राइम पुलिस ने फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर ऑनलाइन रुपए ट्रांसफर करवाकर धोखाधड़ी करने के मामले में आरोपी को किया गिरफ्तार।
- आरोपी गुमशुदा व्यक्तियों व बच्चों के परिजनों से उन्हें मिलवाने के नाम पर रूपयों की डिमांड करते थे।
- आरोपी बरवाला, हिसार, दादरी, करनाल, पानीपत, सोनीपत, फतेहाबाद, फरीदाबाद, हांसी, रेवड़ी व सिरसा की ऑनलाइन FIR डाउनलोड कर करते थे धोखाधड़ी।
पुलिस अधीक्षक भिवानी श्री नीतीश अग्रवाल भा०पु०से० के द्वारा थाना साइबर क्राइम पुलिस को जिले की जनता से ऑनलाइन धोखाधड़ी कर रुपए ऐठने वाले आरोपियों को साक्ष्यों के आधार पर जल्द से जल्द गिरफ्तार कर ऐसे आरोपियों के विरुद्ध प्रभावी कानूनी कार्रवाई अमल में लाए जाने के निर्देश दिए गए थे। जो इन्हीं निर्देशों के तहत कार्रवाई करते हुए थाना साइबर क्राइम पुलिस ने फर्जी पुलिस कर्मचारी बनकर शिकायतकर्ता से रुपए ऐठने के मामले में एक आरोपी को मध्य प्रदेश से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है।
प्रबंधक थाना साइबर क्राइम भिवानी उप निरीक्षक विकास कुमार ने जानकारी देते हुए बतलाया कि भिवानी निवासी एक व्यक्ति ने थाना शहर पुलिस को एक शिकायत दर्ज करवाई थी जिसमें शिकायतकर्ता ने पुलिस को बतलाया कि दिनांक 13.11.2024 को उनकी लड़की बिना बताए घर से चली गई थी जो इस शिकायत पर पुलिस ने संबंधित धाराओं के तहत अभियोग थाना शहर भिवानी में दर्ज किया था।
वही शिकायतकर्ता को दिनांक 15.11.2024 को उनके मोबाइल फोन पर एक फोन आया था फोन करने वाले ने खुद को थाना शहर भिवानी का पुलिस कर्मचारी बताते हुए बताया कि आपकी लड़की दिल्ली में मिल गई है जिसे दिल्ली से लाने में ₹ 10,000/- का खर्चा लगेगा वहीं आरोपी के द्वारा शिकायतकर्ता से ₹ 4,000/- ऑनलाइन ट्रांसफर करवाए गए थे। इस बारे में शिकायतकर्ता ने जब थाना शहर भिवानी में जाकर पता किया तो थाना शहर भिवानी में उपरोक्त काल पर फर्जी पुलिस कर्मचारियों के द्वारा बताए गए नाम से कोई भी पुलिस कर्मचारी थाना शहर भिवानी में तैनात नहीं मिला जो इस शिकायत पर पुलिस ने संबंधित धाराओं के तहत अभियोग थाना साइबर क्राइम भिवानी में दर्ज किया था।
दिनांक 01.12.2024 को अभियोग में प्रभावी कार्रवाई करते हुए थाना साइबर क्राइम पुलिस की टीम के इंचार्ज सहायक उप निरीक्षक विजय कुमार ने जिला टीकमगढ़ मध्य प्रदेश से एक आरोपी को अभियोग में गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है।
*गिरफ्तार किए गए आरोपी की पहचान कमलेश पुत्र खुशीराम निवासी उदयपुरा, तहसील लिधोरा, जिला टीकमगढ़, मध्य प्रदेश के रूप में हुई है।*
पुलिस टीम के द्वारा आरोपी से गहनता से पूछताछ करने पर आरोपी ने बतलाया कि आरोपी उसका साथी राहुल पुत्र लालाराम के कहने पर अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग जिलों की गुमशुदा की दर्ज हुई ऑनलाइन FIR की प्रती को डाउनलोड करता था और अगले दिन धोखाधड़ी के लिए उन्हें राहुल को दिया करता था आरोपी डाउनलोड की गई FIR से शिकायतकर्ता का नाम व मोबाइल नंबर हासिल कर उनके परिवारजनों को बरामदगी की झूठी सूचना फर्जी पुलिस अधिकारी बन कर देता था और इसके बदले में गुम हुए व्यक्ति व बच्चों के परिजनों से ऑनलाइन रुपए ट्रांसफर करवाता था। *आरोपी राहुल के द्वारा परिजनों को फोन करने के दौरान पीछे से आरोपी कमलेश कभी पुलिस का सायरन बजाता था वहीं कभी बच्चों की आवाज भी निकलता था।* आरोपी कमलेश को अपने इस कार्य के लिए आरोपी राहुल से ₹ 10,000/- प्रति माह मिलते थे।
**पुलिस टीम के द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में आरोपी कमलेश से बरामद हुए मोबाइल फोन में जिला भिवानी, बरवाला, हिसार, दादरी, करनाल, पानीपत, सोनीपत, फतेहाबाद, फरीदाबाद, हांसी, रेवड़ी व सिरसा जिलों की डाउनलोड की गई FIR कॉपी की प्रति मिली हैं।*
*वहीं पुलिस टीम के द्वारा आरोपी के मोबाइल फोन से उत्तर प्रदेश में दर्ज 122 अभियोगों के स्क्रीनशॉट पाए गए हैं।*
आरोपी को दिनांक 02.12.2024 को पेश माननीय न्यायालय में किया गया जहां माननीय न्यायालय ने आरोपी को जिला कारागार भेजने के आदेश दिए हैं वही अभियोग में मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं जिसे जल्दी गिरफ्तार किया जाएगा।
पुलिस अधीक्षक भिवानी ने जानकारी देते हुए बतलाया कि प्रत्येक महीने में जिला पुलिस व थाना साइबर क्राइम पुलिस के द्वारा स्कूल, कॉलेज, बस स्टैंड व कोचिंग सेंटर में आम नागरिक व विद्यार्थियों को साइबर अपराध के बारे में लगातार जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने आम जनता से कहा कि फोन पर नकली पुलिस कर्मचारी बनकर खोए हुए परिजनों के एवेज में रुपए मांगने या किसी के बच्चे के विरुद्ध जिले के किसी भी थाने में या अन्य जिलों में केस दर्ज होने/ केश से नाम हटवाने पर रुपए मांगने पर किसी भी प्रकार की राशि अनजान नंबरों पर ट्रांसफर ना की जाए। यदि आम नागरिक के साथ किसी भी प्रकार की ऑनलाइन या इस संबंध में कोई धोखाधड़ी होती है तो इसकी तुरंत सूचना पुलिस को दें।