उत्तराखंड में एक और दो सितंबर को भारी बारिस केआसार
नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में अगले पांच दिनों तक भारी से बहुत भारी बारिश
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली समेत उत्तर पश्चिम भारत के राज्यों में फिलहाल बारिश की कोई संभावना नहीं है। इन क्षेत्रों में उमस भरी गर्मी बनी रहेगी। उत्तराखंड में एक और दो सितंबर को भारी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग की तरफ से इन दो दिनों के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है। पूर्वोत्तर के राज्यों नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में अगले पांच दिनों तक भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। असम और मेघालय में बृहस्पतिवार से शनिवार तक बारिश हो सकती है। बृहस्पतिवार को उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में और शनिवार को ओडिशा में हल्की से भारी बारिश हो सकती है और कुछ इलाकों में गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं।
पूर्वी, पूर्वोत्तर में 8% अधिक वर्षा
आईएमडी के मुताबिक, 1 जून से 28 अगस्त के दौरान पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में दीर्घकालिक अवधि औसत (एलपीए) से 8 फीसदी अधिक वर्षा दर्ज की गई। इससे इन क्षेत्रों में मानसून बारिश में कमी का अंतर 15 फीसदी तक घट गया। जून और जुलाई में पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में 45-50 फीसदी तक कम वर्षा दर्ज की गई।
छत्तीसगढ़ में भारी बारिश का पूर्वानुमान
छत्तीसगढ़, दक्षिण भारत के राज्यों-आंध्र प्रदेश के तटवर्ती इलाकों, तेलंगाना, तमिलनाडु, पुडुचेरी के कुछ क्षेत्रों, कर्नाटक के उत्तरी अंदरूनी क्षेत्रों में एक और दो सितंबर को कहीं भारी तो कहीं बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। आईएमडी ने आंध्र प्रदेश के कई जिलों में अगले पांच दिनों तक भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया है।
पंजाब : तीन सितंबर से करवट बदलेगा मौसम, बारिश होने के आसार
पंजाब में तीन सितंबर से मौसम एक बार फिर से करवट बदलने जा रहा है। मंगलवार को अमृतसर में 13.0 एमएम की बारिश प्रमुख तौर पर पड़ी, जबकि कुछ जगहों पर हल्की बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग की भविष्यवाणी के मुताबिक तीन सितंबर व इसके बाद सूबे में कुछ जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। इससे पहले बुधवार से दो सितंबर तक मौसम फिलहाल शुष्क बना रहेगा।
ऋषिकेश ने चेरापूंजी का रिकॉर्ड तोड़ा 25 दिन में 1901 मिमी बारिश दर्ज
अगस्त के पहले तीन सप्ताह के दौरान ऋषिकेश शहर में हुई भारी बारिश ने भारत के सबसे अधिक बारिश वाले क्षेत्र चेरापूंजी का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। दक्षिण कोरिया में जेजू नेशनल यूनिवर्सिटी के टाइफून रिसर्च सेंटर के शोध वैज्ञानिकों के अनुसार ऋषिकेश में 1 से 25 अगस्त के दौरान 1901 मिमी बारिश हुई। ऋषिकेश में हुई भारी बारिश का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भारत और दुनिया के दो सबसे अधिक बारिश वाले स्थानों चेरापूंजी और मासिनराम में इसी अवधि में क्रमशः 1876.3 मिमी और 1464 मिमी वर्षा हुई। भले ही सबसे ज्यादा बारिश के लिए चेरापूंजी का नाम लिया जाता हो पर हकीकत में भारत ही नहीं पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा बारिश वाली जगह है मेघालय का मासिनराम। यहां चेरापूंजी से भी 100 मिलीमीटर ज्यादा बारिश होती है। इसी वजह से मासिनराम का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज है।
ऋषिकेश के अलावा दक्षिण-पश्चिम मानसून उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के बाकी पर्वतीय राज्यों के लिए भी विनाशकारी रहा है। जुलाई के पहले दो हफ्तों में पश्चिमी विक्षोभ और मानसून के कम दबाव वाले क्षेत्र के बीच एक दुर्लभ मेल के कारण दोनों राज्यों में भारी वर्षा हुई। अगस्त में अधिकांश अत्यधिक वर्षा मानसून के ठहराव के बीच हुई है। मानसून का ठहराव उस समय को कहा जाता है जब मानसून ट्रफ, कम दबाव का एक विस्तारित क्षेत्र है जो मौसम के दौरान देश भर में अधिकांश वर्षा का कारण बनता है। इस चरण के दौरान वर्षा का पैटर्न हिमालय की तलहटी की ओर बदल जाता है जहां भारी वर्षा होती है। अक्सर बादल फटने की घटनाएं भी इसी समय होती हैं जबकि देश के बाकी हिस्सों में कोई बारिश नहीं होती है।
मानसून के मौजूदा सीजन में 7 से 18 अगस्त के बीच और फिर 24 अगस्त से ठहराव चल रहा है। इस महीने में मानसून के ठहराव के कारण पूरे देश में अगस्त रिकॉर्ड रूप से सबसे शुष्क रहने की संभावना है। गृह मंत्रालय के आपदा प्रबंधन प्रभाग के आंकड़ों के अनुसार 1 अप्रैल से 27 अगस्त के बीच हिमाचल प्रदेश में बाढ़ और भूस्खलन के कारण 192 मौतें हुई हैं, जबकि उत्तराखंड में यह संख्या 81 है।