2022 के फसल बिमा क्लैम के लिए 80 घंटे से 110 फ़ीट ऊँची टंकी पर चढ़े किसानों की प्रशासन ने नहीं ली कोई सुध बुध
बीमा क्लेम को लेकर 80 घंटे से पानी की टंकी पर चढ़े किसानों के प्रति प्रशासन नहीं संजीदा
2022 का फसल बीमा क्लेम अभी तक रूका हुआ है l
किसान बार-बार सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगा रहे है
सुनवाई नहीं की जा रही है,जिससे आजीज होकर 4 किसान चोपटा गांव में टंकी पर चढ़ गए l
जिले के सभी गांवों के किसानों को फसल खराबे की करोड़ों रुपये का बीमा क्लेम अभी तक किसानों को नहीं दिया गया है।
विपक्षी दलों का धरनास्थल पर बढ़ा जमावड़ा
राजेंद्र कुमार सिरसा
हरियाणा में सिरसा जिले के गांव नारायण खेड़ा में जलघर की टंकी पर चढ़े चार किसानों को अस्सी घंटों का वक्त बीत चला है मगर प्रशासन इनके प्रति कोई संजीदगी दर्शाता नजर नहीं आ रहा। जिला प्रशासन ने अभी तक किसानों को नीचे उतारने का कोई सार्थक प्रयास नहीं किया है। हांलाकि सिरसा के उपमंडलाधिकारी राजेंद्र सिंह शनिवार को गांव नारायाण खेड़ा पहुंचे। उन्होंने टंकी पर चढ़े किसानों से फोन पर बातचीत कर स्वास्थ्य की जानकारी ली। किसानों ने अपना दुख तकलीफ अधिकारी के सामने बयान की। उमश भरी गर्मी में किसानों की तबीयत भी बिगड़ रही है।
पिछले तीन दिन से किसान 2022 से बकाया फसल बीमा की मांग करते हुए आंदोलनरत हैं।
किसानों के पीठ पर डंडे और पेट पर लात मारने वाली सरकार मौन है।
हरियाणा सरकार इतनी असंवेदनशील कैसे हो गई कि टंकी पर चढ़े किसानों को देख ही नही पा रही है?
मुख्यमंत्री @mlkhattar जी धरती पुत्र किसानों की… pic.twitter.com/1FZHWoMZ92
— Kumari Selja (@kumari_selja) August 5, 2023
किसानों ने कहा कि टंकी पर रात्रि के समय काफ ी तकलीफ झेलनी पड़ रही है। यहां पर कबूतरों की बीठ से बदूब आ रही है। वहीं जगह नहीं होने पर अच्छे से सो नही पा रहे हैं। दो किसानों को कुछ देर के लिए नींद आई। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के अधिकारी मौन है। अभी तक कोई भी स्पष्ट तौर पर जवाब नहीं आया है। यहां पर केवल ड्यूटी पर तहसीलदार तैनात है। उन्होंने ये भी कहा कि जब तक मांग पूरी नहीं होगी, तब तक कोई भी कुर्बानी देने के लिए तैयार है। टंकी पर चढ़े किसानों के लिए पेयजल,खाद्य पदार्थ आदि आवश्यक सामान बाल्टी से रस्सी के सहारे ऊपर तक पहुंचाया जा रहा है।
वहीं टंकी के नीचे किसानों ने धरना शुरू किया हुआ है। पांच किसान पहले से ही आमरण अनशन पर बैठे हुए थे। शनिवार को गांव कैंरावाली का किसान मनीष कस्वां अनशन पर ओर बैठ गया। बता दें कि पांच किसान शुक्रवार को अनशन पर बैठे थे, उनमें किसान नन्दलाल ढिल्लों, ओमप्रकाश झुर्रिया, महावीर सिंह, सतबीर सिंह और बिजेंद्र सहारण हैं। उन्होंने कहा कि जब तक किसानों की मांग पूरी नहीं होगी, हमारा आमरण अनशन बराबर जारी रहेगा।
टंकी पर चढ़े किसानों के पास विपक्षी दलों का जमावड़ा लगना आरम्भ हो गया है। शनिवार को किसानों का समर्थन करने इनेलो युवा नेता अर्जुन चौटाला पहुंचे। उन्होंने किसानों की मांगा को जायज ठहराते हुए कहा कि किसानों की तरफ सरकार को ध्यान देना चाहिए।
आम आदमी पार्टी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा भी गांव नारायण खेड़ा में धरनारत किसानों से मिले और उन्हें समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हर जगह किसान अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत हैं। किसान पिछले तीन महीने से खराब फसलों के मुआवजे के लिए शांतिपूर्वक धरना दे रहे हैं। चार किसान पानी की टंकी पर चढ़े हुए हैं, लेकिन खट्टर सरकार किसानों की कोई सुनवाई नहीं कर रही। खट्टर सरकार से प्रदेश का हर वर्ग परेशान है।
इस सरकार में लोगों की जान का भी कोई मोल नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री खट्टर गैर जिम्मेदार है। किसानों की मुआवजा, बीमा राशि, क्लर्कों को उनका हक और लोगों को सुरक्षा नहीं दे सकते तो सीएम पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
वहीं किसानों को शनिवार को कांग्रेस पार्टी की स्थानीय इकाई ने अपना समर्थन दिया। धरना स्थल पर पूर्व सांसद चरणजीत सिंह रोड़ी, पूर्व विधायक भरत सिंह बैनीवाल, शीशपाल केहरवाला विधायक,राजकुमार शर्मा व सुभाष जोधपुरियां पहुंचे। उन्होंने कहा कि किसानों के साथ कांग्रेस पार्टी खड़ी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों का हक देने से भी कतरा रही है।
किसानों के समर्थन में सरपंच एसोसिएशन ने भी समर्थन किया। फ ैसले के तहत पांच सरपंच किसानों के समर्थन में आमरण अनशन पर बैठ गए। बता दें कि किसानों के समर्थन में पहले भी छह किसान आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं। यानि अब अनशन पर बैठने वालों की कुल संख्या 11 हो गई है।
तहसील कार्यालय नाथूसरी चौपटा में बीमा क्लेम व मुआवजे को लेकर भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले 93 दिन से अनिश्चितकालीन धरना चल रहा है। किसानों की मांग है कि खरीफ 2022 फसल का बीमा क्लैम व मुआवजा जारी किया जाए, सीएससी सेंटर के द्वारा रद्द हुए बीमे को बहाल करें,.हर साल बीमा व मुआवजा देने की निश्चित तिथि तय की जाए।