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प्रशासन भूला-पर पूर्व सैनिकों को 16 दिसंबर “विजय दिवस” पर याद आया विजय द्वार

Ο पाक पर भारत की विजय के बाद शहीदों की याद में बना “विजय द्वार” पुन: बनाने के लिए जंग लड़ रहे हैं रोहतक के पूर्व सैनिक
Ο 16 दिसंबर 1971 को भारत की विजय के साथ पाकिस्तान के 2 टुकड़े हुए और बांग्लादेश का जन्म हुआ !
Ο पाकिस्तान इस दर्द को नहीं भूल पाया और 1999 में कारगिल युद्ध हुआ ।
Ο इस युद्ध में भी भारत की जीत हुई जिसे ऑपरेशन विजय का नाम दिया गया।
Ο शहीद सैनिकों की याद में रोहतक शांत माई चौक पर विजय द्वार बनाया गया था।
Ο जिसको बाद में यह कहकर हटा दिया था कि इसका अन्यत्र सुंदर निर्माण किया जायेगा

 

हरियाणा आदिकाल से सैनिकों की भूमि रहा है हरियाणा के सैनिकों ने हर युद्ध में अपने जौहर दिखाते हुए मातृभूमि की रक्षा में अपनी शहादत दी है । 1971 का भारत-पाकिस्तान युद्ध जिसके परिणाम स्वरुप 16 दिसंबर 1971 को भारत की विजय के साथ बांग्लादेश का जन्म हुआ था , उस की याद 53वां विजय दिवस है । क्योंकि 16 दिसंबर 1971 को 14 दिन चले भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तान के 93000की संख्या में सैनिकों ने हथियार डाले l पाकिस्तान की पूर्वी कमान के कमान अधिकारी ले जनरल ए ए के नियाजी ने भारत की पूर्वी कमान के जीओ सी इन एन सी ले जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के सामने हथियार डालकर संधि पर हस्ताक्षर किए ।

शहीद हुए सैनिकों की याद में रोहतक शांत माई चौक पर विजय द्वार बनाया गया था। जिसको बाद में यह कहकर हटा दिया था कि इसका अन्यत्र सुंदर निर्माण होगा

16 दिसंबर को भारतीय विजय के साथ एक नए राष्ट्र बांग्लादेश का उदय हुआ । पाकिस्तान उस दर्द को नहीं भूल पाया और 1999 में कारगिल में धोखे से लंबे चौड़े इलाके पर कब्जा किया। जिसके परिणाम स्वरूप कारगिल युद्ध हुआ । इस युद्ध में भी भारत की जीत हुई इस जीत को भी ऑपरेशन विजय का नाम दिया गया।

इस विजय में शहीद हुए सैनिकों की याद में रोहतक शांत माई चौक पर विजय द्वार बनाया गया था। जिसको बाद में यह कहकर हटा दिया था कि इसका अन्यत्र सुंदर निर्माण होगा ।लेकिन शहीदों के परिवारों और पूर्व सैनिकों की बार-बार मांग के बाद भी आज तक इसका निर्माण नहीं हुआ है। इसको लेकर पूर्व सैनिक और शहीदों के परिवारों में नाराजगी देखी जाती है ।प्रशासन से अनुरोध है कि शीघ्र विजय द्वार का निर्माण करवाए।

 Ο With Best Complements from Hargian Chaudhry Chief Editor मो. 9466887896 

 

इसी मांग को लेकर आज कारोर और खरावड़ गांव में सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में पहुंचे अधिकारी अजय बंसल, रमेश भाटिया राजकुमार बुधवार, उदयभान मलिक को पूर्व सैनिकों ने विजय द्वार बनाने की मांग का ज्ञापन सौंपा और उनसे अनुरोध किया कि विजय द्वार का शीघ्र पुर्ननिर्माण निर्माण करवा कर अपने शहीद सैनिकों को सच्ची श्रद्धांजलि दें।

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