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51 दिवसीय गीता जयंती महोत्सव के तहत गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज से मिले चरणदास महाराज

गीता की अष्टदश श£ोकी पांच हजार पुस्तकें विभिन्न स्कूलों में की जाएगी वितरित : चरणदास महाराज

भिवानी, 27 नवंबर : आगामी 11 दिसंबर को मनाए जाने वाले गीता जयंती महोत्सव को लेकर देश भर में उत्साह एवं जोश का माहौल है तथा जीयो गीता संस्था के संस्थापक गीता मनीषी ज्ञानांद महाराज के आर्शीवाद से विभिन्न संस्थाओं द्वारा गीता के महत्व से रूबरू करवाने के लिए अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे है। इसी कड़ी में युवा जागृति एवं जनकल्याण मिशन ट्रस्ट द्वारा स्थानीय हनुमान ढ़ाणी स्थित हनुमान जोहड़ी मंदिर मे 51 दिवसीय गीता जयंती महोत्सव मनाया जा रहा है। इसी कार्यक्रम के तहत हनुमान जोहड़ी मंदिर के महंत बालयोगी चरणदास महाराज गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज से मिले, जहां आगामी कार्यक्रमों पर चर्चा हुई। इस दौरान गीता मनीष ज्ञानानंद महाराज ने महंत चरणदास महाराज को गीता की अष्टदश श£ोकी पुस्तकों की पांच हजार प्रतियां भेंट की तथा विभिन्न स्कूलों में वितरित करने के आदेश दिए। भिवानी पहुंचने के बाद बालयोगी चरणदास महाराज ने बताया कि जीयो गीता संस्था के संस्थापक गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज द्वारा उन्हे पांच हजार प्रतियां अष्टदश श£ोकी पुस्तकों की भेंट की गई है। जिसमें गीता के 18 मुख्य श£ोक है। इसके अलावा इस पुस्तक में वे तीन श£ोक भी अंकित है, जो कि गीता जयंती महोत्सव पर 11 दिसंबर को 11 बजे एक साथ उच्चारित किए जाएंगे। चरणदास महाराज ने बताया कि इन पुस्तकों को अब विभिन्न स्कूलों में बच्चों को वितरित की जाएगी, ताकि अधिक से अधिक विद्यार्थियों तक गीता जी के महत्व को पहुंचाया जा सकें। चरणदास महाराज ने कहा कि गीता भारतीय दर्शन, आध्यात्म और जीवन के गूढ़ रहस्यों का अद्भुत ग्रंथ है। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से विद्यार्थियों के लिए गीता का महत्व अत्याधिक है, क्योंकि यह उन्हे सही मार्ग पर चलने और जीवन की चुनौतियों का सामना करने की प्रेरणा देती है। उन्होंने कहा कि गीता नैतिकता और ईमानदारी का पाठ पढ़ाती है तथा विद्यार्थियों को ईमानदारी, सत्यनिष्ठा और संयम जैसे गुणों को अपनाने के लिए प्रेरित करती है। जो कि उनके व्यक्तित्व निर्माण में सहायक होते है। चरणदास महाराज ने कहा कि गीता सिखाती है कि व्यक्ति को बिना फल की चिंता किए अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। विद्यार्थी जीवन में यह सिद्धांत अत्यंत महत्वपूर्ण है। परीक्षा और परिणाम की चिंता छोडक़र अध्ययन पर ध्यान केंद्रित करना सफलता का मार्ग खोलता है।

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