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2 आई.ए.एस‌. (IAS) और ‌‌‌‌18 एच.सी.एस. (HCS) अधिकारियों को  विधानसभा चुनाव में रिटर्निंग आफिसर (R.O.) की ड्यूटी से बदलने बारे  चुनाव आयोग अब तक मौन

नतीजे  घोषित होने बाद  पराजित उम्मीदवार सहित हर व्यक्ति आर.ओ. की अयोग्यता को आधार 20 वि.स. सीटों  के चुनाव को हाईकोर्ट में दे  सकता है चुनौती -- एडवोकेट

 
चंडीगढ़ — आगामी 5 अक्टूबर को 15वी हरियाणा विधानसभा आम चुनाव  के लिए निर्धारित मतदान में  प्रदेश के 22 जिलों के   कुल  90 विधानसभा हलकों के लिए भारतीय चुनाव आयोग द्वारा  रिटर्निंग ऑफिसर (आर.ओ.) के तौर पर 75 वि.स. हलकों  में सम्बंधित क्षेत्र के   एस.डी.ओ. (सिविल) अर्थात उपमंडल अधिकारी (नागरिक) जिन्हें एस.डी.एम. भी कहा जाता है जबकि 9 वि.स. हलकों‌ — यमुनानगर, पानीपत शहर, गोहाना, उचाना कलां, रानियां, नलवा, बवानी खेड़ा, कलानौर और फरीदाबाद एनआईटी में सम्बंधित जिलों के ए.डी.सी. (अतिरिक्त उपायुक्त) को आर.ओ. के तौर पर पदांकित किया गया है.

इसी बीच पंजाब एवं हरियाणा के एडवोकेट एवं चुनावी-प्रशासनिक मामलों के जानकार   हेमंत कुमार  ने  चुनाव आयोग को लिखकर  सिरसा और रोहतक जिलों के मौजूदा  तैनात  ए.डी.सी. (अतिरिक्त उपायुक्त) क्रमश: लक्षित सरीन और नरेन्द्र कुमार, जो दोनों 2021 बैच के आईएएस अधिकारी है एवं जो अपने अपने  ए.डी.सी. पद के कारण क्रमशः सिरसा जिले की रानियाँ वि.स. सीट एवं रोहतक जिले की कलानौर (एस.सी. आरक्षित) सीट के पदांकित  आर.ओ. हैं, को बदलकर उनके स्थान पर  अन्य योग्य  आईएएस अधिकारियों  को उक्त जिलों का  ए.डी.सी.  तैनात करने का  पॉइंट उठाया है.

हेमंत का तर्क है कि  मौजूदा  लागू व्यवस्था अनुसार हरियाणा में  जिला ए.डी.सी. का पद सीनियर स्केल प्राप्त आईएएस अर्थात  चार वर्ष से ऊपर आईएएस सर्विस वाले अधिकारी के लिए निर्धारित हैं जबकि उपरोक्त दोनों 2021 बैच के आईएएस अधिकारी वर्तमान में  इस योग्यता को  पूरा नहीं करते. अत:  ए.डी.सी.  पद पर रहते हुए उपरोक्त दोनों आईएएस अधिकारियों का रानियाँ और कलानौर वि.स. सीटों का  आर.ओ. बना रहना सही नहीं है.

हेमंत ने आगे बताया कि इसी प्रकार उन्होंने‌ चुनाव आयोग को लिखकर बताया है कि
वर्तमान में  2020 बैच के  18 एच.सी.एस.  अर्थात पांच वर्ष से कम सेवा वाले अधिकारी,  जो वर्तमान में   प्रदेश के 18 उपमंडलों में बतौर एसडीओ (सी)/एसडीएम  तैनात होने के कारण उसके अंतर्गत पड़ने वाली विधानसभा सीटों के आर.ओ. हैं जिनके  नाम हैं  मोहित कुमार (नारनौंद),  हरबीर सिंह (हिसार), ज्योति (इसराना), अमित कुमार- द्वितीय (सोनीपत), मयंक भारद्वाज (बल्लभगढ़), जय प्रकाश (रादौर), रवींद्र मलिक (बेरी) ), प्रतीक हुड्डा (टोहाना), अमित मान (बड़खल), अमित (समालखा), रमित यादव (नांगल चौधरी) अमित कुमार- तृतीय (कनीना- अटेली), अजय सिंह (कैथल), राजेश कुमार सोनी (घरौंडा) ), अमन कुमार ( पिहोवा), गौरव चौहान (पंचकूला), नसीब कुमार (लाडवा) और विजय कुमार यादव (कोसली), वह सब भी सम्बंधित वि.स. सीट के  आर.ओ. के तौर पर योग्य नहीं हैं क्योंकि हरियाणा सरकार द्वारा वर्ष 2013 और 2020 में जारी आदेश अनुसार , जो मोजूदा तौर पर  भी   लागू है,  एस.डी.ओ. (सिविल)  अर्थात  एस.डी.एम.  के पदों को स्पष्ट तौर पर सीनियर स्केल और सिलेक्शन ग्रेड अर्थात 5 वर्ष से 15 वर्ष तक की एच.सी.एस. सेवा वाले अधिकारियों के लिए दर्शाया गया है. उपरोक्त 2020 बैच के सभी 18 एच.सी.एस. अधिकारियों को  उनके पद अर्थात उनके एसडीओ (सी)/एस.डी.एम.  तैनात होने के  फलस्वरूप ही   चुनाव आयोग द्वारा सम्बंधित विधानसभा सीट  के  आर.ओ. के तौर पर पदांकित किया गया है.

हालांकि चुनाव आयोग द्वारा उपरोक्त 2 आईएएस‌ और 18 एचसीएस अधिकारियोंं को क्रमशः‌ एडीसी और एसडीएम पद से बदलने बारे  कार्रवाई की जानी  फिलहाल लंबित है.

हेमंत का स्पष्ट कानूनी मत है कि इसमें कोई संदेह नहीं कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम ( आर. पी.‌‌ एक्ट), 1951 की धारा 21 के अंतर्गत चुनाव आयोग राज्य सरकार से परामर्श कर किसी भी उपयुक्त प्रदेश सरकार के अधिकारी को विधानसभा हलकों के लिए आर.ओ.  पदांकित कर सकता है एवं इसके लिए संबंधित जिले का एडीसी या सब- -डिवीजन का एसडीएम होना आवश्यक‌ नहीं है जैसे हरियाणा के 6 वि.स. हलको – पुंडरी  में  डीटीओ  कम आरटीए  सचिव,  कैथल, राई  में डीडीपीओ सोनीपत, आदमपुर में डीडीपीओ, हिसार,  उकलाना में डीआरओ, हिसार, पृथला में एस्टेट आफिसर, हूडा, फरीदाबाद और तिगांव में सीईओ, जिला परिषद, फरीदाबाद अर्थात जिला स्तर के उक्त ग्रुप ए सरकारी अधिकारियों को आर.ओ. के तौर पर पदांकित किया गया है.
बहरहाल, चूंकि प्रदेश के 20  वि.स.  हलकों नामत: रानियाँ में एडीसी-सिरसा,  कलानौर में एडीसी-सोनीपत एवं नारनौंद‌, हिसार, इसराना, सोनीपत, बल्लभगढ़, रादौर, बेरी, टोहाना, बड़खल, समालखा, नांगल चौधरी, कैथल, घरौंडा, पिहोवा, पंचकूला, लाडवा, कोसली और अटेली (कनीना) में संबंधित एसडीओ ( सिविल) अर्थात एसडीएम को‌ पदेन अर्थात उनके पद के कारण प्रासंगिक विस हलके/ सीट का आर.ओ. पदांकित किया गया है, अतः इन हलकों में एडीसी या एसडीओ ( सिविल) के पदों पर तैनात आईएएस  या‌‌ एचसीएस अधिकारी तभी आधिकारिक रूप से आर.ओ. के तौर पर कार्य कर सकते हैं अगर वह सब इन पदों पर तैनात होने के लिए न्यूनतम सर्विस ( सेवा) की योग्यता पूरी करते हो.  अगर ऐसा नहीं  होता है कि चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद उक्त 20 वि.स सीटों पर न केवल पराजित उम्मीदवार बल्कि कोई व्यक्ति भी  आर.ओ. की अयोग्यता को आधार बनाकर चुनाव को अदालत अर्थात हाईकोर्ट में चुनौती दे  सकता है.

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