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10वीं एशिया पेसिफिक डैफगेम्स में तीन दिव्यांग खिलाडिय़ों ने जीते एक सिल्वर व दो कांस्य पदक : संभ्रवाल

  • 10वीं एशिया पेसिफिक में पदक विजेता दिव्यांग खिलाडिय़ों का पालेराम चैरिटेबल ट्रस्ट ने किया स्वागत
  • मेहनत, लगन और आत्मविश्वास से किसी भी बाधा को किया जा सकता है पार : सुरेंद्र संभ्रवाल

भिवानी, 12 दिसंबर : बीते दिनों मलेशिया में आयोजित हुई 10वीं एशिया पेसिफिक डैफ गेम्स में स्थानीय आस्था स्पेशल स्कूल के दिव्यांग खिलाडिय़ों ने अपनी खेल प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन करते हुए तीन खिलाडिय़ों ने विभिन्न स्पर्धाओं में कुल तीन पदक हासिल किया। इस प्रतियोगिता में जसपाल ने शॉटपुर मे सिल्वर व डिस्कस थ्रो में कांस्य पदक, अमित ने कुश्ती प्रतियोगिता में कांस्य पदक हासिल कर तथा रूपेश ने जेवलिन में सातवां स्थान हासिल कर एक बार फिर से खेल नगरी भिवानी को गौरवांवित किया। पदक विजेता खिलाड़ी के भिवानी पहुंचने पर वीरवार को आस्था स्पेशल स्कूल के संस्थापक विजय शर्मा व प्राचार्या एवं संचालिका अधिवक्ता सुमन शर्मा के नेतृत्व में पालेराम चैरिटेबल ट्रस्ट ने फूल-मालाओं के साथ जोरदार स्वागत किया गया। दिव्यांग खिलाडी अमित की उपलब्धि से गदगद खेल प्रेमियों ने उनका फूल-मालाएं पहनाकर जोरदार स्वागत किया तथा विजय जुलूस निकालकर खिलाड़ी का उत्साहवर्धन किया।


पदक विजेता दिव्यांग खिलाड़ी अमित का स्वागत करते हुए पालेराम चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक सुरेंद्र संभ्रवाल ने कहा कि ये दिव्यांग नहीं, स्पेशल एबेल्ड बच्चें है। जिन्होंने अपनी प्रतिभा के दम पर विदेश में खेल नगरी भिवानी व देश का नाम रोशन किया है, यह भिवानी के प्रत्येक नागरिक के लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि पदक विजेता दिव्यांग खिलाडिय़ों ने समाज को यह दिया है कि शारीरिक चुनौतियां किसी व्यक्ति की क्षमता को सीमित नहीं करतीं तथा मेहनत, लगन और आत्मविश्वास से किसी भी बाधा को पार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ये सभी खिलाड़ी दूसरों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने है, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो शारीरिक या मानसिक चुनौतियों के कारण हार मान जाते है। संभ्रवाल ने कहा कि दिव्यांग खिलाडिय़ों को पदक विजेता के रूप में सम्मानित करना समाज में समानता, प्रेरणा और समर्पण के आदर्शों को बढ़ावा देता है। यह उनके अधिकारों और योगदान को पहचानने का जरिया बनता है।

इस मौके पर आस्था स्पेशल स्कूल की प्राचार्या एवं संचालिका अधिवक्ता सुमन शर्मा ने बताया कि उनके विद्यालय के तीन विद्यार्थियों के तीन खिलाडिय़ों ने कुल तीन पदक हासिल किए है। उन्होंने बताया कि अब इन खिलाडिय़ों का अगला लक्ष्य वर्ष 2025 में होने वाले डैफ ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतना है तथा उन्हे पूरा विश्वास है कि ये तीनों खिलाड़ी अपनी मेहनत व प्रतिभा के दम पर अपना लक्ष्य हासिल करेंगे।

आस्था स्पेशल स्कूल के संस्थापक विजय शर्मा ने कह कि पदक विजेता दिव्यां खिलाडिय़ों के सम्मान से अन्य दिव्यांगजनों में खेलों के प्रति रुचि बढ़ती है, जो कि उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक होता है। उन्होंने कहा कि पदक विजेता दिव्यांग खिलाडिय़ों का सम्मान न केवल उनकी उपलब्धियों को पहचानने का माध्यम है, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का भी एक महत्वपूर्ण कदम है। इस अवसर पर विरेद्र उर्फ मिंटू, सुरेश मेहरा, श्रीनिवास सहित अन्य खेलप्रेमी मौजूद रहे।

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