हवन एवं भंडारे के साथ हुआ मद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का समापन
भागवत कथा का श्रवण करता है उद्धार तो आयोजनकर्ता बनते है पुण्य के भागी : अनिल प्रणामी महाराज
भिवानी, 23 नवंबर : स्थानीय कमला नगर स्थित श्रीराम मंदिर में कमला नगर निवासियों के सहयोग से जारी संगीतमयी श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञानयज्ञ का समापन हवन एवं भंडारे के साथ हुआ। इस दौरान श्रीमद्भागवत का रसपान पाने के लिए भक्तों का सैलाब कथा स्थल पर उमड़ पड़ा। यह जानकारी देते हुए पूर्व पार्षद प्रवीण चावला ने बताया कि कथा के समापन अवसर पर मुख्यअतिथि के तौर पर विधायक घनश्याम एवं अति विशिष्ट के तौर पर नगर परिषद चेयरपर्सन प्रतिनिधि भवान प्रताप ने शिरकत की। उन्होंने बताया कि संगीतमयी श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञानयज्ञ का आयोजन श्रीश्री108 सतगुरू राधिकादास जी एवं श्रीश्री 108 सतगुरू सदानंद जी महाराज के आर्शीवाद से किया गया, जिसमें अनिल प्रणामी महाराज द्वारा कथा का वाचन किया गया। भागवत कथा के समापन पर कथाव्यास अनिल प्रणामी महाराज ने कृष्ण-सुदामा की मित्रता का प्रसंग सुनाया। उन्होंने कहा कि मित्रता कैसे निभाई जाए, यह भगवान श्रीकृष्ण से समझ सकते हैं। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्णा ने अपने मित्र सुदामा के लिए स्वयं जैसा ही महल बनाकर सम्मान किया। दोनों की ऐसी मित्रता देखकर सभा में बैठे सभी लोग अचंभित हो गए। श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए अनिल प्रणामी महाराज ने कहा कि सात दिनों तक भागवत कथा का श्रवण करने से मनुष्य का उद्धार हो जाता है तथा कथा का आयोजन करवाने वाले भी पुण्य के भागी होते है। इस मौके पर विधायक घनश्याम सर्राफ व नगर परिषद चेयरपर्सन प्रतिनिधि भवानी प्रताप ने कहा कि भगवत कथा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह एक आध्यात्मिक अनुभव है। यह मनुष्य को भगवान से जोडक़र उसके जीवन को दिव्यता और पवित्रता से भर देती है। इसे सुनना और उसका पालन करना हर व्यक्ति के जीवन को सार्थक बनाता है। इस अवसर पर भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष विनोद चावला, पार्षद सूर्यकांत, पार्षद संदीप तंवर, पार्षद संदीप यादव, पार्षद बंटी तंवर, अशोक यादव, ओपी नंदवानी, वीना दुरेजा, शन्नो कटारिया, अमित मेहता, सुभाष मेहता, मुकेश जूई, कमल कांत, टोनी तंवर, लाखन सिंह तंवर, सोनिया सुनेजा, दीनानाथ नारंग, साक्षी मखीजा, विनोद मेहता, सुमन मखीजा, मुन्नी देवी शर्मा, अंजू तलेजा, जुगनू पेंटर, मधु शर्मा, अजय सोनी, तन्नु सहित अनेक श्रद्धालुगण मौजूद रहे।