हरियाणा राज्य परिवहन और राजस्थान रोडवेज परिवहन निगम के कर्मचारी पुलिस कार्यवाही से प्रताड़ित – रोडवेज कर्मचारी यूनियन
हरियाणा 1004.
हरियाणा रोडवेज की बसें अन्य पड़ोसी राज्यों के आपसी करार के तहत एक राज्य से दूसरे पड़ोसी राज्य में जन हित व राज्य विभाग हित यात्रियों को बेहतर परिवहन सुविधा उपलब्ध करवा रही हैं, लेकिन पिछले दो दिनों से राजस्थान क्षेत्र में राजस्थान पुलिस द्वारा हरियाणा रोडवेज की बसों और हरियाणा में राजस्थान रोडवेज की बसों के हरियाणा/दिल्ली पुलिस द्वारा जिस तरह से द्वेष भावना के साथ बसों के चालान काटे जा रहे हैं, उसकी रोडवेज कर्मचारी यूनियन हरियाणा 1004 के प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष अनूप लाठर, महासचिव जयबीर घणघस , व भिवानी की कमेटी कड़े शब्दों में निंदा की है।
यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष सरदार निशान सिंह ने सख्त ऐतराज जताते हुए कहा है कि राजस्थान और हरियाणा पुलिस के आपसी विवाद में जिस तरह से हरियाणा और राजस्थान रोडवेज कर्मचारियों के साथ बर्ताव किया जा रहा है वह विभाग व कर्मचारी हित में अशोभनीय है। कुछ दिन पूर्व हरियाणा पुलिस की एक महिला कर्मचारी का राजस्थान रोडवेज की बस में टिकट न लेने बारे विवाद होने की एक वीडियो वायरल हुई थी, उसके बाद से हरियाणा और राजस्थान पुलिस के कर्मचारियों के आपसी विवाद की वजह से रोडवेज कर्मचारियों के साथ ऐसा व्यवहार न्यायसंगत नहीं है। हरियाणा और राजस्थान रोडवेज के सभी कर्मचारियों में भारी रोष पैदा हो गया है क्योंकि दोनों राज्यों की बसें आपसी परिवार करार अनुसार एक – दूसरे प्रदेश में संचालन कर रही हैं, अब पुलिस कर्मचारियों के आपसी टकराव की वजह से रोडवेज बसों के अवैध तरीके से चालान किए जा रहे हैं। कहीं पर परमिट का बहाना बनाया जा रहा है कहीं पर वर्दी तो कहीं पर ओवरस्पीड का बहाना बनाकर चालान किए जा रहे हैं। रोडवेज एक आमजन की सवारी है, जिसमें गरीब और मध्यम वर्ग के लोग और विद्यार्थी अपना सफर करते हैं,परंतु जिस तरह से बस में 50 यात्री से ऊपर यात्री होने का बहाना बनाकर चालान किए जा रहे हैं इससे एक आम सवारी और रोडवेज कर्मचारियों के बीच एक नया विवाद उत्पन्न होने की संभावना हो गई है।
इसलिए हम हरियाणा राज्य परिवहन के उच्च अधिकारियों से मांग करते हैं कि इस मामले पर तुरंत संज्ञान लेते हुए सच्चाई को सामने लाकर उक्त समस्या का समाधान करवाया जाए क्योंकि कर्मचारियों पर चालान के रूप में व्यर्थ का आर्थिक भार पड़ रहा है और विभाग की छवि धुमिल होने के साथ – साथ अवैध रूप से किए जा रहे चालान की वजह से पड़ोसी राज्यों के आपसी संबंध भी खराब होने की संभावना जताई जा रही है। समय रहते हुए दोनों राज्यों की सरकारों ने इस मामले की गहराई से जांच करनी चाहिए ताकि दोनों राज्यों के कर्मचारियों में पुलिस प्रशासन के प्रति व्यापक रोष को रोका जा सके।