चंडीगढ़, 10 अक्टूबर: हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी द्वारा सभी मुद्दों को हल करने के आश्वासन के बाद, हरियाणा राइस मिलर्स एसोसिएशन ने अपनी हड़ताल समाप्त करने और राज्य भर की मंडियों में धान का उठाव फिर से शुरू करने की घोषणा की है।
चंडीगढ़ में आज एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में श्री सैनी ने कई मांगों पर विचार किया और कहा कि अधिकतर मांगें भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और केंद्र सरकार से संबंधित हैं। उन्होंने प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया कि किसानों और व्यापारियों को किसी भी तरह की असुविधा से बचाने के लिए इन मुद्दों को केंद्र सरकार के समक्ष उठाया जाएगा। जवाब में एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री का आभार जताया और आश्वासन दिया कि वे तुरंत उठाव प्रक्रिया फिर से शुरू करेंगे।
मिलिंग शुल्क बढ़ाने के अनुरोध के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि चूंकि मिलिंग शुल्क भारत सरकार द्वारा निर्धारित किए जाते हैं, इसलिए राज्य सरकार इस संबंध में केंद्र सरकार से अनुरोध करेगी। उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार द्वारा मिलिंग शुल्क नहीं बढ़ाया जाता है, तो राज्य सरकार मिलर्स को अतिरिक्त बोनस देने पर विचार कर सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि ड्रिज शुल्क को 0.5 प्रतिशत से 1 प्रतिशत करने के अनुरोध पर भी विचार किया जाएगा।
हाइब्रिड धान के लिए आउट-टर्न रेशियो के बारे में मुख्यमंत्री ने एसोसिएशन को आश्वासन दिया कि इस मामले को केंद्र सरकार के समक्ष उठाया जाएगा और मिलर्स की आउट-टर्न रेशियो को कम करने की मांग पर विचार करने की सिफारिश की जाएगी। एफसीआई के प्रतिनिधियों के साथ आईआईटी खड़गपुर को एक अध्ययन सौंपा गया है। अध्ययन दल के अक्टूबर/नवंबर 2024 के महीने में हरियाणा की चावल मिलों का दौरा करने की संभावना है। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि राज्य में विभिन्न एफसीआई गोदामों में 16 लाख मीट्रिक टन धान के भंडारण के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है। वर्तमान में, 8 लाख मीट्रिक टन भंडारण क्षमता उपलब्ध है, और दिसंबर 2024 तक अतिरिक्त 8 लाख मीट्रिक टन तैयार होने की उम्मीद है।