हनुमान जोहड़ी मंदिर में मनाया गुरू नानकदेव जी का प्रकाश पर्व
मानवता को समानता व प्रेम की ओर अग्रसर करता है गुरू नानकदेव जी का जीवन : चरणदास महाराज
भिवानी, 15 नवंबर : स्थानीय हनुमान ढ़ाणी स्थित हनुमान जोहड़ी मंदिर में युवा जागृति एवं जनकल्याण मिशन ट्रस्ट द्वारा शुक्रवार को सिख धर्म के संस्थापक एवं प्रथम गुरू गुरू नानकदेव जी का प्रकाश पर्व मनाया गया। इस मौके पर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनके जीवन आदर्श एवं शिक्षाओं की जानकारी उपस्थित लोगों को दी गई। इस अवसर पर मंदिर के महंत बालयोगी चरणदास महाराज ने कहा कि गुरु नानक देव का जन्म ननकाना साहिब (अब पाकिस्तान में) राय भोई की तलवंडी में हुआ था। उन्होंने कहा कि सिखों के प्रथम गुरु गुरु नानकदेव महान आध्यात्मिक चिंतक व समाज सुधारक थे। अपनी चार यात्राओं के दौरान वे विश्व के अनेक भागों में गए और मानवता के धर्म का प्रचार किया। उन्होंने कहा कि जहां-जहां गुरु साहिब के चरण पड़े वहां आज ऐतिहासिक गुरुद्वारे बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि गुरु नानकदेव की शिक्षाएं ना केवल आध्यात्मिकता की गहराई को प्रकट करती हैं, बल्कि सामाजिक असमानताओं और कुरीतियों के खिलाफ एक सशक्त संदेश भी देती हैं। उनका जीवन और उनके उपदेश एक ऐसा मार्गदर्शन हैं, जो मानवता को समरसता, समानता और प्रेम की ओर अग्रसर करते हैं। इस मौके पर सामाजिक कासर्यकर्ता रमेश सैनी व पर्यावरण प्रहरी विजय सिंहमार ने कहा कि गुरू नानक देव जी ने समानता, लंगर प्रथा, नारी सम्मान और अधिकार, आडंबर और अंधविश्वास का विरोध, कर्म और मेहनत का महत्व, भाई और प्रेम का संदेश अपनी शिक्षाओं के माध्यम से दिया। इस अवसर पर पुजारी ध्यानदास महाराज, मातुनाथ, मोनिया सैनी, दीपक कुमार, कृष्ण सोनी, मनदीप सोनी, समनाम सैनी, सुभाष चंद वर्मा, आशू, वंशिका, इशिका, श्रुति, रचना शुक्ला, हीना, अंजली, जया, पूजा, सोनू सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।