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सोनिया गाँधी का राज्यसभा सदस्य के तौर पर पहला कार्यकाल आरंभ, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दिलाई शपथ
Sonia Gandhi's first term as Rajya Sabha member begins, Vice President Jagdeep Dhankhar administers oath
Ο केंद्र सरकार ने जारी की निर्वाचन नोटिफिकेशन, 20 फरवरी को राजस्थान से हुई थी निर्विरोध निर्वाचितΟ नेहरु-गाँधी परिवार से आज तक सबसे अधिक 8 बार मेनका गाँधी रहीं हैं लोकसभा सांसद — हेमंत
चंडीगढ़ — कांग्रेस पार्टी की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष 77 वर्षीय सोनिया गाँधी आज 4 अप्रैल 2024 से आधिकारिक और औपचारिक तौर पर आगामी 6 वर्षो के लिए भारतीय संसद के ऊपरी सदन की सदस्य अर्थात राज्यसभा सांसद बन गई है. आज ही उन्हें देश के उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ द्वारा पद और सत्यनिष्ठा की शपथ दिलाई गई. सोनिया को डेढ़ माह पूर्व 20 फरवरी को कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर राजस्थान प्रदेश से राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया.
इसी बीच पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट और संसदीय मामलों के जानकार हेमंत कुमार ने आधिकारिक जानकारी एकत्रित कर बताया कि आज 4 अप्रैल को भारत सरकार के गजट में केन्द्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय के अंतर्गत पड़ने वाले विधायी विभाग द्वारा प्रकाशित नोटिफिकेशन मार्फत ओडिशा और राजस्थान से तीन -तीन अर्थात कुल छ: नव-निर्वाचित राज्यसभा सांसदों का नाम लोक प्रतिनिधित्व कानून (आर.पी. एक्ट),1951 की धारा 71 में अधिसूचित कर दिया गया है, जिससे सोनिया गाँधी सहित उक्त सभी नव-निर्वाचित सांसदों का 6 वर्ष कार्यकाल अर्थात 4 अप्रैल 2024 से 3 अप्रैल 2030 तक प्रारंभ हो गया है. सोनिया गाँधी का राज्यसभा में यह पहला कार्यकाल है एवं इससे पूर्व वह पांच बार लोकसभा सांसद निर्वाचित हो चुकी हैं. इससे पूर्व सोनिया की सास और देश की पूर्व प्रधानमन्त्री इंदिरा गाँधी भी एक बार तीन वर्षो के लिए राज्यसभा सांसद रही हैं.
सनद रहे कि मई, 2019 में गठित मौजूदा 17वीं लोकसभा में सोनिया गाँधी उत्तर प्रदेश की रायबरेली संसदीय सीट से चौथी बार सांसद निर्वाचित हुई थीं. हालांकि उससे पूर्व अक्टूबर,1999 में वह उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट और साथ साथ कर्नाटक की बेल्लारी सीट से पहली बार लोकसभा का चुनाव जीतकर सांसद बनी थी. बेल्लारी से सोनिया ने भाजपा की तेज तर्रार नेत्री सुषमा स्वराज को पराजित किया गया हालांकि उसके तत्काल बाद सोनिया ने बेल्लारी सीट से त्यागपत्र दे दिया था.
इसके अतिरिक्त वर्ष 2006 में 14 वी लोकसभा के कार्यकाल दौरान सोनिया ने एक बार रायबरेली सीट से त्यागपत्र देकर उसी सीट से उपचुनाव भी जीता था जब उनके तत्कालीन राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (नैक) की चेयरपर्सन के पद को लाभ का पद के दायरे में होने बारे प्रश्न उठे थे.
बहरहाल, चूँकि सोनिया गाँधी को राज्यसभा के लिए 20 फरवरी 2024 को राजस्थान से राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया था इसलिए लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम (आरपी एक्ट), 1951 की धारा 69(1) के अनुसार उनकी लोकसभा सदस्यता उसी दिन से ही समाप्त हो गयी थी. हेमंत ने बताया कि उक्त कानूनी धारा में स्पष्ट तौर पर उल्लेख है कि यदि कोई व्यक्ति जो पहले से ही लोकसभा का सदस्य है और ऐसी सदस्यता के दौरान उसे राज्यसभा का सदस्य चुन लिया जाता है, तो लोकसभा में उस व्यक्ति की सीट उसके राज्यसभा सदस्य चुने जाने की तारीख से ही रिक्त हो जाती है. इसलिए 20 फरवरी 2024 से 3 अप्रैल 2024 के बीच की अवधि के लिए, सोनिया गांधी संसद के किसी भी सदन की सदस्य नहीं रही थी .
जहाँ तक नेहरु-गाँधी परिवार की लोकसभा सदस्यता का प्रश्न है, तो हेमंत ने बताया कि सोनिया गाँधी, जो 5 बार लोकसभा सांसद रही है, के अलावा आज तक सबसे अधिक 8 बार मेनका गाँधी लोकसभा की सांसद रही हैं एवं वह इस बारे भी 9वी बार लोकसभा सांसद के लिए उत्तर प्रदेश की सुल्तानपुर सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ेंगी. इसके अतिरिक्त इंदिरा गाँधी 4 बार, राजीव गाँधी 4 बार, राहुल गाँधी 4 बार, वरुण गाँधी 3 बार, फिरोज गाँधी 2 बार जबकि संजय गाँधी एक बार लोकसभा सांसद रहे हैं. देश के पहले प्रधानमन्त्री और इंदिरा गाँधी के पिता जवाहरलाल नेहरू तीन बार लोकसभा सांसद निर्वाचित हुए थे.