राजनीति
सिरसा में आशा वर्करों व पुलिस के बीच धक्का-मुक्की,सुरक्षा घेरे को तोड़ आशा वर्कर्स ने डिप्टी सीएम आवास का किया घेराव
Clash between Asha workers and police in Sirsa, Asha workers broke the security cordon and surrounded the Deputy CM's residence.
राजेंद्र कुमार
सिरसा।हरियाणा के सिरसा में आशा वर्कर्स न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपये, सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने व रिटायरमेंट उम्र 65 वर्ष करने सहित अन्य मांगों को लेकर पिछले लंबे समय में धरने-प्रदर्शन कर रही हैं। इसी कड़ी में बुधवार को आशा वर्करों ने सिरसा में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के आवास का घेराव किया। आशा वर्कर्स के विरोध प्रदर्शन के दृष्टिगत सुबह से ही अतिरिक्त पुलिस बल उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के आवास व आवास की और जाने वाले मार्गो पर बेरिकेड्स लगाकर तैनात किया गया था।
ज्यो ही सैकड़ों की तादाद में आशा वर्कर्स अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम के मुताबिक उप मुख्यमंत्री के आवास को घेरने पहुंची तो पुलिस कर्मियों ने बाबा भूमणशाह चौक पर बैरीगेट लगाकर व सुरक्षा घेरा बनाकर प्रदर्शनकारी आशा वर्करों को रोकने का प्रयास लेकिन आशा वर्कर सुरक्षा घेरा तोड़ते हुए बैरीगेट को सडक़ पर गिराकर उपमुख्यमंत्री आवास की ओर कूच कर गईं। इसी बीच पुलिस कर्मियों व आशा वर्करों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। प्रदर्शनकारी आशा वर्करों का आरोप है कि महिलाओं को रोकने के लिए पुरूष पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगाना गलत है। पुलिस कर्मियों ने उनके साथ हाथापाई की है जिसमें कई आशा वर्कर मामूली चोटिल भी हुई हैं।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे मांगों को लेकर अब 24 घंटे का पड़ाव उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के आवास के समक्ष लगाएंगी। अब भी अगर उनकी मांगों नहीं मानी जाती तो आगे आंदोलन तेज किया जाएगा। आशा वर्कर एसोसिएशन हरियाणा के जिला प्रधान दर्शना व महासचिव पिंकी ने कहा कि वे आज उपमुख्यमंत्री के आवास पर घेराव करने आई थीं। पुलिस ने सडक़ पर कई जगह बैरीगेट लगाकर उन्हें रोकने का प्रयास किया। उनके साथ धक्का-मुक्की भी की। बैरीगेट को सडक़ पर गिराकर वे आगे बढ़ी हैं। पुलिस की हाथापाई में कई वर्कर घायल हुई हैं। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती आंदोलन जारी रहेगा।
बता दें कि अपनी मांगों को लेकर लघु सचिवालय में आशा वर्कर्स का धरना पिछले 72 दिनों से जारी है। आशा वर्कर यूनियन की जिला प्रधान दर्शना रानी का कहना है कि मुख्य सचिव राजेश खुल्लर के साथ सोमवार को दूसरी बार वार्ता हुई।
उन्होंने मांगों पर आश्वासन दिया, लेकिन यूनियन के डेलिगेशन के साथ सभी मांगों पर सहमति नहीं हुई। मुख्य सचिव राजेश खुल्लर व सभी अधिकारियों ने दो-तीन दिन के बाद मुख्यमंत्री के साथ बातचीत के बाद ही अंतिम फैसले की बात कही। उन्होंने बताया कि जब तक हमारी मांगों का समाधान नहीं होता है, तब तक आशा वर्कर्स का धरना जारी रहेगा।