शारीरिक, मानसिक, सामाजिक व सांस्कृतिक विकास के लिए अहम है नृत्य जैसी प्रतियोगिताएं : इंदु परमार
राष्ट्रीय नृत्य प्रतियोगिता के सेमीफाईनल मुकाबले में इंदु परमार ने बढ़ाया प्रतिभागियों का उत्साह
भिवानी, 17 दिसंबर : नृत्य जैसी प्रतियोगिताएं केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं है, बल्कि इस प्रकार की गतिविधियां युवाओं के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। नृत्य जैसी प्रतियोगिताओं के माध्यम से युवाओं को मिला मंच उन्हें आत्म आविष्कार और समाज में अपनी जगह बनाने का अवसर प्रदान करते है। युवाओं के शारीरिक, मानसिक, सामाजिक व सांस्कृतिक विकास में नृत्य जैसी प्रतियोगिताएं अहम रोल अदा करती है। इसीलिए प्रत्येक युवा को शिक्षा व खेल के साथ-साथ इस प्रकार की गतिविधियों में जरूर भाग लेना चाहिए। यह बात रीति संगम जनकल्याण समिति की प्रदेशाध्यक्ष इंदु परमार ने कौशिक नाट्य नृत्य अकादमी के अध्यक्ष पवन कौशिक द्वारा 29 दिसंबर को आयोजित करवाई जाने वाली कल के कलाकार राष्ट्रीय नृत्य प्रतियोगिता के लिए स्थानीय सांस्कृतिक सदन में आयोजित हुए सेमीफाईनल मुकाबले में बतौर मुख्यअतिथि संबोधित करते हुए कही। कार्यक्रम में पहुंचने पर आयोजकों द्वारा मुख्यअतिथि का स्मृति चिह्न भेंट कर स्वागत किया गया। इस मौके पर इंदु परमार ने कौशिक नाट्य नृत्य अकादमी अध्यक्ष पवन कौशिक के इस अभियान की सराहना करते हुए इसे युवाओं के विकास में मील का पत्थर बताया।
उन्होंने बताया कि पवन कौशिक संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ-साथ युवाओं के विकास के लिए पिछले 20 वर्षो से कार्यरत्त है, जो कि एक अच्छा कदम है। इंदु परमार ने कहा कि नृत्य प्रतियोगिताएं युवाओं को अपनी रचनात्मकता और कौशल को प्रदर्शित करने का अवसर देती हैं। उन्होंने कहा कि नृत्य के नियमित अभ्यास से युवा न केवल फिट रहते हैं, बल्कि मानसिक तनाव भी कम होता है। यही नहीं नृत्य प्रतियोगिएं विभिन्न प्रकार के नृत्य शैलियों, जैसे शास्त्रीय, लोक और आधुनिक नृत्य को बढ़ावा देती हैं। इससे युवा अपनी सांस्कृतिक विरासत से जुड़ते हैं और विभिन्न संस्कृतियों को समझने का अवसर पाते हैं। इस अवसर पर राजीव शर्मा प्राचार्य केएम कालेज आफ एजुकेशन, सविता घनघस प्राचार्या, मदन तंवर प्राचार्य, राजेन्द्र तंवर, विनय सिंघल, नरेंद्र शर्मा, रामकुमार शर्मा उर्फ मांगेराम भगत, आशुतोष शर्मा सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।