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श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की कथा सुनकर भावविभोर हुए श्रद्धालु

भागवत कथा सुनने मात्र से ही होता है मनुष्य का उद्धार : कथाव्यास पंडित ब्रिजमोहन कौशिक

श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की कथा का हुआ वाचन

भिवानी, 26 सितंबर : जिला के गांव खरक कलां में राजान पाना परस में जारी श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन वीरवार को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर पूरा पंडाल नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की के जयकारों से गूंज उठा। इस दौरान लोग झूमने-नाचने लगे। कृष्ण जन्मोत्सव पर नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की गीत पर भक्त जमकर झूमे। इस मौके पर रामफल शर्मा एवं डा. नवीन ने मुख्य रूप से पहुंचकर आज की कथा का शुभारंभ किया। कथाव्यास पंडित ब्रिजमोहन कौशिक ने कहा कि मनुष्य के जीवन में अच्छे व बुरे दिन प्रभु की कृपा से ही आते हैं। उन्होंने कहा कि जिस समय भगवान कृष्ण का जन्म हुआ, जेल के ताले टूट गये। पहरेदार सो गये। वासुदेव व देवकी बंधन मुक्त हो गए। प्रभु की कृपा से कुछ भी असंभव नहीं है। कृपा न होने पर प्रभु मनुष्य को सभी सुखों से वंचित कर देते हैं। भगवान का जन्म होने के बाद वासुदेव ने भरी जमुना पार करके उन्हें गोकुल पहुंचा दिया। वहां से वह यशोदा के यहां पैदा हुई शक्तिरूपा बेटी को लेकर चले आये। इस दौरान भगवान की विभिन्न लीलाओं की महिमा का भी विस्तार से वर्णन किया गया।

श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कथाव्यास पंडित ब्रिजमोहन कौशिक ने कहा कि जब-जब धरती पर अत्याचार बढ़ा, तब-तब भगवान अपने भक्तों की रक्षा करने के लिए धरती पर अवतरित हुए। उन्होंने कहा कि भगवान से सच्ची श्रद्धा एवं प्रेम करने वाला ही भगवान का सच्चा भक्त होता है। उन्होंने कहा कि भागवत कथा सुनने मात्र से ही मनुष्य का उद्धार होता है। इस अवसर पर वासुदेव, सुभाष जांगड़ा, करण सिंह परमार, ओम प्रकाश, रामपाल शर्मा, रामधारी शर्मा, पंकज, अमित, अशोक एवं समस्त महिला भजन मंडली राजन पाना खरक कला उत्सस्व में शामिल हुए।

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