वनवासी वीरों की गौरवगाथा विषय पर विचार गोष्ठी आयोजित
विद्यार्थियों को करवाया महारानी दुर्गावती व भगवान बिरसा मुंड़ा के जीवन आदर्श से अवगत
भिवानी, 20 नवंबर : गोंडवाना की महारानी दुर्गावती की 500वीं जयंती एवं भगवान बिरसा मुंड़ा की 150वी जयंती के उपलक्ष्य में वनवासी कल्याण आश्रम एवं सामाजिक समरसता मंच के संयुक्त तत्वावधान में विभिन्न विद्यालयों में विचार गोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है, ताकि युवा पीढ़ी को देश के वीर सपूतों के जीवन आदर्श से रूबरू करवाया जा सकें। इसी कड़ी में गांव नवां राजगढ़ स्थित विकास वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में बुधवार को विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। विद्यालय प्राचार्य हरिराम व स्टाफ सदस्यों के सहयोग से यह विचार गोष्ठी काफी प्रभावित रही। इस मौके पर सेवानिवृत्त प्राचार्य जगमोहन एवं सेवानिवृत्त मुख्याध्याक चंद्र प्रकाश ने महारानी दुर्गावती व बिरसा मुंडा के जीवन आदर्श पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि रानी दुर्गावती ने अपने राज्य और जनता की रक्षा के लिए मुगल शासक अकबर की विशाल सेना से वीरतापूर्वक युद्ध किया। उन्होंने अपने राज्य को स्वतंत्र बनाए रखने के लिए साहसपूर्वक नेतृत्व किया तथा अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने जनजातीय समाज को जागरूक करने और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष किया। उन्होंने उलगुलान (विद्रोह) का नेतृत्व करते हुए ब्रिटिश शासन और जमींदारी प्रथा के खिलाफ जनजातीय समुदाय को संगठित किया। बिरसा मुंडा ने अन्याय के खिलाफ लड़ाई, अपने समुदाय के कल्याण, और सांस्कृतिक पहचान के संरक्षण की प्रेरणा दी। उनका जीवन सत्य, संघर्ष और समर्पण का प्रतीक है। इस मौके पर सामाजिक समरसता मंच के जिला संयोजक प्रेमनाथ कौशिक व नगर संयोजक बृजमोहन कौशिक ने कहा कि रानी दुर्गावती और बिरसा मुंडा दोनों ही हमें अन्याय और दमन के खिलाफ संघर्ष करने की शिक्षा देते हैं। इन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी डटकर मुकाबला करना। इनकी जीवन गाथा हमारे लिए प्रेरणा है कि हम अपने कर्तव्यों को पूरी निष्ठा और साहस के साथ निभाएं। इस मौके पर अधिवक्ता केंद्र मनी, योगाचार्य ऋषभ चौहान ने शहीदों के ऊपर अपने विचार व्यक्त किए।