लोहड़ी व मकर सक्रांति पर्व मिलन व प्यार का प्रतिक है: बीके सुमित्रा

Jill I लोहड़ी व मकर सक्रांति पर्व मिलन व प्यार का प्रतिक है: बीके सुमित्रा
भिवानी, 14 जनवरी। भारत देश विभिन्न धार्मिक त्यौहारों का देश है। हर त्यौहार का हमारी संस्कृति में विशेष महत्व है होता है। यह बात प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज शाखा सिद्धि धाम प्रमुख राजयोगिनी बीके सुमित्रा बहन ने उपस्थित ब्रह्मावत्सों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि लोहड़ी व मकर सक्रांति का पर्व मिलन व प्यार का प्रतिक है। उन्होंने कहा कि ये दोनों पर्व खुशहाली व मौसम परिवर्तन का भी प्रतिक माने जाते हैं। इन पर्व पर ठंड कम होती जाती है। इन दिनों में किसानों के खेतों में खड़ी फसलें लहलाते हुए वातावरण को हराभरा व मनमोहक बनाती हैं। उन्होंने कहा कि इन पर्वों पर मानव को अपने जीवन में खुशहाली लाने के लिए आध्यात्म व योग को अपनाने की जरूरत है। आध्यात्म व योग करने से हमारी आत्मा प्रबल होती है और मन खुशहाल होता है और आत्मीक शक्ति व बौद्धिक विकास होता है। उन्होंने कहा कि हमारी भारतीय संस्कृति अन्य देशों से अलग है यहां पर अनेक धर्मों के लोग रहते हैं इसके बावजूद ही हमारे देश में विभिन्नता में एकता का समावेश है और हर धर्म हमें यही संदेश देता है। इस अवसर पर बीके आरती, बीके शारदा, बीके राजबाला, बीके संतोष, बीके सुशील, बीके ओमप्रकाश, बीके शुभम, बीके राजेश व मीडिया प्रभारी बीके धर्मवीर सहित अनेक ब्रह्मावत्स उपस्थित रहे।लोहड़ी व मकर सक्रांति पर्व मिलन व प्यार का प्रतिक है: बीके सुमित्रा
भिवानी, 14 जनवरी। भारत देश विभिन्न धार्मिक त्यौहारों का देश है। हर त्यौहार का हमारी संस्कृति में विशेष महत्व है होता है। यह बात प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज शाखा सिद्धि धाम प्रमुख राजयोगिनी बीके सुमित्रा बहन ने उपस्थित ब्रह्मावत्सों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि लोहड़ी व मकर सक्रांति का पर्व मिलन व प्यार का प्रतिक है। उन्होंने कहा कि ये दोनों पर्व खुशहाली व मौसम परिवर्तन का भी प्रतिक माने जाते हैं। इन पर्व पर ठंड कम होती जाती है। इन दिनों में किसानों के खेतों में खड़ी फसलें लहलाते हुए वातावरण को हराभरा व मनमोहक बनाती हैं। उन्होंने कहा कि इन पर्वों पर मानव को अपने जीवन में खुशहाली लाने के लिए आध्यात्म व योग को अपनाने की जरूरत है। आध्यात्म व योग करने से हमारी आत्मा प्रबल होती है और मन खुशहाल होता है और आत्मीक शक्ति व बौद्धिक विकास होता है। उन्होंने कहा कि हमारी भारतीय संस्कृति अन्य देशों से अलग है यहां पर अनेक धर्मों के लोग रहते हैं इसके बावजूद ही हमारे देश में विभिन्नता में एकता का समावेश है और हर धर्म हमें यही संदेश देता है। इस अवसर पर बीके आरती, बीके शारदा, बीके राजबाला, बीके संतोष, बीके सुशील, बीके ओमप्रकाश, बीके शुभम, बीके राजेश व मीडिया प्रभारी बीके धर्मवीर सहित अनेक ब्रह्मावत्स उपस्थित रहे।लोहड़ी व मकर सक्रांति पर्व मिलन व प्यार का प्रतिक है: बीके सुमित्रा
भिवानी, 14 जनवरी। भारत देश विभिन्न धार्मिक त्यौहारों का देश है। हर त्यौहार का हमारी संस्कृति में विशेष महत्व है होता है। यह बात प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज शाखा सिद्धि धाम प्रमुख राजयोगिनी बीके सुमित्रा बहन ने उपस्थित ब्रह्मावत्सों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि लोहड़ी व मकर सक्रांति का पर्व मिलन व प्यार का प्रतिक है। उन्होंने कहा कि ये दोनों पर्व खुशहाली व मौसम परिवर्तन का भी प्रतिक माने जाते हैं। इन पर्व पर ठंड कम होती जाती है। इन दिनों में किसानों के खेतों में खड़ी फसलें लहलाते हुए वातावरण को हराभरा व मनमोहक बनाती हैं। उन्होंने कहा कि इन पर्वों पर मानव को अपने जीवन में खुशहाली लाने के लिए आध्यात्म व योग को अपनाने की जरूरत है। आध्यात्म व योग करने से हमारी आत्मा प्रबल होती है और मन खुशहाल होता है और आत्मीक शक्ति व बौद्धिक विकास होता है। उन्होंने कहा कि हमारी भारतीय संस्कृति अन्य देशों से अलग है यहां पर अनेक धर्मों के लोग रहते हैं इसके बावजूद ही हमारे देश में विभिन्नता में एकता का समावेश है और हर धर्म हमें यही संदेश देता है। इस अवसर पर बीके आरती, बीके शारदा, बीके राजबाला, बीके संतोष, बीके सुशील, बीके ओमप्रकाश, बीके शुभम, बीके राजेश व मीडिया प्रभारी बीके धर्मवीर सहित अनेक ब्रह्मावत्स उपस्थित रहे।