राजीव गांधी महिला महाविद्यालय में प्रतिभा खोज कार्यक्रम आयोजित
भिवानी, 15 सितंबर। राजीव गांधी राजकीय महिला महाविद्यालय में प्राचार्य त्रिलोकचंद की अध्यक्षता में सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के तत्वावधान में समन्वयक प्रो. सविता व संयोजक डॉ. नवनीत व सह-संयोजक डॉ. दीपक के कुशल नेतृत्व में प्रतिभा खोज कार्यक्रम का प्रथम दिन साहित्य, चित्रकला व कलात्मकता को समर्पित रहा जिसमें छात्राओं ने बढ़-चढक़र हिस्सा लिया। हिंदी, पंजाबी, उर्दू, हरियाणवी व अग्रेज़ी काव्य पाठ व भाषण में मूलत: देशप्रेम, आध्यात्मिकता, सामाजिक समस्याओं पर भावपूर्ण प्रस्तुतियां हुई। संस्कृत श्लोकोच्चारण व भाषण में नीति का बोलबाला रहा। मेहंदी , पोस्टर मेकिंग, कोलाज में भी छात्राओं की नवीनतम विचार प्रधान प्रतिभा उभर कर आई।
अध्यक्षीय उद्बोधन में बोलते हुए प्राचार्य ने अतिथियों , छात्राओं और आयोजक समिति को बधाई देते हुए कहा कि मानव जीवन बहुआयामी है, यहां प्रतिपल के उतार-चढ़ाव अनेक उ मनोभावों को उत्पन्न करते हैं। इस विविधता ने समय-समय पर अनेक कलाओं को जन्म दिया है।मानव-मन की स्थिति को स्पष्ट करते हुए उन्होंने संत कबीर की पंक्ति,जल बीच मीन प्यासी, सुन-सुन आवे हांसी का भावपूर्ण विश्लेषण किया। हम सब अपने अंदर सब कुछ होने पर भी जीवन भर एक अबूझ खोज में लगे रहते हैं। प्रतिभा खोज ऐसी ही छिपी योग्यता को बाहर निकालने का माध्यम है। उन्होंने सभी को उज्ज्वल भविष्य का आशीर्वाद भी दिया। साहित्यिक निर्णायक की भूमिका डॉ.सुमित्रा, डॉ. भामा, डॉ. लक्ष्मी, प्रो. आशा ने एवं कला पक्षीय निर्णायक प्रो. सतविंद्र चौहान, डॉ. ललिता, डॉ. नविता ने बखूबी निभाई। कार्यक्रम के दूसरे दिन सांस्कृतिक गतिविधियां विशेषत: नृत्य और गायन को समर्पित रहा जिसमें विशिष्ट अतिथि के रूप में सेवानिवृत्त प्रो.रेखा शर्मा ने शिरकत की। कार्यक्रम का आगाज़ प्राचार्य ने गणमान्य अतिथियों और वरिष्ठ प्राध्यापकवृंद के सान्निध्य में विद्या व संगीत की अधिष्ठात्री मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया। छात्राओं की प्रस्तुतियों लोकनृत्य, शास्त्रीय व उन्मुक्त शैली समाहित होने के कारण अद्भुत छटा ने ऐसा समां बांधा कि सारा समय सभागार तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंजता रहा। विशिष्ट अतिथि के रूप में बोलते हुए प्रो.रेखा शर्मा ने छात्राओं के अनुशासन व प्रतिभा की भूरि-भूरि प्रशंसा की और बताया कि प्रत्येक अवसर जीवन को पहचान देने में सक्षम होता है।ये पहचान ही ऊंचाइयों पर स्थापित होने की सीढिय़ां होती है। अत: हमें हमेशा आगे बढक़र आम से खास बनने की कोशिश करनी चाहिए। अध्यक्षीय उद्बोधन में प्राचार्य ने अतिथियों का अभिनंदन करते हुए छात्राओं और आयोजक मंडल को बधाई दी। उन्होंने प्रत्येक व्यक्ति में परमशक्ति की छिपी हुई प्रतिभा को आध्यात्मिकता से जोड़ते हुए कहा कि सबमें योग्यता व प्रतिभा कूट-कूट भरी है जो मानव अपने श्रेष्ठ जन से जुडक़र इसे निखार व संवार लेता है, वह विश्व पटल पर छा जाता है और जो संकोची बना रहता है वह पिछड़ जाता है। प्रतिभा खोज एक ऐसा ही कार्यक्रम होता है जिसमें छिपी हुई प्रतिभा को खोज कर कलाकार में आत्मविश्वास भरा जाता है, ताकि प्रतिभाशाली व्यक्तित्व को आदर्श के रूप में स्थापित होने के अवसर प्राप्त हो सकें। प्रतियोगिताएं प्रेरक का कार्य करती हैं। अत: स्वस्थ मानसिकता से हर प्रतियोगिता का लाभ उठाने के लिए प्रयासरत रहने की प्रेरणा देते हुए सबके उज्ज्वल भविष्य की कामना मंच से प्रेषित की।
निर्णायक की भूमिका सर्वश्री प्रो.रेखा शर्मा, स्थापित कलाकार कामिल व प्रख्यात नृत्य निर्देशक संजय बाबा ने निभाई। मंच संचालन प्रो. रूपम व प्रो. अनीता ने किया। सभी विजेताओं को मंच से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर उप-प्राचार्य प्रो. श्वेता, प्रो. ईशा चौधरी, डॉ. राजेश कुमार, प्रो. अनीता शर्मा, प्रो. कविता, डॉ. रेणु बाला, प्रो. सतविंद्र चौहान, प्रो. नविता, प्रो. ललित काजल सहित अनेक प्राध्यापकगण मौजूद रहे।
अंग्रेजी स्पीच में भारती, तमन्ना, व लगन, हिंदी भाषण में प्रियंका, साक्षी व कोमल, संस्कृत श्लोकोच्चारण में प्रियंका, रितिका, मोनिका व खुशबू, पेंटिंग में साक्षी, नगीना व पायल, क्ले मॉडलिंग में संजू, विनीता व ज्योति, मेहंदी में लवीना, सोनिया व आस्था, प्रीति व खुशी, पोस्टर मेकिंग में रिया, साक्षी व नगीना, फोटोग्राफी में मधु प्रिया व रिया, हिंदी काव्य पाठ में पूजा, प्रियंका व संजना क्रमश: प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पर रहे।