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ख़त्म हुआ 55 साल का इंतजार नगर निगम सीमा का हुआ विस्तार।

राज्य सरकार का ऐतिहासिक फैसला।
55 वर्षों के बाद निगम सीमा का हुआ विस्तार।
नगर निगम सीमा से सटे गांवों का होगा समुचित विकास।
19 पंचायतों के 34 गांव को किया निगम में सम्मिलित।
मूलभूत सुविधाओं से वंचित ग्रामीणों को मिलेगा लाभ।
बढ़ेगा निगम का राजस्व।

 

 

 

उदयपुर। गुरुवार को राज्य सरकार द्वारा लगभग 55 वर्षों के बाद शहर से सटे ग्रामीण क्षेत्रों को बड़ी सौगात देते हुए उन्हें नगर निगम सीमा क्षेत्र में सम्मिलित किया है।

नगर निगम आयुक्त राम प्रकाश ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा अंतिम बार 1969 में तत्कालीन उदयपुर नगर परिषद क्षेत्र का विस्तार किया गया था, उसके 55 वर्ष पश्चात फिर से वर्तमान उदयपुर नगर निगम क्षेत्र का विस्तार कर शहर से सटे 19 ग्राम पंचायत के 34 गांवों को नगर निगम सीमा क्षेत्र में सम्मिलित किया है।

इन नियमों अंतर्गत किया सम्मिलित।

आयुक्त राम प्रकाश के अनुसार राज्य सरकार ने राजस्थान नगरपालिका अधिनियम, 2009 (2009 का अधिनियम राख्या 18) की धारा 3 उप-धारा (1) के खण्ड (क) (i) एवं उप-धारा (8) के खण्ड (ग) सपठित धारा 329 के अन्तर्गत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए नगर निगम उदयपुर की वर्तमान सीमा क्षेत्र में विस्तार करते हुए 19 ग्राम पंचायत के 34 गांवों को नगर निगम में सम्मिलित किया गया है।

ग्रामीणों को मिलेगा मूलभूत सुविधाओं का लाभ।

नगर निगम आयुक्त राम प्रकाश ने बताया कि उदयपुर विकास प्राधिकरण से नगर निगम सीमा क्षेत्र में सम्मिलित हुई ग्राम पंचायत में रहने वाले निवासियों को अब मूलभूत सुविधाओं का लाभ मिलेगा। वर्तमान में कई ग्राम पंचायत में सड़क, नाली एवं रोड लाइट का अभाव है इन्हीं के चलते इन गांवों का संपूर्ण विकास नहीं हो पाया है। चुकी अब इन्हें नगर निगम क्षेत्राधिकार में सम्मिलित किया गया है जिससे ग्रामीणों को पानी, सफाई, घर घर कचरा संग्रहण, रोड लाइट, सड़क एवं नाली जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित नहीं रहना पड़ेगा।

जिला कलेक्टर ने भेजा था प्रस्ताव।

नगर निगम आयुक्त राम प्रकाश ने बताया कि जिला कलेक्टर एवं निगम प्रशासक अरविंद पोसवाल द्वारा 27 नवंबर, 2024 को उदयपुर नगर निगम क्षेत्र का विस्तार करते हुए 19 ग्राम पंचायत के 34 गांवों को नगर निगम सीमा में सम्मिलित करने का प्रस्ताव भेजा गया था। राज्य सरकार द्वारा जिला कलेक्टर के भेजे गए प्रस्ताव पर मुहर लगाते हुए सभी ग्राम पंचायत को नगर निगम क्षेत्र में सम्मिलित किया गया।

इनको किया निगम क्षेत्र में सम्मिलित।

निगम आयुक्त राम प्रकाश के अनुसार राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना जारी कर ग्राम पंचायत बड़गांव का राजस्व ग्राम बडगांव, ग्राम पंचायत बड़ी का राजस्व ग्राम हवाला कल्ला, हवाला खुर्द, ग्राम पंचायत बेदला का राजस्व ग्राम वेदला, बेदला खुर्द, ग्राम पंचायत भुवाणा का राजस्थ ग्राम भुवाणा, रूपनगर, ग्राम पंचायत सापेटिया का राजस्व ग्राम सापेटिया, सुखेर, ग्राम पंचायत शोभागपुरा का राजस्व ग्राम शोभागपुरा, रेबारियों का गुड़ा, रघुनाथपुरा, ग्राम पंचायत सीसारमा का राजस्व ग्राम सीसारमा, ग्राम पंचायत बलिचा का राजस्व ग्राम बलिचा, ग्राम पंचायत डाकन कोटडा का राजस्व ग्राम धोल की पाटी, ग्राम पंचायत सवीना ग्रामीण का राजस्व ग्राम सवीना खेडा, ग्राम पंचायत देवाली का राजस्व ग्राम नेला, जोगी तालाब, देवाली, ग्राम पंचायत तीतरडी का राजस्व ग्राम बिलिया, फान्दा, तीतरडी, गुखर मंगरी, ग्राम पंचायत देबारी का राजस्व ग्राम देवारी, झरणों की सराय, ग्राम पंचायत भोइयों की पंचोली का राजस्य ग्राम धोलीमंगरी, ग्राम पंचायत बेडवास का राजस्व ग्राम बेडवास, रकमपुरा, ग्राम पंचायत कलडवास का राजस्व ग्राम कलडवास, मनवाखेडा, ग्राम पंचायत कानपुर का राजस्व ग्राम कानपुर, राजस्व ग्राम आयड ग्रामीण, राजस्य ग्राम देवाली (फतहपुरा) को नगर निगम क्षेत्र में सम्मिलित किया गया है।

निगम की बढ़ेगी आय।

19 ग्राम पंचायत के 34 गांवों को निगम में सम्मिलित करने पर अब निगम क्षेत्र का विस्तार होने के पश्चात निगम की आय में भी वृद्धि होगी। उदयपुर विकास प्राधिकरण के क्षेत्र जो अब नगर निगम में सम्मिलित किए गए हैं वहां पर बने हुए शॉपिंग मॉल, बड़े-बड़े व्यवसायिक भवन, शोरूम, पार्किंग स्थल, होटल, रिजॉर्ट, बड़ी बड़ी वाटिकाओं से नगर निगम को अब राजस्व की प्राप्ति होगी। नगर निगम द्वारा भू उपयोग परिवर्तन, भवन निर्माण अनुमति मद के अलावा नगरीय विकास कर आदि से आय अर्जित होगी।

निगम नीलाम कर सकेगा खाली भूखंड।

नगर निगम क्षेत्राधिकार में सम्मिलित की गई ग्राम पंचायत की सभी सरकारी संपत्ति भी नगर निगम के अधीन रहेगी, जिससे निगम खाली भूखंडों को बेचकर कर आय अर्जित कर सकेगा।

सृजित होंगे नए पद।

नगर निगम क्षेत्र का दायरा बढ़ने से निगम में कर्मचारी अधिकारीयो की संख्या में भी वृद्धि होगी। वर्तमान में नगर निगम का सीमा क्षेत्र 7 से 8 किलोमीटर के मध्य है जो बढ़कर लगभग 16 से 17 किलोमीटर तक होगा। इस कारण नगर निगम में अधिकारी एवं कर्मचारियों के नए पत्र सृजित होंगे, नए सेक्टर कार्यालय खोले जाएंगे साथ ही निगम द्वारा प्रदत्त सुविधाओं का विस्तारीकरण भी किया जाएगा।

बनेंगे 10 अतिरिक्त वार्ड।

नगर निगम आयुक्त राम प्रकाश ने बताया कि नगर निगम में सम्मिलित 19 ग्राम पंचायत के 34 गांवों से लगभग 1.05 लाख की जनसंख्या वृद्धि हुई है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार नगर निगम क्षेत्र में लगभग 4.51 लाख शहर वासी निगम क्षेत्र में निवासरत थे। राज्य सरकार के आदेश अनुसार लगभग 10 वार्ड और बढ़ेंगे जिससे निगम क्षेत्र में 80 वार्ड हो जाएंगे।

55 वर्षों बाद बढ़ा है निगम क्षेत्रफल।

नगर निगम आयुक्त राम प्रकाश ने बताया कि 55 वर्षों पश्चात नगर निगम क्षेत्र का विस्तार कर 19 ग्राम पंचायत के 34 गांवों को निगम क्षेत्र में सम्मिलित किया गया है। निगम द्वारा वर्ष 2008 में निगम की बोर्ड बैठक में निगम क्षेत्र के विस्तार का प्रस्ताव लिया गया था उसके पश्चात वर्ष 2012 में तत्कालीन राजस्व अधिकारी नितेश भटनागर से प्रस्ताव तैयार करवा कर नगर परिषद ने राज्य सरकार को भिजवाया, तब से यह कार्य प्रक्रियारत था।

राजस्व के अभाव में नहीं हो पता समुचित विकास।

शहर से लगती हुई सीमा में बसे ग्राम पंचायत में बजट और राजस्व के अभाव में गांव का समुचित विकास नहीं हो पता है, अब नगर निगम में सम्मिलित किए गांवों का विकास भी सुनियोजित ढंग से हो सकेगा।

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