हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने 15वीं विधानसभा के प्रथम सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि एक दशक पहले के हरियाणा और आज के हरियाणा में अन्तर दर्पण की तरह साफ है। प्रदेश के नॉन-स्टॉप विकास के लिए अब अनुकूल वातावरण है। इसका अधिक से अधिक लाभ जनता को मिले, यह सभी सदस्यों का दायित्व है। उन्होंने सदस्यों का आह्वान किया कि विकसित हरियाणा-विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए सदन के समय के पल-पल का सदुपयोग करते हुए जनहित को प्राथमिकता दें।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने बुधवार को15वीं विधानसभा के प्रथम सत्र को संबोधित करते हुए विश्वास जताया कि यह सदन जनकल्याण के निर्णयों का नवीन अध्याय लिखेगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि लोगों ने किसी सरकार पर लगातार तीसरी बार भरोसा जताया है। हरियाणा की यह विधानसभा कैसे निर्णय लेती है, क्या नीतियां बनाती है, इस पर पूरे प्रदेश की निगाहें रहेंगी। इस अनुकूल समय का अधिक से अधिक लाभ प्रदेश और इसकी जनता को मिले, यह दायित्व सदस्यों का है। राज्यपाल ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के मूलमंत्र को स्मरण करते हुए कहा कि हमारा हर फैसला इस बात पर निर्भर होना चाहिए कि उसका प्रभाव समाज के सबसे गरीब और कमजोर व्यक्ति पर क्या पडे़गा। उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों ने हाल ही में सम्पन्न चुनाव प्रक्रिया में बढ़-चढ़ कर भाग लिया और सदस्यों को अपने अधिकारों का पैरोकार बनाकर विधानसभा रूपी राज्य की इस सर्वोच्च पंचायत में भेजा है। विधायक के रूप में आप सभी अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी निष्ठा और समर्पण भाव से करेंगे। राज्यपाल ने कहा कि 15वीं विधानसभा के 90 सदस्यों में से 40 सदस्य ऐसे हैं, जो पहली बार चुनकर आए हैं। 14वीं विधानसभा में नवरत्न रूपी 9 महिला सदस्य ही चुनकर आई थीं। यह खुशी की बात है कि इस बार यह संख्या करीब डेढ़ गुणा बढ़कर 13 हो गई है। उन्होंने कहा कि यह सदन पौने तीन करोड़ प्रदेशवासियों की आशाओं का ध्वजावाहक है। अब प्रत्येक विधायक की यह जिम्मेदारी है कि वह जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरे। राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार को इन चुनावों में ऐतिहासिक और निर्णायक जनादेश मिला है। यह जनादेश सरकार की मौजूदा नीतियों और कार्यक्रमों में प्रदेशवासियों के अटूट विश्वास और निष्ठा की अभिव्यक्ति है। यह जनादेश दर्शाता है कि लोग भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी शासन तथा सर्वसमावेशी विकास के पक्षधर हैं। यह जनादेश इस बात का प्रमाण है कि आमजन ने सरकार की नीतियों को पसंद किया है और उस पर अपनी सहमति व स्वीकृति की मुहर लगाई है। इन निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनावों के लिये राज्य के जागरूक मतदाता, भारत निर्वाचन आयोग और चुनाव प्रक्रिया से जुड़े सभी अधिकारी व कर्मचारी बधाई के पात्र हैं।
राज्यपाल ने कहा कि 2024 का चुनाव नीति, नीयत, निष्ठा और निर्णयों पर विश्वास का चुनाव रहा है। राज्य सरकार ने 10 वर्षों से सेवा, सुरक्षा, सुशासन, सहयोग और अंत्योदय उत्थान का जो मिशन चलाया है, यह उस पर समर्थन की मुहर है। यह जनादेश है कि हरियाणा को विकसित बनाने का काम नॉन-स्टॉप चलता रहे और हम अपने लक्ष्यों की प्राप्ति करें। राज्य के विकास से देश का विकास, इसी भावना के साथ सरकार आगे बढ़ती रहेगी। उन्होंने कहा कि गत 10 वर्षों में राज्य सरकार ने क्षेत्रवाद और परिवारवाद की संकीर्ण सोच से ऊपर उठकर काम किया है। साथ ही, सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, स्वावलंबन और स्वाभिमान पर बल देकर प्रदेश के विकास को नई ऊर्जा और नई गति दी है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय का अन्त्योदय दर्शन न केवल सरकार का मार्गदर्शन कर रहा है, बल्कि ‘हरियाणा एक-हरियाणवी एक‘ का मूल मंत्र हर काम में झलक रहा है।राज्यपाल ने कहा कि हरियाणा को देश का एक जीवंत, गतिशील और उदयमान राज्य बनाना प्रदेश सरकार की परिकल्पना है। यह परिकल्पना ऐसे हरियाणा की है, जहां खेतों में भरपूर पैदावार हो, औद्योगिक विकास का पहिया निरंतर गतिशील रहे, युवाओं के लिए रोजगार के भरपूर अवसर हों, बहन-बेटियां सुरक्षित, सशक्त और स्वावलम्बी हों। एक ऐसा हरियाणा, जहां किसान को उसकी फसल का पूरा दाम मिले, हर हाथ को काम मिले, व्यापारी का कारोबार फले-फूले, जरूरतमंदों को तरक्की का पूरा लाभ मिले और कोई भी अपने को उपेक्षित अनुभव न करे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘सबका साथ-सबका विकास व सबका विश्वास’ के मूलमंत्र पर चलते हुए प्रदेश में हर वर्ग को आगे बढ़ने के समान अवसर प्रदान किये हैं। प्रधानमंत्री ने गरीब, युवा, महिला व किसान को विकसित भारत के चार स्तम्भ माना है और वर्तमान राज्य सरकार ने इन स्तंभों को मजबूत करने की दिशा में अपनी नीतियां बनाई हैं। जब सरकार इस इच्छा शक्ति के साथ काम करे कि सरकारी योजना से एक भी पात्र व्यक्ति छूटे नहीं, तो खजाने से निकले हर पैसे का सदुपयोग जनहित में होता है।
राज्यपाल ने कहा कि एक दशक पहले के हरियाणा और आज के हरियाणा में अन्तर दर्पण की तरह साफ है। प्रति व्यक्ति आय का विषय हो या फिर उद्योगों का विकास, सामाजिक सुरक्षा और जन-कल्याण की बात हो या फिर कृषि में नवाचार की पहल, आज हर मामले में राष्ट्रीय फलक पर हरियाणा की दमदार उपस्थिति नज़र आती है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के मणिकांचन संयोग से आज हमारा कृषि प्रधान प्रदेश पूरे वेग से प्रगति पथ पर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस परिकल्पना को धरातल पर उतारने के लिए रणनीति बनाई हुई है। आगामी पांच वर्षों में प्रदेश के हर वर्ग और हर क्षेत्र की बेहतरी के लिए काम करना राज्य सरकार की प्राथमिकता रहेगी। राज्यपाल ने कहा कि किसानों के सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए वर्तमान राज्य सरकार अत्याधुनिक 500 सी.एम. पैक्स स्थापित करेगी, जो किसानों को प्रशिक्षण, विपणन और वित्तीय सेवाओं के लिए वन स्टॉप सेंटर्स का कार्य करेंगे। इसके अलावा, कृषक समूहों और पैक्स को अनाज भण्डारण के लिए गोदाम बनाने हेतु एक करोड़ रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया जाएगा। सरकार किसान उत्पाद संघ-एफपीओ और पैक्स जैसे सहकारी संगठनों का एक बड़ा नेटवर्क बना रही है। उन्होंने कहा कि हरियाणा कृषि प्रधान राज्य है, इसलिए किसान कल्याण सरकार की नीतियों के केन्द्र में है। किसानों के हितों में निर्णय लेते हुए सरकार ने कुछ दिन पहले ही अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे आबियाने को जड़ से खत्म किया है। इसके अलावा, हरियाणा देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है, जहां न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 24 फसलों की खरीद की जाती है। इस साल मानसून देरी से आने के कारण किसान को खरीफ फसलों की बिजाई के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाने पड़े। इससे फसल की लागत बढ़ी। इसमें राहत के लिए राज्य सरकार ने सभी खरीफ फसलों के लिए हर किसान को 2000 रुपये प्रति एकड़ बोनस दिया है। ऐसा हरियाणा के इतिहास में पहली बार हुआ है। राज्यपाल ने कहा कि रबी सीजन-2023-24 में फसलों को प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान के लिए भी 49,000 किसानों को 133.75 करोड़ रुपये से अधिक की राशि मुआवजे के रूप में जारी की गई है। इसकी अलावा, सरकार ने किसानों को सीधा लाभ पहुंचाने के लिए ई-खरीद पोर्टल के माध्यम से 12 लाख किसानों के खातों में एम.एस.पी. पर फसल खरीद के 1 लाख 24 हजार करोड़ रुपये डाले हैं।
राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की वर्तमान जरूरतों को देखते हुए प्रदेश की कृषि व्यवस्था में बदलाव कर रही है। हमारा किसान ज्यादा से ज्यादा आत्मनिर्भर हो और उसकी आमदनी बढ़े, इस सोच के साथ नीतियां बनाई जा रही हैं व अनेक निर्णय लिये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज नकली खाद, बीज व कीटनाशक कृषि क्षेत्र के लिए बड़ी चुनौती बन गये हैं। राज्य सरकार इन पर रोक लगाने के लिए कड़ा कानून बनाएगी और किसानों को शत-प्रतिशत मुआवजा देना भी सुनिश्चित करेगी। राज्यपाल ने कहा कि सिंचाई जल की कमी को देखते हुए कम पानी में उगने वाली फसलों को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार धान की जगह अन्य फसल बोने या खेत खाली रखने पर भी किसानों को 10 हजार रुपये प्रति एकड़ की राशि देगी। उन्होंने कहा कि पानी की कमी आज एक विश्वव्यापी समस्या बन चुकी है। इसलिए सरकार पानी की एक-एक बूंद का इष्टतम उपयोग करने तथा वितरण में होने वाली पानी की बर्बादी को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए नहरों के बुनियादी ढांचे में सुधार जारी रखा जाएगा। सूक्ष्म सिंचाई, 19716 तालाबों के जीर्णोद्धार, गन्दे पानी के उपचार एवं प्रबंधन की नीतियां जारी रखी जाएंगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार रावी-ब्यास नदियों के पानी का अपना वैध भाग प्राप्त करने और सतलुज-यमुना लिंक नहर को पूरा करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। इन मामलों में निरंतर ठोस पैरवी की जा रही है। राज्यपाल ने कहा कि सी.ई.टी. की परीक्षा पास करने वाले सभी युवा, जिनको एक साल में नौकरी नहीं मिलेगी, उन्हें अगले 2 सालों तक 9,000 रुपये मासिक मानदेय दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हर युवा को बड़े सपने देखने और उन्हें साकार करने के लिए जरूरी माहौल बनाने का काम निरंतर कर रही है। बीते 10 वर्षों में ऐसी हर रुकावट को हटाया गया है, जिसके कारण युवाओं को संघर्ष करना पड़ता था। सरकार ने ग्रुप-सी व डी की भर्तियों में इंटरव्यू को खत्म किया है। साथ ही योग्यता के आधार पर भर्ती अभियान चलाकर बिना खर्ची-बिना पर्ची के 1.70 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी देकर उनका मनोबल बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने ने हाल ही में 26,000 युवाओं को सरकारी नौकरी देकर चुनावों से पूर्व किए अपने वादे पर खरा उतरने का काम किया है। सरकार ने आउटसोर्सिंग पॉलिसी सहित एच.के.आर.एन. के तहत कार्यरत लगभग 1,20,000 अनुबंधित कर्मचारियों की सेवाओं को सेवानिवृत्ति की तिथि तक सुरक्षित रखने की गारंटी दी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार 2 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देने के लिए संकल्पबद्ध है। इसके अलावा, 5 लाख युवाओं के लिए अन्य रोजगार के अवसर दिए जाएंगे तथा नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन योजना के माध्यम से मासिक स्टाइफंड की सहायता भी दी जाएगी। इतना ही नहीं, विदेशों में रोजगार पाने के इच्छुक युवाओं को सरकार उचित मार्गदर्शन और मदद प्रदान करेगी। डंकी रूट की समस्या को पूरी तरह समाप्त किया जाएगा।
राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार हरियाणा को वैश्विक शिक्षा का केंद्र बनाने के लिए संकल्पबद्ध है। प्रदेश में ए.आई. और आधुनिक स्किल्स का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। राज्य के शीर्ष 5 सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों को हरियाणा प्रौद्योगिकी संस्थान बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज हरियाणा भू-स्थानिक ज्ञान और अंतरिक्ष प्रोद्योगिकी में अग्रणी होने के लिए तैयार है। इसका आधार एआई, मशीन लर्निंग और जैनरेटिव एआई में हुई भारत की उल्लेखनीय प्रगति है। नागरिक संसाधन सूचना विभाग के तहत हरियाणा अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के माध्यम से प्रदेश सरकार सामाजिक रूप से प्रभावशाली और समावेशी शासन के लिए जियो एआई का उपयोग करके समुदाय-केन्द्रित पहलों को आगे बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार एक सशक्त कार्य समूह के माध्यम से और उद्योग भागीदारों के समर्थन से अपने स्वयं के उपग्रहों को डिजाइन करने और बनाने के लिए एक साहसिक दृष्टिकोण की दिशा में काम कर रही है। नागरिक सहभागिता के प्रति हरसैक की प्रतिद्धता के साथ, हरियाणा टिकाऊ एवं समुदाय – केन्द्रित निर्णय लेने के लिए तैयार है, जो अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और नवाचार में हमें अग्रणी रखेंगे। राज्यपाल ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने कहा है कि शिक्षा देश व प्रदेश की वर्तमान जरूरतों को पूरा करने वाली होनी चाहिए। इसी उद्देश्य से हरियाणा सरकार ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अगले साल तक पूरी तरह लागू करने का लक्ष्य रखा हुआ है। अब युवाओं को भारतीय भाषाओं में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने का विकल्प मिला है। राज्यपाल ने कहा कि समाज की प्रगति उसके सदस्यों के स्वास्थ्य पर निर्भर करती है। इसलिए राज्य सरकार हर व्यक्ति को स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करवाने का काम कर रही है। इसी प्रयास को आगे बढ़ाते हुए सरकार ने निर्णय लिया है कि सभी राष्ट्रीय एवं राज्य मार्गों पर हर 60 किलोमीटर पर एक ट्रॉमा सेंटर स्थापित किया जाएगा। 100 बिस्तर वाले सिविल अस्पतालों को 200 बिस्तर तथा 200 बिस्तर वाले सिविल अस्पतालों को 300 बिस्तर वाले अस्पतालों में अपग्रेड किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मेडिकल कॉलेजों में सीटों की संख्या भी बढ़ाकर 3500 करेगी, वहीं हर जिले के सिविल अस्पताल में आई.सी.यू का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा राज्य अपने सभी नागरिकों, जिनकी पारिवारिक वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये तक है को चिरायु आयुष्मान – भारत योजना के तहत 5 लाख रुपये वार्षिक तक की मुफ्त इलाज की सुविधा प्रदान कर रहा है। साथ ही, चिरायु योजना के विस्तार के अंतर्गत राज्य के सभी परिवार जिनकी वार्षिक आय 1.80 रुपये से 3 लाख तक है, उन्हें 1500 रुपये के वार्षिक अंशदान पर इस योजना का लाभ प्रदान किया जा रहा है। अब चिरायु योजना के तहत मुफ्त इलाज की सीमा को बढ़ाकर 10 लाख रुपये वार्षिक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में हर परिवार के 70 वर्ष से अधिक आयु के सदस्यों को 5 लाख रुपये के मुफ्त इलाज की सुविधा भी प्रदान की जा रही है। वर्तमान राज्य सरकार ने 18 अक्तूबर, 2024 से प्रदेश के सभी किडनी के रोगों से पीड़ितों को मुफ्त डायलिसिस की सेवाएं प्रदान की हैं। इस समय डायलिसिस की सुविधा 20 जिला अस्पतालों तथा करनाल, नूंह व रोहतक के मेडिकल कॉलेजों में उपलब्ध है।