मृत मनरेगा मजदूर के परिजनों को दस लाख का मुआवजा दे सरकार: विनीत पुनिया
राजेंद्र कुमार
सिरसा। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव और आंतरिक कम्युनिकेशन के प्रभारी डॉ. विनीत पुनिया ने फ तेहाबाद के नहला गांव में मनरेगा के तहत मजदूरी कर रही 60 वर्षीय महिला संतरो की अकस्मात मौत को दुखद बताते हुए मृत मनरेगा मजदूर के परिजनों को दस लाख का मुआवजा व परिवार के एक सदस्य को डीसी रेट पर नौकरी देने की मांग की है।
शनिवार को यहां जारी बयान में डॉ विनीत पुनिया ने कहा कि आगे से ऐसी घटनाएं ना हो, इसके लिए सरकार को महिला मजदूर संतरो वाल्मीकि की मौत से सबक लेते हुए सभी मनरेगा मजदूरों को गर्मी व लू से बचाव के लिए उचित छाया, र्फ स्ट ऐड और उचित सुविधाएं उपलब्ध करवाई जानी चाहिए। मज़दूरों के लिए इस भीषण गर्मी में धूप से बचाव के लिए कोई सुविधा नहीं होती, न ही उन्हें गांव से कार्यस्थल तक जाने की यातायात की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। किसी भी पंचायत को मनरेगा मजदूरों को फ सर््ट एड बॉक्स तक उपलब्ध नहीं कराया जाता है।
डॉ पुनिया ने कहा कि मनरेगा मजदूरों की सभी गावों के विकास और इस देश के निर्माण में अहम भागीदारी है, लेकिन सरकार न तो उन्हें पूरा सौ दिन का रोजगार दे रही है और न आधारभूत सुविधाएं। सरकार को लेबर कानून के मुताबिक सभी मनरेगा कार्यस्थलों पर मनरेगा मजदूरों को भी सभी सुविधाएं प्रदान करनी चाहिए ताकि उनके साथ इस तरह की घटनाएं ना हों। डॉ. पुनिया ने कहा कि संतरो की मौत से उसके परिवार के सामने बड़ा आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि मृतका के परिजनों को 10 लाख रूपए मुआवजा तथा इस परिवार के एक सदस्य को डीसी रेट पर नौकरी भी प्रदान की जाए।