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मरीजों के लिए जी का जंजाल बनते जा रहे हैं आयुष्मान योजना के कार्ड: कुमारी सैलजा

फिजीशियन, हड्डी और बाल रोग विशेषज्ञ बिलों में भारी  कटौती से नाराज

चंडीगढ़, 10 फरवरी।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा में सरकार की उदासीनता और बिलों में भुगतान में कमीशनखोरी के चलते आयुष्मान कार्ड मात्र कार्ड बनकर रह गए है, डॉक्टर इस कार्ड से मरीजों का ईलाज करने से कतराने यहां तक किमना करने लगे हैं। प्रदेश का कोई भी फिजीशियन और बालरोग विशेष इस कार्ड पर मरीजों का ईलाज करने से साफ मना करने लगे है। अगर सरकार ने जनता को इस कार्ड से मुफ्त ईलाज की सुविधा दी है तो उसे अपना वायदा ईमानदारी से पूरा करना चाहिए। इस मद में डॉक्टरों का सरकार की ओर कई सौ करोड़ रुपये का बिल बकाया है जिसका सरकार ने 28 फरवरी तक भुगतान करने का वायदा किया हुआ है।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने आयुष्मान कार्ड योजना के तहत मरीजों को निशुल्क इलाज की सुविधा प्रदान की गई है, पर यह योजना आज मरीजों की जी का जंजाल बनती जा रही है। आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) ने आयुष्मान कार्ड धारकों का इलाज नहीं करने का कई बार ऐलान किया पर सरकार जल्द भुगतान का आश्वासन देकर उन्हें मना लेती है।  सरकार की ओर से समय पर इलाज की राशि, पूरा पैसा नहीं दिया जाता है और जो बिल अस्पतालों की ओर से भेजे जाते है उनमें 70 प्रतिशत तक की कटौती कर ली जाती है। आईएमए एक ही बात कहती आ रही है कि इस योजना के तहत रेट में
बढ़ोतरी की जाए, बेवजह भुगतान में कटौती की जाती है। कुमारी सैलजा ने कहा कि सबसे ज्यादा परेशानी फिजिशियन को होती है, उनकी ओर से मेडिसिन के जो बिल लगाए जाते है उनका पूरा भुगतान तक नहीं किया जाता है, उनके बिलों में 70 प्रतिशत तक की कटौती की जाती है, ऐसे में डॉक्टर को आर्थिक नुकसान होता है।

कुमारी सांसद सैलजा ने कहा है कि ऐसी की समस्या का सामना बालरोग विशेषज्ञों को करना पड़ रहा है। बिलों में भारी कटौती के चलते अब बालरोग विशेषज्ञों ने आयुष्मान कार्ड पर बच्चों का ईलाज ही करना बंद कर दिया है, इनके बिलों में भी 70 प्रतिशत तक की कटौती कर दी जाती है, सरकार के इस मनमाने रवैये से कोई भी डॉक्टर इस कार्ड के आधार पर मरीज का ईलाज करने से कतरा रहा है। हालात यहां तक पहुुंच गए है कि हड्डी रोग विशेषज्ञों ने भी इंप्लांट के केस ही लेने बंद कर दिए है क्योंकि यहां पर भी सरकार बिलों के भुगतान में मनमानी कर रही है। कुछ सप्ताह पूर्व आईएमए बकाया भुगतान को लेकर इस कार्ड के आधार पर इलाज करने से मना कर दिया था पर सरकार ने उन्हें आश्वासन दिया है कि 28 फरवरी तक सारा भुगतान कर दिया जाएगा अगर सरकार ऐसा नहीं कर पाती है तो प्रदेश में आयुष्मान कार्ड पर कोई भी डॉक्टर मरीजों का ईलाज नहीं करेगा। अगर सरकार ने कोई योजना लागू की तो उसमें पूरी पारर्दिशता होनी चाहिए।

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