राज्य

मानसिक, भावनात्मक, सामाजिक, और आध्यात्मिक विकास को संवारती है शिक्षा : बबीता देवी

शिक्षा एक पहल की संयोजिका ने विभिन्न गांवों में पहुंच शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए किया प्रेरित

भिवानी, 30 नवंबर : मानव समाज के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। शिक्षा सिर्फ ज्ञानार्जन का नहीं, बल्कि समाज के न्याय, समानता, और विश्वसम्मतता को प्राप्त करने का भी माध्यम है। शिक्षित लोग समाज में सक्रिय भूमिका निभाते हुए सामरिकता, संप्रेम एवं सद्भाव की स्थापना करते है। समाज को शिक्षित कर उन्हे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से शिक्षा एक पहल की संयोजिका बबीता देवी एक विशेष मुहिम चलाए हुए है। जिसके तहत वे विभिन्न गांवों विशेषकर स्लम एरिया में जाकर बच्चों व उनके अभिभावकों को राष्ट्र की तरक्की में शिक्षा की महत्ता से अवगत करवाने के साथ-साथ शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित भी कर रही है। इसी अभियान के तहत शिक्षा एक पहल की संयोजिका बबीता देवी ने मंढ़ोली खुर्द, झुपा, बहल आदि गांवों में जाकर बच्चों को शिक्षित बनाने के लिए प्रेरित किया। बबीता देवी ने कहा कि निरक्षरता एक ऐसा गंभीर मुद्दा है, जो कि सीधे रूप से राष्ट्र की तरक्की को प्रभावित करता है। ऐसे में शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में उन्होंने इस मुहिम की शुरूआत की है। उन्होंने कहा कि शिक्षा मानव विकास की मूलभूत आवश्यकता है। यह हमारे मानसिक, भावनात्मक, सामाजिक, और आध्यात्मिक विकास को संवारती है। शिक्षा द्वारा हमें नैतिक मूल्यों, समाज सेवा की भावना, सामाजिक न्याय, और समरसता के महत्व को समझने में मदद मिलती है। इसीलिए शिक्षा प्रत्येक बच्चे के लिए जरूरी है, ताकि वह भविष्य में एक सभ्य नागरिक बनकर राष्ट्र की तरक्की में अपना योगदान दे सकें।

Related Articles

Back to top button