मनुष्य के पास साधन की नहीं साधना की कमी है: हनुमान कौशिक
19 अक्तूबर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज की नरेन्द्रा विहार गीता पाठशाला रोहतक में साप्ताहिक आध्यात्मिक संगोष्ठि का आयोजन किया गया। जिसमें बोलते हुए बीके प्रेम बहन ने बताया कि भारत एक विविधता में एकता वाला देश है। यहां के त्यौहारों को हर वर्ग के प्राणी बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं तथा प्रेम और भाईचारे का संदेश हमारे इन त्यौहारों के माध्यम से दुनिया के हर कौने तक भावविभोर कर देने वाला होता है। संगोष्ठि में उपस्थित म्हारी संस्कृति म्हारा स्वाभीमान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हनुमान कौशिक ने ब्रह्माकुमारीज की चित्र प्रदर्शनी को देखते हुए कहा कि चित्रों में हमारी प्राचीन सभ्यता और संस्कृति दर्शायी गई है। आज के समय में मनुष्य के पास हर साधन है मगर साधना की कमी है। जितना जरूरी चित्र माला देखना है चरित्र को सुंदर बनाना भी उतना ही जरूरी है। हमारे पास भवन सुंदर हैं पर भावना भी सुंदर होनी चाहिए। मनुष्य की दृष्टि ही नहीं बल्किी दृष्टिकोण भी सुंदर हो। तारीफ चेहरे की नहीं चरित्र की होनी चाहिए क्योंकि अच्छा चेहरा बनाने में चंद मिनट लगते हैं लेकिन अच्छा चरित्र बनाने में पूरा जीवन लग जाता है। अत: संकल्प शब्द और कर्म में पवित्रता जीवन की सुंदरता है। पवित्रता ही सुख शांति की जननी है। इस अवसर पर बीके ममता, बीके खुशी, प्रवेश शर्मा रानीला, डा. सुरेन्द्र कादियान, सुनील शर्मा उमरावत, कपिंद्र शर्मा लाखनमाजरा, नसीब सिंह अहलावत, मीडिया कॉर्डिनेटर बीके धर्मवीर आदि उपस्थित रहे।