भिवानी में गैरकानूनी ईंट भट्टों पर भाकियू का हल्लाबोल, प्रशासन की निष्क्रियता पर उठाए सवाल
नरेंद्र राजपूत, चरखी दादरी। भिवानी में गैर कानूनी रूप से चल रहे एक ईंट भट्ठे पर शिकायत के बावजूद अधिकारियों द्वारा मिली भगत करके छोड़ने के लगाए आरोप भाकियू प्रतिनिधि मंडल सदस्यों ने जिला उपायुक्त के नाम नगराधीश अनिल कुमार को शिकायत देकर जताया असंतोष
भिवानी: सरकार द्वारा ईंट भट्टों को पूर्ण रूप से बंद करने के आदेश के बावजूद कुछ भट्टा मालिक गैरकानूनी रूप से अपने भट्टों को संचालित कर रहे हैं, जिससे प्रदूषण में भारी वृद्धि हो रही है। सरकार द्वारा ईंट भट्टों को 1 मार्च से चालू करने की अनुमति दी गई थी, लेकिन इसके बावजूद कुछ भट्टे पहले से ही संचालन में हैं। इस पर प्रशासन और संबंधित विभागों की लापरवाही स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है अगर पारदर्शी तरीके से जांच करवाई जाए तो ईट भट्ठा मालिकों द्वारा जो प्रतिमाह 1000 करोड रुपए के राजस्व की हेरा फेरी करके प्रदेश सरकार को चूना लगाया जा रहा है वो सीधा राजस्व के खजाने में जाने के रास्ते खुल सकते हैं पहाड़ों की तरह ई रवाना लागू किया जाए तो भट्ठे पर पकने वाली हर ईट पर जी.एस.टी से सरकार को प्रतिमाह लगभग 1000 करोड रुपए के राजस्व की वसूली हो सकती हैं
भाकियू प्रदेश अध्यक्ष जगबीर घसौला के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल समस्या ने जिला उपायुक्त के नाम नगराधीश अनिल कुमार को सौंपा ज्ञापन
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रदेश अध्यक्ष जगबीर घसोला ने मानहेरू रेलवे फाटक के पास कुछ ईंट भट्टों को चालू अवस्था में देखा। जिसकी वीडियो बनाकर संबंधित अधिकारियों को साक्ष्य स्वरूप प्रस्तुत किए । इसके बाद वे अपने पदाधिकारियों के साथ नगराधीश भिवानी के पास पहुंचे और इस संबंध में लिखित शिकायत दर्ज करवाई। उन्होंने प्रशासन को ईंट भट्टों से फैल रहे प्रदूषण और सरकारी आदेशों के उल्लंघन के बारे में अवगत कराया।
नगराधीश अनिल कुमार ने टीम गठित करके कठोर कार्रवाई करवाने का दिया आश्वासन
24 अक्टूबर को शिकायत प्राप्त होते ही भिवानी जिला उपायुक्त महावीर कौशिक ने भी संबंधित अधिकारियों और विभागों को फोन कर इस मामले की जांच करने के आदेश देते हुए सख्त निर्देश दिए कि यदि कोई ईंट भट्टा 1 मार्च से पहले चालू पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई कि जावे और सूचना तुरंत विभाग को दी जाए, भट्ठा संचालकों पर नियम अनुसार कानूनी कार्रवाई नहीं होने पर भाकियू प्रतिनिधिमंडल सदस्यों ने आरोप लगाते हुए कहा कि संबंधित विभागों के अधिकारियों ने छापामारी के दौरान भट्ठा मालिकों से करोड़ों रुपए की अवैध वसूली करके मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है
भाकियू के इस कदम से प्रशासन की नींद टूटती नजर नहीं आ रही है, और अब देखना होगा कि संबंधित विभाग कितनी तत्परता से इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई करता है।