भिवानी पर्यावरण शुद्धिकरण समिति ने स्टॉल लगाकर पर्यावण को प्रदूषण मुक्त बनाने का किया प्रयास
नागरिकों ने शहर को स्वच्छ व सुंदर बनाने के लिए समिति के 12 बिंदुओं के संकल्प पत्र पर किए हस्ताक्षर
पर्यावरण संरक्षण अभियान को जन आंदोलन बनाने से ही पर्यावरण होगा प्रदूषण मुक्त : केके वर्मा
भिवानी, 12 दिसंबर : अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव के तहत स्थानीय हुडा पार्क के समक्ष आयोजित किए गए तीन दिवसीय गीता जयंती कार्यक्रम में भिवानी पर्यावरण शुद्धिकरण समिति ने स्टाल लगाकर पर्यावण को प्रदूषण मुक्त एवं शुद्ध बनाने के लिए बड़े जोर-शोर से तथा अंगूठे ढंग से प्रचार प्रसार किया। गीता जयंती महोत्सव में लगाई गई स्टॉल के माध्यम से भिवानी पर्यावरण शुद्धिकरण समिति संयोजक केके वर्मा ने वेस्ट काट कबाड़ से पौधों के लिए बनाए जा रहे ट्री गार्ड, बीज-बाल, घोंसले, दाना-पानी टीन, मसाल दानी, लेक्चर स्टैंड, गाय की खोर व खाद्य सामग्री टीन व काउ किचन बॉक्स, वेस्ट बोतलों, डिब्बों, नारियल से बनाए जा रहे घोंसलों, बच्चों के लिए काट गाड़ी व खिलौने (निशुल्क दिए जाते हैं) आदि बनाने का लाइव प्रदर्शन किया तथा महत्वपूण जानकारियां दी। जिसे देखकर मुख्य अतिथि विधायक घनश्याम सर्राफ, अतिरिक्त उपायुक्त हर्षित कुमार, एसडीएम महेश कुमार, सीटीएम विपिन कुमार एवं दर्शक बहुत प्रभावित हुए। वर्मा ने बताया कि समिति मात्र 200 रूपये की सिक्योरिटी लेकर ट्री-गार्ड नि:शुल्क उपलब्ध करवाती है, जिसे अगले साल पौधा देखकर 250 में वापस भी ले लिया जाता है।
मुख्य अतिथि ने इस योजना के संचालन हेतु समिति को 20 हजार रूपये देने की घोषणा की। दर्शकों ने स्टॉल पर कबाड़ से जुगाड़ अभियान की प्रशंसा की और फालतू पड़े काट कबाड़ को ना जलाकर कबाड़ से जुगाड़ के अंतर्गत उपयोगी आर्टिकल बनाने या समिति को डोनेट करने में रुचि दिखाई तथा नगर को साफ, स्वच्छ व सुंदर बनाने के लिए समिति द्वारा 12 बिंदुओं के संकल्प पत्र पर हस्ताक्षर किए और पर्यावरण के मुद्दे पर सैंकड़ों स्लोगन लिखकर अपनी भावनाओं को प्रदर्शित किया। समिति संयोजक केके वर्मा ने बताया कि संस्था का मुख्य उद्देश्य काट कबाड़ व कूड़ा करकट जलाने को बंद करवा कर ट्री गार्ड व अन्य उपयोगी उपकरण बनाकर पौधों के सर्वाइवल रेट को बढ़ाना व पशु पक्षियों के जीवन को भी सुरक्षा देना है। बच्चों को वेस्ट से सामान बनाना सीखना और खिलौने से खेल कर मोबाइल से छुटकारा दिलाना भी उद्देश्य है।जनता को गायों व पशुओं के खाने योग्य सामग्री, गीले कचरे से खाद बनाने और सुखे कचरे को अलग-अलग छांटकर रिसाइकल हेतु भेजने के लिए प्रेरित करना है, जिससे आने वाली संतति सुखी, स्वस्थ, सुंदर व शांतिपूर्ण जीवन जी सके। उन्होंने बताया कि यह कार्य अकेले प्रशासन से नहीं, पर्यावरण संरक्षण अभियान को जन भागीदारी सेजन आंदोलन बनाने से ही संभव हो सकेगा। स्टॉल संचालन में अजीत यादव, ओमप्रकाश तनेजा, सतनारायण मित्तल सुभाष गोयल रमेश बंसल,विजय सिंह मार, रमेश सैनी, नरेश आहूजा, सुरेश सैनी, आत्म प्रकाश टुटेजा ,सुरेंद्र जैन बी.के जावला, नीरज वर्मा, मनोज जैन, प्रशांत, शंकर, राहुल, नवीन आदि का सहयोग रहा।